केदारनाथ धाम में दिखा हिमस्खलन,गिरा बर्फ का पहाड़ -वीडियो
नई दिल्ली – केदारनाथ मंदिर पीछे स्थित पहाड़ियों से बर्फ तेजी से नीचे लुढ़क रहा है. देखते ही देखते भूरा पहाड़ बर्फ की सफेद चादर में ओढ़ लेता है. हिमस्खलन की चपेट में आने वाले क्षेत्र को चोराबाड़ी ग्लेशियर कैचमेंट एरिया के रूप में जाना जाता है. यह स्थान केदारनाथ मंदिर परिसर से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस एवलांच में जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. अधिकारी स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं.
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An avalanche in Kedarnath is a village in the Himalayas, in the Rudraprayag district of the Indian state of Uttarakhand. India#Kedarnath #Avalanche pic.twitter.com/5Vegf5fVMA— BRAVE SPIRIT (@Brave_spirit81) September 23, 2022
हिमालय की हिमाच्छादित झील है जो 2013 में उफान पर थी और आधुनिक समय में उत्तराखंड में सबसे विनाशकारी बाढ़ का कारण बनी थी. जून 2013 में, उत्तराखंड में असामान्य वर्षा हुई थी, जिससे चोराबाड़ी ग्लेशियर पिघल गया और मंदाकिनी नदी में जलस्तर विनाशकारी स्तर पर पहुंच गया. इस भयावह बाढ़ ने उत्तराखंड के बड़े हिस्से को प्रभावित किया था. कथित तौर पर, केदारनाथ घाटी में जान माल का सर्वाधिक नुकसान हुआ था. दिल दहला देने वाली इस प्राकृतिक आपदा में करीब 5,000 से अधिक लोगों की मौत हुई थी.
हिमालय में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट फ्लडिंग (GLOF) का खतरा बढ़ रहा है. गत वर्षों में कई जीएलओएफ हिमालयी क्षेत्रों में फ्लैश फ्लड़ का कारण बने हैं, जिससे बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ, जबकि हजारों लोगों की जान भी गई. हाल के अध्ययनों में पाया गया है कि हिमालयी क्षेत्र के अधिकांश ग्लेशियर जलवायु परिवर्तन के साथ तेजी से पिघल रहे हैं. 1935 से 1996 के बीच औसत हिमनदों के पीछे हटने की दर 20 मीटर प्रति वर्ष थी जो उसके बाद बढ़कर 38 मीटर प्रति वर्ष हो गई है.
विशालकाय चट्टान खिसककर मंदिर के ठीक पीछे आ टिकी थी, जिससे पानी की धार बंट गई और मंदिर क्षतिग्रस्त होने से बच गया. इस त्रासदी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी देखरेख में केदारनाथ धाम पुर्नविकास परियोजना की नींव रखी. जिसके तहत पूरे मंदिर परिसर को फिर से बसाया गया. धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए. तमाम तरह के विकास संबंधित काम हुए. आसपास की नदियों के किनारे पक्के घाट बनाए गए. जलकुंडों को संरक्षित किया गया. हेलीपैड, अस्पताल, यात्रियों के लिए लाॅज, पंडों पुजारियों के लिए आश्रय स्थल का निर्माण हुआ.