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खांसते समय कपड़ों में ही निकल जाता है यूरिन, जानिये इसकी वजह


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मुंबई – हम में से कई लोग ऐसी बीमारियों से जूझते है जिसके बारे में अपने दोस्तों, संबंधियों और डॉक्टर्स तक को बताने से अपने आपको शर्मसार महसूस करते है। क्या आपको साथ कभी ऐसा हुआ है कि खांसने, छींकने, बहुत ज़्यादा चिंता करने या तेज़ हंसने पर हल्का सा यूरिन बाहर आ जाता हो।

टीनऐज में कदम रखते ही शरीर में कई तरह के बदलाव शुरू हो जाते है। ये बदलाव ज्यादातर हॉर्मोनल होते है। इस उम्र में लड़के और लड़कियों दोनों के ही शरीर में बहुत अधिक परिवर्तन चल रहे है। यही वह उम्र है जब लड़कियों को महावारी यानी पीरियड्स आने शुरू होते है। पीरियड्स का शुरू होना एक लड़की की मानसिक और शारीरिक सेहत को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। पेशाब पर काबू न होना, किसी बीमारी के अलावा दूसरी वजहों से भी हो सकता है। इस परेशानी को चिकित्सकीय रूप से मूत्र असंयम यानी यूआई के रूप में जाना जाता है। सबसे जरूरी है यह जानना कि आखिर इस तरह पेशाब निकलने की वजह क्या है।

मूत्र रिसाव, पेशाब निकल जाना या यूरिनरी लीक केवल बेडवेटिंग नहीं है, बल्कि जब आप टॉयलेट तक पहुंचने तक भी यूरिन कंट्रोल न किया जा सके, या खांसते समय, भारी वज़न उठाते है, टेनिस खेलते है या संभोग करते समय ऐसा हो जाए तो इसे यूरिनरी लीक की स्थि‍ति माना जाता है। इस रिसाव के अलग-अलग कारण हो सकते है। सबसे आम कारणों में मांसपेशियों की कमजोरी से लेकर गर्भाशय और मूत्राशय, जिसे पेल्विक फ्लोर मसल्स के रूप में जाना जाता है, के सपोर्ट का कम होने जैसे कारण शामिल है। इसके अलावा मुश्किल योनि प्रसव यानी नॉमर्ल डिलीवरी से पेल्विक फ्लोर पर बढ़ा दबाव, कोई पुरानी बीमारी, मोटापा, एक गर्भावस्था के बाद कम समय में ही दुबारा गर्भधारण करना आदि भी कारण हो सकते है।

ग्रोइंग बच्चों को जिस चीज पर सबसे अधिक ध्यान देना चाहिए, वह है उनकी पर्सनल हाइजीन। आज भी पैरंट्स इस मुद्दे पर बच्चों से बात करने में झिझकते है। लेकिन इस स्थिति को बदलने की जरूरत है। जब बच्चों को अपनी पर्सनल हाइजीन के बारे में पता नहीं होता है तो वे कई तरह के इंफेक्शन का शिकार हो जाते है। साथ ही झिझक के कारण अपनी बात किसी से साथ शेयर भी नहीं कर पाते हैं। इस कारण अक्सर ये इंफेक्शन गंभीर रूप ले लेते है। इस तरह की समस्या खासतौर पर लड़कियों में देखने को मिलती है। उन्हें पीरियड्स से जुड़ी जरूरी साफ-सफाई, पैड चेंज करने का सही समय आदि के बारे में पता नहीं होता है। इस कारण उनके प्राइवेट पार्ट में पनपनेवाला इंफेक्शन उनके शरीर के अंदरूनी हिस्सों में भी फैल जाता है। यूरिन इंफेक्शन या प्राइवेट पार्ट में पनपे अन्य बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण कई बार यह दिक्कत लड़कियों के गर्भाश्य तक पहुंच जाती है। इससे कुछ लड़कियों को शादी के बाद प्रेग्नेंसी में भी दिक्कत आती है।

उपचार :

  • आपके मूत्र रोग विशेषज्ञ से चर्चा करें। कई मरीज़ अपने लक्षणों की ‘शारीरिक’ प्रकृति से अवगत नहीं है और खुद को विक्षिप्त मानते है। अपने चिकित्सक के साथ समस्या पर चर्चा करना और यह समझना कि यह मनोवैज्ञानिक नहीं है, पहला कदम है।
  • यूरिन लीकेज को रोकने के लिए सबसे पहले आपको अपनी डायट में मीठी और खट्टी चीजों का सेवन बहुत ही कम या बंद करना होगा।
  • चाय-कॉफी और कैफीन की मात्रा लेना एकमद बंद कर दें। बहुत जरूरी हो तो दिनभर में 1 कप से ज्यादा चाय या कॉफी ना लें।
  • नियमित योग और एक्सर्साइज आपकी समस्या को दूर करने में सहायक होगी।
  • मूत्राशय की जलन से बचें जैसे कैफीन, चॉकलेट, मसालेदार भोजन, अम्लीय रस, कृत्रिम पेय पदार्थ न लें।
  • मोटापा कम करना और तनाव कंट्रोल कर स्थि‍ति बेहतर की जा सकती है।
  • यदि इन सबके बाद भी आपको राहत का अनुभव ना हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।

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