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विज्ञान

मिल्की वे गैलेक्सी में बहोत सी मात्रा में ब्लैक होल दिखे


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मुंबई – वैज्ञानिकों के लिए वह स्थिति भी गहन अध्ययन की होती है जब दो ब्लैक होल पास में हों. लेकिन क्या हो अगर बहुत सारे ब्लैक होल आसपास हों जिनका विलय तो नहीं हो रहा हो, लेकिन उन आस पास के सक्रिय पदार्थ के बादलों से प्रकाश गूंज (Echo of light) की तरह टकराकर उछलकूद कर रही हो. ऐसा ही कुछ नजारा हमारे मिल्कीवे गैलेक्सी (Milky Way Galaxy) में गूंज वाले ऐसे 8 ब्लैक होल खोजे हैं.

मिल्की वे गैलेक्सी में अरबों चीजें घूम रही है, लेकिन उन्हें पहचानना एक मुश्किल काम है और हमें केवल कुछ ही पिंडों को खोज सके हैं. ऐसे इसलिए हैं कि इनमें से अधिकांश सक्रिय नहीं है, उन्हें विकिरण नहीं निकलता जिसे पकड़ा जा सके और उनकी पहचान हो सके. इसलिए ये पिंड या वस्तुएं अदृश्य ही रहती हैं. जब ब्लैक होल सक्रिय होते हैं, तो उनके आसपास भी काफी सक्रियता होती है.

ब्लैक होल के पास की संचयन तश्तरी में जब प्रकाश पहुचता है, तो वह प्रतिध्वनि या गूंज की तरह वापस प्रतिबिम्बित हो जाता है. ब्लैक होल की इन गूंजों की कहनी को विस्तार से जानने के लिए एमआईटी के खगोलभौतिकविद जिंगयीवांग की अगुआई में शोधकर्ताओं की टीम ने नए स्वचलित उरकरण का उपयोग किया जिसे रिवरबरेशन मशीन कहते हैं. इससे शोधकर्ताओं ने नासा के NICER एक्स रे वेधशाला के पुरातन आंकड़े निकाले.

प्रकाश की गूंज हमें ब्लैक होल के वातावरण के बारे में काफी कुछ बता सकती है. प्रकाश का शुरुआती विस्फोट के और बाद के प्रकाशीय गूंच दोनों तरह से विश्लेषण किया जा सकता है. इस प्रकाश से ब्लैक होलके बीच की दूरी को मापा जा सकता है. इसके अलावा इनके जरिए ब्लैक होल के कोरोना (ब्लैक होल का किनारा) और संचयन तश्तरी में बदलाव भी पता लागाया जा सकता है.

इस खोज केशोधकर्ताओं ने द्विज आठ तंत्रों की खोज की जिसमें एक ब्लैक होल था. साथी द्विज तारे के होने से ब्लैक होल ने धीर धीरे उसी तारे का सारा पदार्थ निगल लिया. जिसके बाद से वे अब हमारे सूर्य से 5 से 15 गुना भारी ब्लैग होल हो गए जहां उनका द्विज साथी सामान्य सूर्य के समान कम भार वाला तारा है. यह अध्ययन एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है.

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