Close
लाइफस्टाइलहॉट

अचानक सुनाई देना बंद क्यों हो जाता है?,जानें इसके लक्षण

नई दिल्लीः उम्र के साथ-साथ सुनने की क्षमता कम होने लगती है. लेकिन 60 से 70 उम्र वाले लोगों को अक्सर सुनाई कम देने की समस्या होती है. लेकिन कई बार दूसरी बीमारी के कारण भी लोगों को कम सुनाई देने की समस्या होने लगती है. हाल ही में मशहूर सिंगर अल्का याग्निक ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया था. जिसमें उन्होंने बताया कि उन्हें अचानक से सुनाई देना बंद हो गया है.

क्या है न्यूरल हियरिंग लॉस

सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोसर्जन डॉ संजीव झा (ग्लोबल मेडीक्लीनिक नई दिल्ली) के मुताबिक, साधारण भाषा में समझें तो सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस एक ऐसा डिसॉडर है जिसमें सुनने की क्षमता प्रभावित होती है। कान के अंदर पैथोलॉजी और कोक्लीयर तंत्रिका ( Cochlear Nerve) जो दिमाग तक ऑडियो सिग्नल पहुंचाती है उसके डैमेज होने से सुनाई देना बंद हो जाता है। ऐसा कई बार अचानक होता है कई बार धीरे-धीरे सुनने की क्षमता कम होने लगती है।

सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस के क्या कारण हैं?

उम्र बढ़ने के कारण भी सुनाई देना कम या बिल्कुल बंद हो जाता है. इस बीमारी को प्रेस्बीक्यूसिस कहते हैं. दरअसल, उम्र बढ़ने के कारण दिमाग के प्रोसेस पर दबाव पड़ता है जिसके कारण सुनाई कम देने लगता है.सिर पर चोट लगने के कारण भी अचानक से सुनाई कम देने लगता है. इसकी कान के सेल्स अंदर से नष्ट हो जाते हैं. जिसे सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस की समस्या कहते हैं.

  • मुख्य कारण जन्मजात हो सकता है।
  • कई बार वायरल संक्रमण भी हो सकता है।
  • मस्तिष्क में ट्यूमर, ट्रॉमा के कारण भी हो सकता है।
  • बहुत तेज आवाज के संपर्क में आने से सुनने की क्षमता पर असर पड़ता है।
  • उम्र से संबंधित (प्रेस्बियाक्यूसिस) और इडियोपैथिक कारण भी हो सकता है।
  • हियरिंग लॉस के कई दूसरे कारण भी हो सकते हैं।

डायबिटीज

डायबिटीज की बीमारी कान के ब्लड सर्कुलेशन को काफी ज्यादा प्रभावित करती है. जिसके कारण सेंसरिनुरल हियरिंग लॉस की समस्या होती है.

हाई बीपी

हाई बीपी के कारण कान के ब्लड वेसल्स को काफी ज्यादा नुकसान होका है. जिससे सुनने की क्षमता को काफी ज्यादा नुकसान होता है.

वायरल इंफेक्शन

कण्ठमाला, खसरा, रूबेला, साइटोमेगालोवायरस (CMV) और हर्पीज सिम्प्लेक्स वायरस के कारण कान में इंफेक्शन हो जाता है. जिससे सेंसोरिनुरल हियरिंग लॉस की समस्या होती है.’सेंसोरिनुरल हियरिंग लॉस’ के कई कारण हो सकते हैं. जो लोग ज्यादा हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं उन्हें भी यह समस्या जरूरी होती है. अगर आप एक घंटे से ज्यादा हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं तो इन बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ता है.

न्यूरल हियरिंग लॉस का इलाज

ज्यादातर मामलों में अगर तीव्र सेंसरिनुरल लॉस हुआ है और तुरंत स्टेरॉयड का उपयोग कर इलाज किया जाता है, जिसके अच्छे नतीजे मिल सकते हैं। अगर 4 सप्ताह के भीतर इसका इलाज कर लिया जाता है तो ठीक होने की संभावना बढ़ जाती है। हालांकि इसे ठीक करने के लिए आपको सही कारणों का पता होना जरूरी है।

न्यूरल हियरिंग लॉस से कैसे बचें

  • हाई डेसिबल साउंड से बचें।
  • ज्यादा शोर वाली जगह पर न जाएं।
  • अगर कुछ लगे तो डॉक्टर के दिखाएं।
  • हियरिंग एड्स का उपयोग किया जाता है।

कोविड के इफेक्ट की वजह से अलका की हियरिंग पावर हुई प्रभावित

मैनेजर नीरज मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि कोविड के शुरुआत दौर में अलका याग्निक भी वायरस का शिकार हुईं थीं और डॉक्टर का कहना है कि उसी के इफेक्ट के तहत उन्हें वायरल अटैक आया था जिससे उनकी हियरिंग पावर प्रभावित हुई है. मैनेजर ने डॉक्टर के हवाले से यह भी बताया कि कोविड से जुड़े इस तरह के मामले और भी लोगों में देखे जा रहे हैं, जहां वो इस तरह के वायरल अटैक का शिकार होते हैं.

Back to top button