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DGCA ने लागु किया नया नियम: विमान कर्मियों द्वारा नशीली दवाओं का दुरुपयोग माना जायेगा अपराध


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नई दिल्ली – हालही में नागरिक उड्डयन महानिदेशालय द्वारा प्लैन में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। हवाई सुरक्षा के लिए 31 जनवरी से, भारत में उड़ान चालक दल के सदस्यों और हवाई यातायात नियंत्रकों को भांग और कोकीन जैसे मनो-सक्रिय पदार्थों के लिए परीक्षण किया जाएगा। जिससे यात्रियों एवं विमान कर्मियों की जान की सुरक्षा आसान रहेगी। नया नियम ‘उड्डयन सुरक्षा के लिए गंभीर चिंताओं’ के कारण आवश्यक है।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय ने अधिसूचित किया है कि दुनिया भर में साइकोएक्टिव पदार्थों के इस्तेमाल का प्रसार इस तरह के कदम के पीछे का कारण है। साइकोएक्टिव पदार्थों की सामान्य उपलब्धता और नशे के आदी उपयोगकर्ताओं की बढ़ती संख्या ‘विमानन सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता’ है। जारी किये गए मसौदा नियम जहां उसने COVID19 महामारी के आने से पहले पिछले साल ही परीक्षण करने के लिए नैदानिक ​​​​बुनियादी ढांचा स्थापित करने का प्रस्ताव रखा था। अब नियामक कुछ हफ्ते पहले मसौदा नियमों का एक और सेट लेकर आया था।

DGCA के नए नियम :

  • परीक्षण करने की जिम्मेदारी एयरलाइंस और हवाई यातायात सेवा प्रदाता पर छोड़ दी जाती है, जैसे कि श्वास शराब परीक्षण।
  • अनुसूचित वाणिज्यिक एयरलाइनों और हवाई नेविगेशन सेवा प्रदाताओं को यादृच्छिक दवा परीक्षण करना होगा।
  • फ्लाइट क्रू मेंबर्स और उनके द्वारा नियोजित एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स में से कम से कम 10% को हर साल टेस्टिंग से गुजरना पड़ता है।
  • सभी हवाई सेवा प्रदाताओं को किसी भी व्यक्ति को नियुक्त करने या प्रशिक्षु पायलट को भर्ती करने से पहले दवा परीक्षण करना होता है। इसमें वाणिज्यिक विमान ऑपरेटर, रखरखाव और मरम्मत संगठन, उड़ान प्रशिक्षण संगठन, हवाई नेविगेशन सेवा प्रदाता शामिल है।
  • उन सभी विमानन कर्मियों पर पहले उपलब्ध अवसर पर एक परीक्षण आयोजित किया जाना है, जिन्होंने एक विदेशी नियामक को दवा परीक्षण से इनकार कर दिया है।
  • एम्फ़ैटेमिन, कैनबिस, कोकीन, ओपियेट्स, बार्बिटुरेट्स और बेंजोडायजेपाइन जैसे साइकोएक्टिव पदार्थों के लिए विमानन कर्मचारियों का परीक्षण किया जाएगा।
  • किसी भी सकारात्मक परीक्षण की सूचना 24 घंटे के भीतर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को देनी होगी।
  • यदि ड्रग टेस्ट की रिपोर्ट ‘नॉन नेगेटिव’ है, तो वे कर्मचारी को तुरंत ड्यूटी से हटा देंगे, जब तक कि उन्हें एक पुष्टिकरण रिपोर्ट नहीं मिल जाती। यदि पुष्टिकरण रिपोर्ट भी सकारात्मक है, तो कर्मचारी को पुनर्वास कार्यक्रम के लिए नशामुक्ति केंद्र में भेजा जाएगा।
  • दूसरी बार ड्रग टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने पर और तीसरी बार लाइसेंस रद्द होने पर कर्मचारी का लाइसेंस निलंबित माना जाएगा।

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) भारत में नागरिक उड्डयन को विनियमित करने के लिए भारतीय केंद्र सरकार का एक वैधानिक निकाय है। विमान (संशोधन) विधेयक, 2020 के तहत गठित, डीजीसीए विमानन दुर्घटनाओं और घटनाओं की जांच करता है। विमानन से संबंधित सभी नियमों को बनाए रखता है और भारत में PPL, SPL और CPL जैसे विमानन से संबंधित लाइसेंस जारी करने के लिए जिम्मेदार है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में सफदरजंग हवाई अड्डे के सामने श्री अरबिंदो मार्ग पर है। भारत सरकार अमेरिकी संघीय उड्डयन प्रशासन (FAA) की तर्ज पर बनाए गए नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (CAA) के साथ संगठन को बदलने की योजना बना रही है।

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