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23 या 24 मार्च को योगी मंत्रिमंडल का गठन, केशव की कुर्सी बरकरार रहेगी, खतरे में दिनेश शर्मा

यूपी : भाजपा ने उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बनने वाली नई सरकार के मंत्रिमंडल के सदस्यों और विधान परिषद चुनाव में पार्टी उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए हैं। मंत्रिमंडल में उपमुख्यमंत्री भी रहेंगे। करीब बीस नए चेहरे भी शामिल होने की संभावना है। कार्यवाहक उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मंत्रिमंडल में बने रहेंगे, जबकि डॉ. दिनेश शर्मा की भूमिका बदली जा सकती है। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम योगी आदित्यनाथ, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव जितिन प्र सिंह व उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में हुई उच्चस्तरीय बैठक में विधान परिषद चुनाव में पार्टी के 36 उम्मीदवारों की सूची पर भी मुहर लगाई गई। पार्टी पदाधिकारियों संग कार्यकर्ताओं को भी चुनाव लड़ाया जाएगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, योगी मंत्रिमंडल के पहले चरण में शामिल होने वाले सदस्यों के नाम पर भी सैद्धांतिक सहमति हो गई है। मंत्रिमंडल में पीएम नरेंद्र मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास की झलक देखने को मिलेगी।

विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत में महिला वोट बैंक की बड़ी भूमिका रही है। लिहाजा महिलाओं को पर्याप्त प्रतिनिधित्व देकर पार्टी महिलाओं की नई लीडरशिप भी खड़ी करेगी।

वहीं, बसपा के समर्पित मतदाताओं के भाजपा के समर्थन में आने को देखते हुए पार्टी इस वोट बैंक में अपना आधार और बड़ा करना चाहती है। ऐसे में नई सरकार में जाटव बिरादरी से किसी को या तो डिप्टी सीएम बनाया जाएगा या विधानसभा अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी।

चुनाव में 11 मंत्री हार गए, जबकि चार पहले ही सपा में चले गए। वहीं, करीब आधा दर्जन अन्य मंत्रियों के काम से पार्टी नेतृत्व संतुष्ट नहीं है। ऐसे में इनकी जगह नए चेहरे लाने की भी संभावना है।

नई टीम में प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भी मंत्री बनाया जा सकता है। पुराने मंत्रियों में सिद्धार्थ नाथ सिंह, ब्रजेश पाठक, नंदगोपाल नंदी, सूर्य प्रताप शाही, रामपाल वर्मा, आशुतोष टंडन, मोहसिन रजा, अनिल राजभर और संदीप सिंह के नाम हैं। पूर्व आईपीएस असीम अरुण, राजेश्वर सिंह, जितिन प्रसाद, एके शर्मा, बेबी रानी मौर्य, अंजुला माहौर, प्रतिभा शुक्ला को भी मंत्री बनाया जाना तय माना जा रहा है।

चार राज्यों में सरकार गठन के मामले में प्रधानमंत्री ने पार्टी के लिए अगले 25 साल का नेतृत्व तैयार करने का निर्देश दिया है। उनकी इच्छा है कि जातीय-सामाजिक संतुलन साधने के क्रम में संबंधित जाति वर्ग के उन्हीं विधायकों को पहली प्राथमिकता दी जाए जो उच्च शिक्षित हों। इसके अलावा प्रशासनिक और तकनीकी मामलों में दक्ष हों। पीएम के निर्देश के बाद सभी राज्यों के विधायकों का पहले डाटा तैयार किया गया। इसके बाद नई टीम के गठन पर विचार-विमर्श हुआ।

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