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अमित शाह का बड़ा दावा,अरुणाचल में जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता


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नई दिल्ली – गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश की धरती से प्रदर्शनकारियों को करारा जवाब दिया। अमित शाह ने कहा कि भारत की सीमाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और हमारी जमीन पर कोई कब्जा नहीं कर सकता. भारत-चीन सीमा के पास किबितू गांव में अमित शाह ने चीन का नाम लिए बगैर कहा कि आज पूरा देश अपने घरों में आराम से सो सकता है क्योंकि हमारे आईटीबीपी के जवान और सेना दिन-रात सीमाओं पर गश्त कर रही है।

कोई हम पर बुरी नजर डालने की हिम्मत नहीं करता। बता दें कि अमित शाह इस समय अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर हैं. दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे अमित शाह ने अरुणाचल प्रदेश के किबिथू इलाके में वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम का उद्घाटन किया. इससे सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके साथ ही वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम को पलायन रोकने और सीमाओं को मजबूत करने की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

अमित शाह ने गृह मंत्री के रूप में पूर्वोत्तर राज्य की अपनी पहली यात्रा में भारत-चीन सीमा पर स्थित एक गांव किबिथू में ‘वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम’ (वीवीपी) का शुभारंभ किया। दो दिवसीय यात्रा के दौरान, उन्होंने लिकाबाली (अरुणाचल प्रदेश) का दौरा किया। छपारा (बिहार), नूरनाड (केरल) और विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। चीन और भारत के बीच तनाव के बीच गृह मंत्री इलाके का दौरा कर रहे हैं। चीन ने 2 अप्रैल को घोषणा की कि वह अरुणाचल प्रदेश में 11 स्थानों के नामों का “मानकीकरण” करेगा।

किबिथू गांव चीन की सीमा के पास है। अमित शाह की वाइब्रेंट विलेज योजना पर 4800 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। उनकी यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। क्योंकि हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश में 11 जगहों के नाम बदले हैं। अमित शाह के दौरे का चीन पर भी काफी असर पड़ा है। उनके दौरे को लेकर चीन में बवाल मचा हुआ है। शाह की अरुणाचल यात्रा पर चीन ने कहा कि वह गृह मंत्री की यात्रा का कड़ा विरोध करता है।

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