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Russia-Ukraine war: रूस एटमी हमले की धमकी पर NATO देशो में भगदड़


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नई दिल्ली – यूक्रेन पर रूस के एटमी हमले को फिलहाल असंभव घटना माना जा रहा है. लेकिन नाटो के देश ऐसा होने की हालत में अपने डरे हुए लोगों की भगदड़ को रोकने के लिए तुरंत मदद की योजना की फिर से जांच करने में जुट गए हैं. अगर रूस यूक्रेन में या उसके पास परमाणु बम विस्फोट करता है तो ऐसी हालत में अपने-अपने देश में अराजकता और दहशत को रोकने के लिए पश्चिमी देशों के अधिकारी पर्दे के पीछे ‘ बड़ी योजना’ बनाने में लगे हुए हैं. अगर पश्चिमी देश परमाणु हथियारों के इस्तेमाल को लेकर ब्लैकमेल करेंगे तो रूस भी अपनी पूरी ताकत से जवाब देगा, हम अपने देश की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं, इसके लिए पुतिन ने सेना के मोबिलाइजेशन को लेकर एक डिक्री पर साइन किया है.

रूस परमाणु हथियार का उपयोग करने की तैयारी कर रहा है. बहरहाल शीत युद्ध के दौरान पश्चिमी देशों में परमाणु युद्ध के समय खुद की सुरक्षा के लिए स्कूलों में अभ्यास कराया जाता था. 1950 के दशक में अमेरिका में डक एंड कवर अभियान, 1970 के दशक के अंत में ब्रिटेन में प्रोटेक्ट एंड सर्वाइव और 1960 के दशक की शुरुआत में पश्चिम जर्मनी में ‘हर किसी के पास एक मौका है’ ’जैसे अभियान चलाए जा चुके हैं. जिनका मकसद परमाणु युद्ध के समय लोगों को अपना बचाव करने के उपाय सिखाना था.

पुतिन ने रूस की मिलिट्री पावर को बढ़ाने के साथ यूक्रेन के डोनबास पर अपना कब्जा जमाने की तैयारी तेज कर दी है. डोनबास के अलावा रूस यूक्रेन के खेरसॉन और जपोरिजिया को अपना हिस्सा बनाने की कोशिश कर रहा है. पुतिन ने इन इलाकों में जनमत संग्रह कराने का आदेश दिया है.

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