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कोरोना काल में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स है बेहद जरुरी, जानिए कैसे करता है काम


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नई दिल्ली – भारत में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे है। हालांकि पिछले कुछ समय से मामलों में कमी जरूर आई है। उस दौरान अस्पतालों, बेड्स और ऑक्सीजन की किल्लत हुई। अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से कई लोगों की मौत हुई। हालाकि सरकार की ओर से ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने की लगातार कोशिश की जा रही है।

ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं मिल पाने की स्थिति में लोग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से काम चला रहे हैं। कोरोना वायरस सीधे आपके लंग्स पर अटैक कर रहा है ऐसे में बहुत लोगों को सांस की परेशानी हो रही है। लोगों की इस बढ़ती परेशानी की वजह से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की भी डिमांड काफी तेजी से बढ़ गई है।

क्या होता हैं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर ?
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर एक डिवाइस है जो एंबियंट एयर से ऑक्सीजन को फिल्टर करती है। अगर किसी मरीज का ऑक्सीजन लेवल 90-94 प्रतिशत है तो आप ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से सांस ली जा सकती ह। इससे आपको सांस लेने में तकलीफ नहीं होगी।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर कैसे काम करता है?
बता दें वातावरण में सिर्फ 21 प्रतिशत ऑक्सीजन होता है। बाकी 78 प्रतिशत नाइट्रोजन और 1 प्रतिशत दूसरी गैस होती हैं। अब ऑक्सीजन कंसंट्रेटर हवा से सिर्फ ऑक्सीजन को फिल्टर करता है और दूसरी गैस को वापस छोड़ देता है। इससे मरीज को 90-95 प्रतिशत ऑक्सीजन मिल सकता है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ऑक्सीजन लेवल 90-94 प्रतिशत होने पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से सांस लेने में मदद मिल सकती है, लेकिन ऑक्सीजन लेवल इससे नीचे जाने पर आपको तुरंत हॉक्सिपट में एडमिट होने की जरूरत है। 90 प्रतिशत से नीचे ऑक्सीजन लेवल पहुंचने पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर से आराम नहीं मिलेगा।

ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और ऑक्सीजन सिलिंडर में अतंर
ऑक्सीजन सिलिंडर में मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन होता है। जिसमें करीब 99 प्रतिशत कंसंट्रेटेड ऑक्सीजन होता है। इसमें मौजूद एयर प्रेशराइज्ड होती है। इससे मरीज को एक्स्ट्रीमली हाई फ्लो रेट में ऑक्सीजन सप्लाई होता है। एक ऑक्सीजन सिलिंडर से एक मिनट में करीब 15 लीटर तक ऑक्सीजन सप्लाई होती है। इसे रिफिल कराना होता है।

वहीं ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 24×7 ऑपरेट हो सकते हैं। लेकिन, ये प्रेशराइज्ड ऑक्सीजन नहीं दे पाते हैं। इससे 1 मिनट में सिर्फ 5-10 लीटर ऑक्सीजन ही सप्लाई हो सकती है। इसलिए गंभीर रुप से बीमार मरीजों के लिए ये उपयुक्त नहीं है।

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