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बिजनेस

Stanley Lifestyles IPO : लग्जरी फर्नीचर बनाने वाली कंपनी का आईपीओ आज से शुरू

नई दिल्ली – सुपर-प्रीमियम, लक्जरी और अल्ट्रा-लक्जरी फर्नीचर बनाने वाली कंपनी स्टेनली लाइफस्टाइल्स लिमिटेड का IPO (Stanley lifestyles Limited IPO) आज यानी 21 जून को खुलेगा. इस आईपीओ के शेयरों के लिए 25 जून तक बोली लगाई जा सकती है. ₹537.02 करोड़ रुपये के इस इश्‍यू में ₹200 करोड़ के 5,420,054 नए शेयर शेयर जारी होंगे. वहीं, कंपनी के मौजूदा निवेशक ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए ₹337.02 करोड़ के 9,133,454 शेयर बेचेंगे. 28 जून को कंपनी के शेयर एनएसई और बीएसई पर लिस्ट होंगे. ग्रे मार्केट में स्‍टेनली लाइफस्‍टाइल्‍स आईपीओ के अनलिस्‍टेड शेयर 41 फीसदी प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं.

मैक्सिमम 520 शेयर के लिए बिडिंग कर सकते हैं रिटेल निवेशक

स्टेनली लाइफस्टाइल्स लिमिटेड ने इस इश्यू का प्राइस बैंड ₹351-₹369 तय किया है. रिटेल निवेशक मिनिमम एक लॉट यानी 40 शेयर्स के लिए बिडिंग कर सकते हैं. यदि आप IPO के अपर प्राइज बैंड ₹369 के हिसाब से 1 लॉट के लिए अप्लाय करते हैं, तो इसके लिए ₹14,760 इन्वेस्ट करने होंगे.वहीं, मैक्सिमम 13 लॉट यानी 520 शेयर्स के लिए रिटेल निवेशक अप्लाय कर सकते हैं। इसके लिए निवेशकों को अपर प्राइज बैंड के हिसाब से ₹191,880 इन्वेस्ट करने होंगे.

25 फीसदी जीएमपी के साथ कर रहा ट्रेड

इस आईपीओ को मिल रहे शानदार रिस्पॉन्स का असर ग्रे मार्केट में भी दिख रहा है. ग्रे मार्केट में कंपनी का शेयर आईपीओ खुलने के बाद 49 रुपये के प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा था. कंपनी ने आईपीओ के लिए 193 रुपये से 203 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है. इसका मतलब हुआ कि आईपीओ खुलने के बाद Dee Development Engineers का शेयर ग्रे मार्केट में लगभग 25 फीसदी का प्रीमियम हासिल कर चुका है.

लगभग 420 करोड़ जुटाने का प्लान

यह आईपीओ बुधवार को ओपन होने के बाद शुक्रवार 21 जून तक सब्सक्रिप्शन के लिए उपलब्ध है. कंपनी का लक्ष्य इस आईपीओ के जरिए 418.01 करोड़ रुपये जुटाने की है. इस आईपीओ में 325 करोड़ रुपये के फ्रेश शेयरों का इश्यू शामिल है. उसके अलावा आईपीओ में 93.01 करोड़ रुपये का ऑफर फोर सेल भी शामिल है.

IPO क्या होता है?

जब कोई कंपनी पहली बार अपने शेयर्स को आम लोगों के लिए जारी करती है तो इसे इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग यानी IPO कहते हैं. कंपनी को कारोबार बढ़ाने के लिए पैसे की जरूरत होती है. ऐसे में कंपनी बाजार से कर्ज लेने के बजाय कुछ शेयर पब्लिक को बेचकर या नए शेयर इश्यू करके पैसा जुटाती है. इसी के लिए कंपनी IPO लाती है.

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