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‘उगादी पचड़ी’ है दक्षिण भारत की फेमस डिश,गर्मियों के लिए बहुत फायदेमंद-जानें रेसिपी


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नई दिल्लीः उगादि का अर्थ है युग की शुरुआत. इसे साल का पहला दिन भी कहा जाता है. तेलुगु राज्यों के लोग इस उगादि उत्सव को बड़ी श्रद्धा के साथ मनाते हैं. बुजुर्गों का कहना है कि शास्त्रों में भी उगादि पर्व को कैसे मनाया जाए इसका जिक्र किया गया है. उगादि कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश का प्रमुख त्योहार है. फसल कटने की खुशी में यहां भी एक डिश बनाई जाती है, जिसका नाम है उगादी पचड़ी. इस डिश को इम्यूनिटी बूस्टर के नाम से जाना जाता है. लोगों का मानना है कि यह डिश उन्हें गर्मी में लू से बचाती है और ठंडक भी प्रदान करती है. इसमें 7 प्रकार के स्वाद होते हैं.

उगादी पचड़ी के सात स्वाद होते हैं इनके प्रतीक

उगादी पचड़ी में 6 प्रकार के स्वाद पाए जाते हैं. ये छह प्रकार के स्वाद वास्तविक जीवन में आने वाली समस्याओं, कठिनाइयों, सुख, दुख, लाभ और खुशियों का संकेत देते हैं. विशेष रूप से, मीठा ख़ुशी का संकेत देता है, कड़वा दर्द का संकेत देता है, और मसालेदार दुःख का संकेत देता है. उगादि त्यौहार सभी तेलुगु लोगों के लिए नए साल की शुरुआत का प्रतीक है.

क्‍या होता है उगादी पचड़ी

उगादी पचड़ी 6 प्रकार के स्वाद वाली एक डिश है. ज‍िस तरह महाराष्‍ट्र में गुड़ी पड़वा मनाकर मराठी नए साल का स्‍वागत करते हैं उसी तरह दक्ष‍िण भारत में उगादी पर्व मनाया जाता है. परंपरा के अनुसार इस द‍िन उगादी पचड़ी बनाया जाता है. इस रेस‍िपी में 6 मुख्‍य फ्लेवर स्‍वीट, सॉल्‍ट, कड़वा, टैंगी, स्‍पाइसी और खट्टा फ्लेवर मौजूद होता है. उगादी पचड़ी एक तरह का पेय पदार्थ है. इसे लोग लू से बचने के ल‍िए भी गर्मी के द‍िनों में पीते हैं.

उगादी पचड़ी बनाने के लिए इस सामग्री की पड़ेगी जरूरत

उगादी पचड़ी बनाने के ल‍िए एक कप गुड़, इमली, एक कप कच्‍चा आम, संतरा, लाल म‍िर्च पाउडर, हरी म‍िर्ची, नमक, नीम पाउडर, केला, दालचीनी, घ‍िसा हुआ नार‍ियल, क‍िशम‍िश और पानी की जरूरत होगी।

घर में उपलब्ध सामग्रियों से तैयार होती है उगादि पचड़ी

उगादि के अवसर पर यह एक पेय (तेलुगु घरों में तैयार की जाती है) के रूप में तैयार किया जाता है। उगादि पचड़ी तैयार करने में मौसम के अनुकूल फलने वाले खाद्य पदार्थों का उपयोग किया जाता है। यह घर में उपलब्ध सामग्रियों से तैयार की जाती है। इसके फायदों के बारे में जानने से पहले यह जानें कि यह कैसे तैयार होती है।

इस तरह आप भी घर में बनाएं

सबसे पहले गुड़ को घिसकर उसका पाउडर बना लें. उसमें संतरे का रस मिला लें. इसके बाद कच्चे आम को छोटे-छोटे पीस में काट लें. इसमें इमली भी मिला लें. इमली मिलाने के बाद हरी मिर्च, केला और नीम के पाउडर का मिश्रण मिला दें. केले को मैश न करें बल्कि इसे छोटे-छोटे टुकड़े में काटकर डालें, इसके बाद मसाले भी तैयार हुए मिश्रण में डाल दें…अब सभी चीजों को अच्छी तरह से मिक्स कर लें. इस तरह से आपकी उगादी पचड़ी की रेसिपी तैयार हो गई.

इसके लिए आपको चाहिए

गुड़ का चूरा – 100 ग्राम
नीम के फूल-2 टेबल स्पून
मिर्च पाउडर- ¼ टी स्पून
छिलका सहित हरा आम– 3 टेबल स्पून, इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें
ताज़ी इमली का गूदा-30 ग्राम
सेंधा नमक – एक चुटकी
बारीक कटी हरी मिर्च – 2
नारियल – 3 टेबल स्पून
पानी – 1/2 कप
यदि गन्ना उपलब्ध है, तो 2 टेबल स्पून छीलकर और छोटे टुकड़ों में काटकर डाल सकती हैं.

यहां है उगादि पचड़ी की खास रेसिपी

एक बड़े बाउल में इमली का गूदा और गुड़ के पाउडर को अच्छी तरह मिला लें। अच्छी तरह मिलाने के लिए एक टेबलस्पून पानी मिला सकती हैं।इसमें आम के टुकड़े, नमक, मिर्च, मिर्च पाउडर, नीम का फूल, नारियल के टुकड़े और गन्ने के टुकड़े को भी डाल दें। यदि गाढा बनाना चाहती हैं, तो इसमें 2 केले भी मैश कर डाल सकती हैं।
पतला करने के लिए इसमें आवश्यकतानुसार पानी डाल सकती हैं।

यहां है उगादि पचड़ी के फायदे

लिवर से टॉक्सिन को बाहर निकालता है

इस डिश में मौजूद गुड़ नेचुरल स्वीटनर है, जो एनीमिया से बचाव करता है। यह पाचन में मदद कर कब्ज रोकता है। यह लिवर से टॉक्सिन को बाहर करने में मदद करता है।

एंटीइन्फ्लामेट्री और एंटी डायबिटिक

कई सामग्रियों में से एक इमली में मौजूद मैग्नीशियम और सोडियम रक्तचाप को बनाए रखने में मदद करता है। एंटीइन्फ्लामेट्री और एंटी डायबिटिक इमली फ्लेवोनॉयड्स से भी भरपूर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित करता है।

एंटी वायरल और एंटी सेप्टिक गुण

विटामिन बी1 (थियामिन), विटामिन बी3 (नियासिन) और पोटैशियम से भरपूर नीम का फूल ब्लड फ्लो बढ़ाता है। यह डायबिटीज को नियंत्रित करता है। इसके एंटी वायरल और एंटी सेप्टिक गुण घाव, संक्रमण और मौसमी बुखार से बचाव करते हैं। यह पिम्पल्स को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।

इम्यून सिस्टम मजबूत करती है हरी मिर्च

हरी मिर्च में कैल्शियम, आयरन, सोडियम, मैग्नीशियम, जिंक और कॉपर जैसे मिनरल्स भी होते हैं। यह विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन बी से भी भरपूर होता है। एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हरी मिर्च रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है।

पानी की कमी को रोकता है सेंधा नमक

आयरन, जिंक, निकल, कोबाल्ट, मैंगनीज और कॉपर और सोडियम से भरपूर रॉक साल्ट पानी की कमी को रोकता है। यह ओरल हेल्थ, मेंटल हेल्थ के लिए भी बढ़िया है।

हार्ट और गट हेल्थ को बढ़ावा देता है कच्चा आम

फोलेट, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, विटामिन के से भरपूर हरा आम डीहाइड्रेशन से बचाव करता है। यह हार्ट हेल्थ, लीवर और गट हेल्थ को बढ़ावा देता है। यह कई स्किन रोगों से भी बचाव करता है।

कैंसर के जोखिम से बचाव करता है गन्ना

कैल्शियम, मैग्नीशियम, पोटैशियम, आयरन और मैंगनीज से भरपूर गन्ने का रस प्रकृति में अल्केलाइन है। फ्लेवोनोइड्स की उपस्थिति शरीर को कैंसर कोशिकाओं से बचाव करती हैं।

मेटाबोलिज्म के लिए जरूरी नारियल

मैंगनीज से भरपूर नारियल हड्डियों के स्वास्थ्य और कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल के मेटाबोलिज्म के लिए जरूरी है।

सीमित मात्रा में करें उगादि पचड़ी का सेवन

उगादि पचड़ी में गर्म तासीर वाली सामग्रियां मिली होती हैं। इसका सेवन कम मात्रा में करना चाहिए, ताकि पाचन संबंधी कोई समस्या नहीं हो। इसे आप आम दिनों में भी बना सकती हैं, बशर्ते नीम के फूल और कच्चे आम और गन्ने फलने का मौसम हो।

उगादी पचड़ी में 6 मुख्‍य फ्लेवर बनाते हैं इसे खास

उगादी पचड़ी में 6 मुख्‍य फ्लेवर न स‍िर्फ हमारे टेस्‍ट के ल‍िए अच्‍छे होते हैं बल्‍क‍ि गर्मी के मौसम में इसका सेवन करने से लू नहीं लगती और रोग प्रत‍िरोधक क्षमता भी बनी रहती है। खट्टे स्‍वाद के ल‍िए उगादी पचड़ी में इमली डाली जाती है। मीठे स्‍वाद के ल‍िए उगादी पचड़ी में गुड़ डाला जाता है। सॉर और टैंगी टेस्‍ट के ल‍िए इस रेस‍िपी में कच्‍चा आम और नमक डाला जाता है। उगादी पचड़ी में कड़वे स्‍वाद के ल‍िए नीम ज‍िम्‍मेदार होता है। उगादी पचड़ी में स्‍पाइसी फ्लेवर लाल म‍िर्च पाउडर से आता है। इस सभी फ्लेवर को बनाने वाली सामग्री के हेल्‍थ बेनीफ‍िट्स आपको आगे जानने को म‍िलेंगे।

उगादी पचड़ी रेस‍िपी के फायदे

इस र‍ेस‍िपी में ये सारी सामग्री म‍िल जाने से ये एक स्‍वास्‍थ्‍य वर्धक औषधी बन जाती है जिसका सेवन हम सबको करना चाह‍िए। चल‍िए जानते हैं इस रेस‍िपी में डाले जाने वाले जरूरी सामग्री के स्‍वास्‍थ्‍य लाभ।

  • 1. उगादी पचड़ी में नीम का पाउडर डाला जाता है। नीम अपने आप में एक औषधी है, उसकी शाख, पत्‍ती या फूल सब में कुछ न कुछ फायदे मौजूद होते हैं, ये आपको स्‍क‍िन इंफेक्‍शन और वायरल फीवर के ल‍िए अच्‍छा होता है।
  • 2. नीम का सेवन डायब‍िटीज, मलेर‍िया जैसी बीमारियों के ल‍िए अच्‍छा होता है पर नीम को जब हम आम और इमली के साथ म‍िक्‍स करते हैं तो ये इम्‍यून‍िटी के लिए फायदेमंद होता है और पेट संबंधी रोग के ल‍िए भी नीम का सेवन फायदेमंद है।
  • 3. नीम के सेवन से पेट में मौजूद पैरासाइट्स खत्‍म हो जाते हैं ज‍िससे पेट से जुड़ी कोई परेशानी नहीं होती।
  • 4. इस रेस‍िपी में मौजूद कच्‍चा आम से ब्‍लड वैसल्‍स को इलास्‍ट‍िसिटी म‍िलती है ज‍िससे नए ब्‍लड वैसल्‍स बनते हैं।
  • 5. कच्‍चा आम बाइल्‍स को सीक्रीट करता है ज‍िससे बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन दूर होता है और ये लीवर को ड‍िटॉक्‍सीफाई करता है।
  • 6. कच्‍चा आम एस‍िड‍िटी, डाइजेशन के ल‍िए भी अच्‍छा होता है।
  • 7. इस रेस‍िपी में गुड़ भी डलता है। गुड़ लीवर के ल‍िए अच्‍छा माना जाता है। ये लीवर को ड‍िटॉक्‍सीफाई करता है। 
  • 8. उगादी पचड़ी में गुड़ डाला जाता है। गुड़ में ज‍िंक होता है ये एंटी-ऑक्‍सीडेंट होता है, । कोव‍िड से बचाव के ल‍िए एंटी-ऑक्‍सीडेंट लेने की सलाह दी जाती है। इससे इम्‍यून‍िटी बनी होती है।
  • 9. एंटी-ऑक्‍सीडेंट इंफेक्‍शन को बढ़ने नहीं देते। अगर आपको कोई स्‍क‍िन इंफेक्‍शन है तो भी आपको गुड़ का सेवन करना चाह‍िए। 
  • 10. इसके अलावा इस रेस‍िपी में इमली बहुत जरूरी सामग्री है। इमली का सेवन करने से डाइजेशन अच्‍छा रहता है।
  • 11. इमली को खाने से पेट दर्द या सूजन की श‍िकायत दूर होती है। अगर कोलेस्‍ट्रॉल लेवल बढ़ा है तो वो भी इमली से बैलेंस होता है।
  • 12. अगर आपको क‍िसी तरह का कोई स्‍क‍िन इंफेक्‍शन है तो आपको इमली का सेवन करना चाह‍िए।

इस मौसम में उगादी पचड़ी एक हेल्‍दी ड‍िश है, कोव‍िड को ध्‍यान में रखते हुए इस समय आपको हेल्‍दी फूड खाना चाह‍िए ज‍िससे आपकी इम्‍यून‍िटी बढ़े, कोश‍िश करें क‍ि ज्‍यादा से ज्‍यादा ताजे फल और सब्‍जियों को अपनी डाइट में शाम‍िल करें। 

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