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लाइफस्टाइल

World Heart Day 2023: विश्व हृदय दिवस का इतिहास , महत्व और थीम

नई दिल्लीः ‘कहते हैं न दिल खुश तो सब खुश’… यह सिर्फ बोलने वाली बात नहीं है बल्कि सोचने और समझने वाली बात है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए हर साल 29 सितंबर को ‘वर्ल्ड हार्ट डे’ पूरी दुनिया में मनाया जाता है. अब आप सोचेंगे यह दिन मनाने के पीछे आखिर कारण क्या है? दरअसल, हम अपनी दिल को लेकर एकदम बेफ्रिक रहते हैं. लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है. यह हमारे शरीर में एक पंप सिस्टम की तरह काम करता है. अगर दिल या उसमें होने वाली ब्लड सर्कुलेशन में किसी भी तरह की गड़बड़ी हई तो व्यक्ति हार्ट अटैक, स्ट्रौक और हार्ट फेल का शिकार हो जाता है. इतना ही नहीं उसकी जान भी जा सकती है.

कैसे काम करता है दिल?

दिल शरीर का अहम हिस्सा है. ये शरीर के सभी अंगों में ऑक्सीजन पहुंचाता है इसलिए इसका ठीक रहना बहुत जरूरी है. हमारे कार्डियोवास्कुलर सिस्टम का सबसे जरूरी अंग दिल है. ये शरीर में ब्लड की सप्लाई करता है.हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे यानी विश्व हृदय दिवस मनाया जाता है. दिल हमारे शरीर का अहम अंग है और बीते कुछ सालों में हार्ट पेशेंट की संख्या तेजी से बढ़ी है. दिल को कमजोर बनाने के पीछे काफी हद लोग खुद जिम्मेदार माने जाते हैं. इस वजह से लोगों को कम उम्र में ही दिल का दौरा पड़ रहा है या फिर वे कोरोनरी हार्ट डिजीज समेत दिल की कई बीमारियों की चपेट में हैं.डब्ल्यूएचओ भी कह चुका है कि खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान की आदत कम उम्र में ही दिल का मरीज बना सकती है. लोगों को दिल के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए विश्व हृद्य दिवस मनाया जाता है.

वर्ल्ड हार्ट डे का इतिहास

पहला वर्ल्ड हार्ट डे साल 2000 में 24 सितंबर को मनाया गया था. इस दिन को मनाए जाने में एंटनी बेयस डी लूना का बड़ा हाथ रहा है. वे साल 1997 से 1999 तक वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन के अध्यक्ष रहे थे और ऐसा माना जाता है कि उन्होंने ने इस दिन को मनाए जाने का विचार सबसे पहले रखा था. वैसे बाद में 24 के बजाय 29 सितंबर से वर्ल्ड हार्ट डे सेलिब्रेट किया जाने लगा.वैश्विक विश्व हृदय दिवस की अवधारणा विश्व हृदय संघ के पूर्व अध्यक्ष एंटोनी बाई डी लूना द्वारा पेश की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से, विश्व हृदय दिवस आधिकारिक तौर पर 1999 में स्थापित किया गया था। पहला आधिकारिक उत्सव 24 सितंबर, 2000 को हुआ था। एक दशक से अधिक समय से, विश्व हृदय दिवस सितंबर के अंतिम रविवार को मनाया जाता था।2012 में, वैश्विक नेताओं ने कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों सहित गैर-संचारी रोगों के कारण मृत्यु दर को कम करने की तात्कालिकता को मान्यता दी। उन्होंने 2025 तक इन मौतों को 25% तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया। इस मिशन को प्राप्त करने के लिए, विश्व हृदय दिवस को 29 सितंबर की अपनी वर्तमान तारीख में स्थानांतरित कर दिया गया था। 90 से अधिक देश अब कार्डियोवैस्कुलर स्वास्थ्य के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए जागरूकता अभियान और कार्यक्रमों के आयोजन में भाग लेते हैं।

वर्ल्ड हार्ट डे का उद्देश्य

हर साल 29 सितंबर को, दुनिया भर के लोग विश्व हृदय दिवस मनाने के लिए एक साथ आते हैं। इस वैश्विक पहल का उद्देश्य हृदय रोग के बारे में जागरूकता बढ़ाना और कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों से निपटने के लिए निवारक उपायों को बढ़ावा देना है। हृदय रोग दुनिया भर में मृत्यु दर का प्रमुख कारण है, और यह दिन हृदय स्वास्थ्य के महत्व के महत्वपूर्ण अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है। ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन’ ने अपने रिपोर्ट में यह पहले ही साफ कर चुका है कि पूरी दुनिया में ‘दिल की बीमारी’ से मरने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है. हर साल दिल की बीमारी , हार्ट अटैक, हार्ट फेल, स्ट्रोक से 20.5 मिलियन से अधिक लोगों की जान जाती है. वहीं ‘वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन’ के मुताबिक दिल या उसमें होने वाली ब्लड सर्कुलेशन में हल्की सी भी गड़बड़ी होती है तो दिल का दौरा, स्ट्रोक और हार्ट फेल की संभावना बढ़ जाती है. पूरी दुनिया में ‘वर्ल्ड हार्ट डे’ मनाने के पीछ कारण यह ताकि लोगों को इससे जुड़ी बीमारी और दिल के महत्व को लेकर जागरूक किया जाए. उन्हें इस कार्यक्रम के जरिए बताया जाए कि क्या खाने से आपका दिल हेल्दी रहेगा. और कौन सा खाना आपके दिल को बीमार कर सकता है. क्योंकि पूरी दुनिया में ज्यादातर लोग ऐसे हैं जिनकी लाइफस्टाइल और खराब खानपान की वजह से उन्हें दिल के दौरा का सामना करना पड़ता है.

वर्ल्ड हार्ट डे की थीम

साल 2023 यानी इस बार वर्ल्ड हार्ट डे की थीम ‘Use Heart, Know Heart’ रखी गई है.वर्ल्ड हार्ट डे 2023 का थीम है ‘दिल को किस तरह से सेहतमंद या हेल्दी रखें और दिल को जानें’ वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन की ओर से इस थीम का ऐलान किया गया है.2023 में विश्व हृदय दिवस के लिए थीम, “यूज़ हार्ट”, दिन के विषय और महत्व को बढ़ावा देने के लिए एक प्रतीक के रूप में हृदय इमोजी के उपयोग को प्रोत्साहित करता है। इमोजी संचार का एक सार्वभौमिक रूप है जो भाषा बाधाओं को पार करता है, जिससे उन्हें महत्वपूर्ण संदेश देने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बना दिया जाता है। दिल की इमोजी दिल के स्वास्थ्य के लिए प्यार, देखभाल और ध्यान के दृश्य प्रतिनिधित्व के रूप में कार्य करती है।

क्या है वर्ल्ड हार्ट डे का महत्व

“दिल को जानें” हृदय स्वास्थ्य के बारे में ज्ञान के महत्व को रेखांकित करता है।बढ़ा हुआ बैड कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, या ओवरवेट जैसी कई समस्याएं दिल को कमजोर बनाती हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक पूरे विश्व में कैंसर से ज्यादा दिल की बीमारियों से लोगों की मौत हो रही है. वर्ल्ड हार्ट डे के जरिए लोगों को जागरूक किया जाता है कि दिल की सेहत को दुरुस्त रखना कितना जरूरी है.बहुत से लोगों को कार्डियोवैस्कुलर कल्याण के बारे में आवश्यक जानकारी की कमी होती है। जागरूकता बढ़ाने और व्यक्तियों को उनके दिल के बारे में शिक्षित करके, यह विषय लोगों को उनकी भलाई पर नियंत्रण रखने के लिए सशक्त बनाता है। जब लोग अपने दिल के बारे में अधिक जानते हैं, तो वे सूचित निर्णय ले सकते हैं और हृदय स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए सक्रिय कदम उठा सकते हैं।

29 सितंबर को मनाया जाता है ‘वर्ल्ड हार्ट डे’

‘वर्ल्ड हार्ट डे’ मनाने के पीछ सबसे कारण है लोगों को लाइफस्टाइल, हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज को लेकर जागरूक करना. वहीं ज्यादा से ज्यादा लोगों को बताना कि धूम्रपान शरीर के लिए ठीक नहीं है, स्ट्रेस, हाई बीपी, हाई कोलेस्ट्रोल, डायबिटीज किस तरह से धीरे-धीरे दिल की बीमार कर देती है. इस दिन पूरी दुनिया में इससे जुड़े खास कार्यक्रम किए जाते हैं. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इससे जुड़ सकें.29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे के रूप में पूरी दुनिया में इसलिए मनाया जाता है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को दिल से जुड़ी बीमारी के लिए जागरूक किया जाए ताकि वह समय रहते ही इससे बच सके.

दिल को सेहतमंद और हेल्दी रखने के यह उपाय

दिल की बीमारी सबसे ज्यादा खराब खानपान और लाइफस्टाइल की वजह से होती है. इसलिए अपने दिल को हेल्दी और खुश रखना है तो पोषक तत्व खाएं क्योंकि आपका दिल खुश तो पूरा शरीर खुश रहेगा. दिल बीमारी तो वह आपके पूरे शरीर को बीमार कर देगा.

दिल को जानें

दिल को जानें से अर्थ यह है कि अगर हार्ट अटैक, या आपको किसी तरह की दिक्कत हो रही है तो इन छोटे-छोटे संकेत को पहचानें. अपने दिल को जानें क्योंकि दिल जब किसी भी खतरे में होता है तो वह अपने तरफ से पूरी कोशिश करता है कि आपकी जान बच जाए और वह सिग्नल देता है लेकिन इंसान उसे अनदेखा कर देता है. इसलिए इस साल इस खास थीम को शामिल किया गया है कि दिल को जानें. आपको जानना बेहद जरूरी है कि आपका दिल हेल्दी है या नहीं. इसलिए लिए आपको हमेशा एक टाइम गैप के बाद डॉक्टर से चेकअप करवाना चाहिए.कार्डियोवैस्कुलर बीमारी एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट है, जो सालाना 20.5 मिलियन से अधिक लोगों की जान लेता है। दिल के दौरे, स्ट्रोक और दिल की विफलता जैसी स्थितियां इन मौतों के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए जिम्मेदार हैं। वास्तव में, कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां दुनिया भर में मृत्यु दर का प्रमुख कारण हैं, जो सभी वैश्विक मौतों का लगभग 31% है। दिल का दौरा, स्ट्रोक और कोरोनरी हृदय रोग सबसे आम दोषियों में से हैं।

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

डॉ. सुभेंदु मोहंती का कहना है कि युवाओं में हार्ट की प्रॉब्लम एक बड़ा मुद्दा है. डॉ. के मुताबिक युवा पीढ़ी में हार्ट की समस्याएं बढ़ती जा रही है. युवाओं को हार्ट समस्याओं का सामना करने के कई कारण हो सकते हैं. एक मुख्य कारण अस्वस्थ खान-पान और अल्कोहल, तंबाकू और दवाओं का अधिक सेवन हो सकता है.

एक्सरसाइज करते समय हार्ट अटैक का खतरा क्यों

डॉक्टरों के मुताबिक, जिम या डांस करते समय शरीर में ऑक्सीजन की मांग बढ़ जाती है. जिसका असर हार्ट पर पड़ता है. हार्ट तेजी से पंप करने लगता है. नसों में ब्लड की सप्लाई तेज होने से हार्ट ठीक तरह से फंक्शन नहीं कर पाता है और अटैक आ जाता है. 50 से 70 फीसदी तक ब्लॉकेज वाले लोगों में यह समस्या ज्यादा बढ़ रही है. इसकी वजह से हार्ट अटैक आ रहा है.

एक्सरसाइज करते समय रखें सावधानी

अचानक से हैवी वर्कआउट करने से बचें
हमेशा हल्की एक्सरसाइज से ही शुरुआत करें. 
एक्सरसाइज के दौरान बेचैनी महूसस होने पर तुरंत वर्कआउट छोड़ दें.
स्टेरॉयड लेकर हैवी वर्कआउट करने से बचें.
चेस्ट में होने वाले दर्द को हल्के में न लें और डॉक्टर से जरूर मिलें.

हार्ट अटैक आज जानलेवा बनता जा रहा है. साल दर साल इससे होने वाले मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है. कोरोना के बाद तो दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ी हैं. कार्डियो मैटाबोलिक इंस्टीट्यूट की रिसर्च के मुताबिक, साल 2016 से लेकर 2022 तक 20 से 30 साल वालों में हार्ट अटैक के केस हर साल दो फीसदी तक बढ़े हैं. जिम में वर्कआउट करने के दौरान भी हार्ट अटैक आने में तेजी आई है. कई मामलों में तो मौके पर ही मौत हो गई है. इसका कारण डॉक्टर दिल की नसों में हुए ब्लड क्लॉट बनना बता रहे हैं. ऐसे में एक्सरसाइज करते समय कुछ बातों का ध्यान रख हार्ट अटैक के रिस्क (Heart Attack Risk) को कम कर सकते हैं.

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