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लाइफस्टाइल

पीरियड्स में भी महिलाओं को रनिंग करने से होते है कई फायदे


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मुंबई – हर महिला को हर महीने पीरियड्स से होकर गुजरना पड़ता है। पीरियड्स के दिन महिलाओं के लिए कष्टकारी होते है। शुरू के दो दिन महिलाओं को शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इन दिनों में महिलाओं को पेट, कमर, पैर, सिर आदि में दर्द होता है। इसलिए बहुत से लोग पीरियड के दौरान आराम करने की सलाह देते है। लेकिन डॉक्टरों की मानें तो पीरियड में लाइट वर्कआउट किया जा सकता है।

एक्सपर्ट्स की मानें तो पीरियड्स के दौरान महिलाओं को शारीरिक रूप से एक्टिव रहना चाहिए, हालांकि कुछ महिलाओं को इस दौरान बेहद दर्द होता है और बेड पर ही रहती है। कई महिलाएं कुछ हल्के-फुल्के एक्सरसाइज, योग या वर्कआउट करती है, ताकि पीरियड्स के दौरान आराम पहुंचे। क्योंकि पीरियड्स में रनिंग करने से उस समय होने वाले दर्द, ऐंठन और तनाव से छुटकारा मिलता है। दौड़ना एक प्रकार की लाइट एक्सरसाइज है। मासिक धर्म में दौड़ते समय शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि जब आप पीरियड्स में होती हैं तो अतिरिक्त तरल पदार्थ का उपयोग करती है।

एंडोर्फिन हार्मोन महिलाओं के शरीर में निवारक की तरह काम करता है और दर्द और थकान को कम करने में बहुत मदद करता है। जब आप दौड़ती है तो बॉडी में एंडोर्फिन का स्तर बढ़ता है। इससे पीरियड होने वाले दर्द, थकान, तनाव को दूर करने में मदद मिलती है। आपको सुनने में अजीब लगेगा लेकिन ये सच है कि पीरियस में दौड़ने के भी फायदे होते है। आप पीरियड में दौड़ती है तो शरीर में एंडॉर्फिन हॉर्मोन का स्तर तेजी से बढ़ता है और ये दर्द को दूर करता है। जब आप रनिंग करती है तो ये हार्मोन का निर्भाण बढ़ता है, जो तनाव, थकान, शारीरिक दर्द को दूर करने में मदद करता है। अक्सर पीरियड्स में दर्द होने के कारण महिलाएं पूरे दिन लेटी रहती है, जिससे मांसपेशियां और सख्त हो जाती है जो शरीर को और कष्ट देती है। लेकिन दौड़ने से मांसपेशियां एक्टिव होती हैं, जिससे आपको काफी आराम मिलता है।

लड़कियों में पीरियड के दौरान मूड स्विंग्स होना बहुत आम बात है। इसे ठीक करने में रनिंग आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा रनिंग से महिलाओं में पीएमएस के लक्षणों को भी कम किया जा सकता है। जब महिलाएं पीरियड में रनिंग करती है तो इससे उनके अंदर सहन-शक्ति का विकास होता है। माहवारी के दौरान महिलाओं में फीमेल हॉर्मोन की कमी हो जाती है जिसकी वजह से थकान और कमजोरी लगती है। मासिक धर्म में दौड़ने से इन सभी समस्यों से छुटकारा मिल सकता है। रनिंग करने से पहले वार्म अप करने के लिए डायनामिक स्ट्रेच करें। डायनेमिक स्ट्रेच में गति शामिल होती है और आपकी मांसपेशियों को चलाने में मदद मिलती है। वे भी ऐंठन को कम करने में मदद कर सकते है।

आप पीरियड्स के दौरान रनिंग कर रही है तो शरीर में पानी की कमी ना होने दें। ज्यादा से ज्यादा लिक्विड पदार्थ का सेवन करें। कभी भी आप लगातार नहीं दौड़ें। बीच में ब्रेक लेकर ही आप रनिंग करे। जहां तक हो हमेशा थोड़ी सी धीमी गति से रनिंग करें। पीरियड्स के दौरान हेल्दी और पौष्टिक तत्वों से भरपूर चीजें जैसे नट्स, हरी सब्जियां, फल, दाल आदि खाएं। दौड़ते समय हाइड्रेट रहना हमेशा महत्वपूर्ण होता है, लेकिन इससे भी अधिक जब आप पीरियड से होती है। इस समय आप अतिरिक्त तरल पदार्थ खो रहे होती है। पीरियड में रनिंग करने से पहले अच्छी तरह से आराम करें। अगर आप कोई काम करती है तो सप्ताह में एक दिन का रेस्ट लें और हर रात पर्याप्त नींद लें।

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