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लामा यानी ऊंट के शरीर में बनने वाली नैनोबॉडीज कोरोना से लड़ने में इंसान की मदद कर सकता हे


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दक्षिण अमेरिका – रिसर्च करने वाले ऑक्सफोर्डशायर के रोजालिंड फ्रैंकलिन इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं के मुताबिक, इन अमेरिकी ऊंट में बनने वाली नैनोबॉडीज कोरोना के अलग-अलग वैरिएंट्स से लड़ सकती हैं। कोरोना से संक्रमित जानवरों में ये नैनोबॉडीज देने पर उनके लक्षणों में कमी आई। दक्षिण अमेरिका में पाए जाने वाले लामा यानी ऊंट के शरीर में बनने वाली नैनोबॉडीज कोरोना से लड़ने में इंसान की मदद कर सकती हैं। वैज्ञानिकों का कहना है, नैनोबॉडीज प्रोटीन के मिलकर बनी होती हैं। वायरस से लड़ने वाले इस प्रोटीन को कोरोना पीड़ितों की नाक में स्प्रे के रूप में दिया जा सकता है। ये नैनोबॉडीज एक तरह की एंटीबॉडीज ही हैं।

प्रयेाग :
नेचर कम्युनिकेशन जर्नल में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक, लामा के शरीर में नैनोबॉडीज बनती रहती हैं। रिसर्च के लिए इनके शरीर में कोरोना का स्पाइक प्रोटीन छोड़ा गया। शरीर में स्पाइक प्रोटीन पहुंचने के बाद भी ये बीमार नहीं हुईं, बल्कि इनके शरीर ने वायरस को मात देने के लिए नैनोबॉडी बनाईं और कोरोना को रोकने में कामयाब रहीं। वैक्सीन भी इंसानों में इसी तरह से काम करती हैं। इसमें से 4 नैनोबॉडीज को अलग किया जो कोरोना को रोकने में कामयाब रहीं। सैम्पल लेने के बाद ऐसी ही नैनोबॉडीज लैब में तैयार की गईं। रिसर्च के दौरान पाया गया कि ये नैनोबॉडीज एक चेन बनाकर अपनी क्षमता को बढ़ाती हैं और कोरोना को संक्रमण फैलाने से रोकती हैं।

मरीज को देना आसान :
ह्यूमन एंटीबॉडीज के मुकाबले नैनोबॉडीज के फायदे ज्यादा हैं। इन्हें तैयार करना आसान है। इसे नेबुलाइजर या नेजल स्प्रे के जरिए सीधे मरीज को दिया जा सकता है। नैनोबॉडीज का यूनीक स्ट्रक्चर और ताकत कोविड को रोकने और इलाज करने में मदद करती है। क्लीनिकल स्टडी की मदद से इसे और समझने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले तक कोरोना से रिकवर होने वाले मरीजों से एंटीबॉडीज लेकर दूसरे संक्रमित मरीज का इलाज किया जा रहा था। नेजल स्प्रे की मदद से इस प्रक्रिया को आसान बनाया जा सकेगा।

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड को साथ जोड़कर फंडिंग के लिए करार किया गया है। ये मिलकर नैनोबॉडीज का ह्यूमन ट्रायल शुरू करेंगे। इससे पहले पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी और टेक्सास यूनिवर्सिटी की रिसर्च में साबित हो चुका है कि लामा की नैनोबॉडीज वायरस को रोकने में असरदार हैं।

शोधकर्ताओं ने लामा से निकाली गई तीसरी नैनोबॉडीज का कोरोना के अल्फा वैरिएंट्स पर असर देखा। रिपोर्ट में सामने आया कि इसने अल्फा वैरिएंट्स को न्यूट्रिलाइज कर दिया यानी उसे मात दे दी। चौथी नैनोबॉडीज भी बीटा वैरिएंट्स को खत्म करने में कामयाब रही।

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