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विज्ञान

ISRO का सबसे छोटा रॉकेट अंतरिक्ष में हुआ सफलतापूर्वक लॉन्च

नई दिल्ली – छोटे सैटेलाइटों को अंतरिक्ष में छोड़ने के लिए बनाए गए इस सबसे छोटे रॉकेट की लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से हुई. यह SSLV का सेकेंड एडिशन है. इस आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया गया। इस रॉकेट के जरिए दुनियाभर के छोटे सैटेलाइट को आसानी से लॉन्च किया जा सकता है। एसएसलवी डी मिशन SSLV D2 मिशन को तीन पेलोड के साथ लॉन्च किया गया। सतीश धवन स्पेस सेंटर से इस स्पेसक्राफ्ट ने उड़ान भरी और 15 मिनट तक अंतरिक्ष का सफर तय किया, इसके बाद इसने 450 किलोमीटर के सर्कुलर ऑर्बिट में सैटेलाइट की स्थापना की।

इस रॉकेट की पहली टेस्टिंग उड़ान पिछले साल 9 अगस्त को विफल साबित हुई थी. रॉकेट के प्रेक्षेपित करते समय वेलोसिटी को लेकर दिक्कतें आई थी. इसरो की ओर से की जांच के बाद पता चला है कि दूसरे चरण के अलगाव के दौरान रॉकेट में कंपन आ गई थी जिसकी वजह से प्रयोग सफल नहीं हो पाया.

इस रॉकेट की बात करें तो इसकी कुल लंबाई 34 मीटर है और इसमे दो मीटर व्यास का व्हीकल लगा है, जिसके बाएं लेफ्ट का द्रव्यमान 120 टन है। बुधवार को इसरो की ओर से ट्वीट करके बताया गया था कि इसकी लॉन्चिंग 10 फरवरी को 9.18 बजे होगा। इस रॉकेट भारत के लिए एक बड़ी सफलता है क्योंकि इसकी मदद से अब आसानी से छोटे सैटेलाइट को लॉन्च किया जा सकता है।

इस रॉकेट की बात करें तो इसकी कुल लंबाई 34 मीटर है और इसमे दो मीटर व्यास का व्हीकल लगा है, जिसके बाएं लेफ्ट का द्रव्यमान 120 टन है। बुधवार को इसरो की ओर से ट्वीट करके बताया गया था कि इसकी लॉन्चिंग 10 फरवरी को 9.18 बजे होगा। इस रॉकेट भारत के लिए एक बड़ी सफलता है क्योंकि इसकी मदद से अब आसानी से छोटे सैटेलाइट को लॉन्च किया जा सकता है।

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