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Ranji Trophy 2024: एक ही मैच खेलने पहुंची दो टीमें,मचा बड़ा बवाल की फोड़ डाला बड़े पदाधिकारी का सिर

नई दिल्ली – रणजी ट्रॉफी 2024 के सीजन के पहले ही मैच में बिहार क्रिकेट में बवाल मच गया। लंबे समय बाद बिहार में रणजी ट्रॉफी के मुकाबले खेले जा रहे हैं.मेजबान टीम का पहला मैच टूर्नामेंट की सबसे मजबूत टीमों में से एक मुंबई के साथ है. मुंबई की टीम बिहार की राजधानी पटना पहुंची हुई है.दोनों टीमों के बीच यह मुकाबला शुरू होता इससे पहले ही कुछ ऐसा हुआ जिससे बिहार क्रिकेट की सरेआम फजीहत हो गई.

रणजी ट्राफी में दो अलग-अलग टीमों का दावा

दो अलग-अलग टीमों ने दावा किया कि वो रणजी ट्राफी में बिहार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. शुक्रवार को रणजी ट्राफी में एलिट ग्रुप बी में बिहार का सामना मुंबई से होना था और इस दौरान यह गजब वाक्या देखने को मिला. इसके चलते मुकाबला लगभग 1 बजे शुरू हो सका. इस दौरान अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक और मामूली झड़प हुई. ऐसा बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (बीसीए) के दो गुटों के बीच की लड़ाई के चलते हुआ और अंत में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मैच शुरू हो सका.

कया था पूरा मामला की ओसडी का सिर फोड़ दिया

मैच शुरू होने के एक दिन पहले बीसीए की तरफ से दो टीमों का ऐलान किया गया. एक बीसीए अध्यक्ष की तरफ से वहीं दूसरी बर्खास्त सचिव की तरफ टीम की लिस्ट जारी की गई थी. जब पूर्व सचिव की टीम मैच खेलने पहुंची तो उसे स्टेडियम में एंट्री नहीं मिली. काफी बहस बाजी के बाद पुलिस ने उन्हें बस में बैठाकर स्टेडियम से बाहर कर दिया.दूसरी तरफ स्टेडियम के बाहर बीसीए के ओएसडी पर जानलेवा हमला हो गया.हमले में ओसडी का सिर फोड़ दिया गया. बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार तिवारी ने इस हमले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि दोषी व्यक्ति की पहचान कर उनके ऊपर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि वे दोबारा ऐसी घटना को अंजाम देने के बारे सोचें भी नहीं.

दोनों पक्षों ने क्या कहा?

पिछले कुछ सालों से बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की छवि सुधरने लगी थी.ऐसे में राकेश तिवारी और अमित के बीच विवाद ने एक बार फिर से मामला बिगाड़ दिया है.हालिया विवाद बीसीए के प्रवक्ता संजीव कुमार मिश्रा ने राकेश तिवारी का पक्ष लेते हुए कहा कि जो टीम उन्होंने चुनी वही खेलने के योग्य है.अमित कुमार का बिहार क्रिकेट से कोई लेना देना नहीं है.अमित कुमार को बीसीए ने पहले सस्पेंड कर दिया है. ऐसे में वह सेक्रेटरी की हैसियत अगर टीम चुन रहे हैं तो उसका कोई मतलब नहीं है.अमित कुमार का इस पूरे मामले पर कहना है कि टीम का अध्यक्ष के द्वारा नहीं बल्कि सेक्रेटरी चुनता है.अपनी इस दलील को सही बताने के लिए उन्होंने बीसीसीआई का उदाहरण दिया और कहा कि भारतीय टीम जब चुनी जाती है तो उस पर अंतिम मुहर सेक्रेटरी जय शाह लगाते हैं.ऐसे में मैंने जो टीम बनाई थी वह सही थी.

दो टीम का हुआ था ऐलान

अध्यक्ष पक्ष (जो मैच खेल रही) – आशुतोष अमन (कप्तान), साकिबुल गनी (उपकप्तान), विपिन सौरभ (विकेटकीपर), बाबुल कुमार, सचिन कुमार सिंह, वैभव सूर्यवंशी, हिमांशु सिंह, रवि शंकर, रिषभ राज, नवाज खान, विपुल कृष्णा, आकाश राज, बलजीत सिंह बिहारी, सरमन निगरोध, वीर प्रताप सिंह.

पूर्व सचिव पक्ष – इंद्रजीत कुमार (कप्तान), अपूर्व आनंद (उपकप्तान), विकाश रंजन (विकेटकीपर), शशीम राठौड़, समर कुदारी, कुमार मृदुल, कुमार रजनीश, शशि आनंद, लाखन राजा, यशस्वी ऋषभ, प्रतीक कुमार, विक्रांत सिंह, हिमांशु हरि, शशि शेखर, वेदांत यादव, अभिनव कुमार, कमलेश कुमार सिंह, विश्वजीत गोपाला, प्रशांत श्रीवास्तव, दीपक राजा.

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