x
लाइफस्टाइल

लड़का होगा या लड़की पहचानने के कुछ फेमस तरीके


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

मुंबई – हर कपल्स का सपना होता है की वो माता-पिता बने। ये वो सुनेहरा पल होता है जो उनके जीवन को खुशियों से भर देता है। लेकिन ज्यादातर कपल्स फैमिली प्‍लानिंग या बेबी प्‍लानिंग के बारे में राय अलग-अलग होती है। किसी को बेटा चाहिए होता है तो कोई बेटी की चाहत रखता है। हालाँकि दोनों चाहे बीटा हो या बेटी एकसमान है। हम सभी जानते है किसी भी तरह से बेटा या बेटी पैदा करना हमारे हाथ में नहीं होता है।

फिर भी महिलाओं के बीच इस बात को लेकर कुछ भ्रम या यूं कह लीजिए कि मान्‍यताएं फैली हुई है। कुछ तरीकों या स्थितियों से बेटा या बेटी होने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है। इन तरीकों को सच साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद नहीं है। अगर आप भी प्रेगनेंट है और सोच रही है आपको बेटा होगा या बेटी या आप कंसीव करना चाहती है और सोच रही है कि किस तरह लड़का या लड़की पैदा कर सकती है, तो आपको बता दें कि इसे लेकर महिलाओं के बीच कुछ मान्‍यताएं प्रचलित है।

बेटा ही होगा पैदा :
लड़का पैदा करने की संभावना निम्‍न स्थितियों में बढ़ सकती है :
ओवुलेशन वाले दिन सेक्‍स करने पर।
पार्टनर से पहले आप ऑर्गेज्‍म तक पहुंच जाती है तो, क्‍योंकि इससे एल्‍केलाइन फ्लूइड रिलीज होता है। यह वजाइना की नैचुरल एसिडिटी से ज्‍यादा मेल स्‍पर्म फ्रेंडली होता है।
सेक्‍स के दौरान लिंग का अंदर तक जाना।
पार्टनर का स्‍पर्म काउंट अधिक होना।

इसके अलावा ओवुलेशन से एक हफ्ते पहले सेक्‍स न करना और फिर सीधा ओवुलेशन वाले दिन एक बार सेक्‍स करना। इससे स्‍पर्म काउंट ज्‍यादा रहता है। इसके अलावा रात में सेक्‍स करने से भी बेटा पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही में पार्टनर का यौन अंग ठंडा रहने और नमकीन चीजें खाने, मांसद-मछली, मैदा, पास्‍ता और ताजे फलों के साथ कुछ सब्जियां खाने लेकिन दूध और योगर्ट एवं दही जैसे डेयरी प्रॉडक्‍ट्स न लेने, नट्स, चॉकलेट आदि खाने से भी बेटा पैदा हो सकता है।

इसी तरह कुछ स्थितियों में बेटी होने की संभावना भी बढ़ सकती है :
ओवुलेशन से कुछ दिन पहले सेक्‍स करने पर।
पार्टनर के आपसे पहले ऑर्गेज्‍म तक पहुंचने पर।
जल्‍दी-जल्‍दी सेक्‍स करने पर।
लिंग के ज्‍यादा अंदर न जाने पर।
ओवुलेशन से चार से पांच दिन पहले गर्भनिरोधक का इस्‍तेमाल बंद करने पर।

बता दे की बेटा होगा या बेटी या फिर जुड़वा बच्‍चे होंगे, इनमें से कोई भी चीज हम खुद नहीं चुन सकते है। लड़का होगा या लड़की, यह मेल पार्टनर से महिला के शरीर में पहुंचे क्रोमोसोम पर निर्भर करता है और जुड़वा बच्‍चे होना ज्‍यादातर अनुवांशिक होता है। वैसे भी भारत में लिंग परिक्षण करना कानूनन अपराध है।

गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक (PCPNDT) अधिनियम, 1994 भारत में कन्या भ्रूण हत्या को रोकने और भारत में गिरते लिंगानुपात को रोकने के लिए अधिनियमित भारत की संसद का एक अधिनियम है। इस अधिनियम ने प्रसव पूर्व लिंग निर्धारण पर प्रतिबंध लगा दिया। गर्भधारण से पहले और बाद में लिंग चयन (प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस) की क्षमता के साथ इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) जैसी प्रसव पूर्व निदान तकनीकों की काउंसलिंग या संचालन में लगे प्रत्येक आनुवंशिक परामर्श केंद्र, आनुवंशिक प्रयोगशाला या आनुवंशिक क्लिनिक PCPNDT अधिनियम के पूर्वावलोकन के अंतर्गत आता है।

कोई भी व्यक्ति जो प्रसव पूर्व और गर्भधारण पूर्व लिंग निर्धारण सुविधाओं के लिए नोटिस, सर्कुलर, लेबल, रैपर या किसी दस्तावेज़ के रूप में विज्ञापन डालता है, या इलेक्ट्रॉनिक या प्रिंट रूप में आंतरिक या अन्य मीडिया के माध्यम से विज्ञापन करता है या किसी भी दृश्य में संलग्न है होर्डिंग, वॉल पेंटिंग, सिग्नल, लाइट, साउंड, स्मोक या गैस के माध्यम से किए गए प्रतिनिधित्व को तीन साल तक की कैद और 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

Back to top button