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भारत

इस राज्य में 828 से अधिक छात्र HIV पॉजिटिव पाए गए

नई दिल्ली – एचपीवी एक खतरनाक वायरस है जो एड्स बन सकता है। यह घातक बीमारी शरीर को खोखला बना देती है। छोटी-छोटी बीमारी घातक रूप दिखा सकती हैं। त्रिपुरा से एक डराने वाली खबर मिली है, जहां 800 से ज्यादा स्टूडेंट्स के अंदर खतरनाक एचआईवी वायरस मिला है। इसमें से 572 बच्चे जिंदा है, 47 बच्चों की मौत हो चुकी है और बाकी आगे की पढ़ाई के लिए राज्य से बाहर चले गए हैं। यह जानकारी त्रिपुरा स्टेट एड्स कंट्रोल सोसायटी (TSACS) के एक सीनियर अधिकारी ने दी है।

राज्य में कुल इतने लोग HIV से संक्रमित

HIV के इन आंकड़ों को लेकर TSACS ने बताया कि हाल में जारी आंकड़ों से पता चलता है कि राज्य में हर रोज 5-7 नए मामले HIV के आ रहे हैं। इन आंकड़ों में जो सबसे गंभीर बात है, वह ये कि HIV से पीड़ित त्रिपुरा के कई छात्र देश के विभिन्न राज्यों की यूनिवर्सिटी या बड़े कॉलेजों में एडमिशन लेकर पढ़ाई कर रहे हैं। TSACS ने राज्य के 220 स्कूल, 24 कॉलेज और यूनिवर्सिटियों के ऐसे छात्रों की पहचान की है, जो नशे के लिए इंजेक्शनों का इस्तेमाल करते हैं। TSACS के संयुक्त निदेशक ने बताया कि हमने ऐसे 220 स्कूल और 24 कॉलेज तथा विश्वविद्यालयों की पहचान की है जहां छात्र नशीली दवाओं के आदी पाए गए हैं। TSACS के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मई 2024 तक, हमने ART- एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी केंद्रों में 8,729 लोगों को रजिस्टर्ड किया। इनमें HIV से पीड़ित लोगों की कुल संख्या 5,674 है और इनमें भी 4,570 पुरुष, 1103 महिलाएं और केवल एक मरीज ट्रांसजेंडर है।

नशीली दवाओं के कारण बढ़ रहे हैं संक्रमण के मामले

रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी सेंटर के डेटा के मुताबिक मई 2024 तक त्रिपुरा में एचआईवी संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 8,729 है। इनमें से 5,674 लोग जीवित बताए गए हैं, जिनमें 4,570 पुरुष, 1,103 महिलाएं और एक ट्रांसजेंडर व्यक्ति शामिल हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश मामलों में, संक्रमित पाए गए बच्चे संपन्न परिवारों से ताल्लुक रखते हैं। ड्रग्स लेने और दूषित सूई के इस्तेमाल के कारण भी एचआईवी संक्रमण का जोखिम बढ़ता हुआ देखा जा रहा है।

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