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रतन टाटा और असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने की मुलाकात,क्‍या है असम पर TATA प्‍लान?


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नई दिल्लीः देश के दिग्गज और सबसे सम्मानित उद्योगपतियों में से एक टाटा ग्रुप के रतन टाटा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को मुलाकात की है. इस मुलाकात के बारे में खुद रतन टाटा ने अपने सोशल मीडिया X हैंडल पर तस्वीरें पोस्ट करके जानकारी दी है. गौरतलब है कि टाटा समूह असम में सेमीकंडक्टर प्लांट लगा रहा है और टाटा समूह राज्य में कैंसर के इलाज के लिए भी फैसिलिटी लगा चुका है. इसी सिलसिले में असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कल रतन टाटा के साथ मुलाकात की और उनके साथ टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन भी मौजूद थे.

रतन टाटा ने अपने X में लिखा पोस्ट

रतन टाटा ने अपने X पोस्ट में लिखा कि “असम में किया जा रहा निवेश राज्य को कैंसर देखभाल के जटिल उपचार के हब के रूप में बदल सकता है. आज असम राज्य सरकार टाटा समूह के साथ साझेदारी में असम को सोफेस्टिकेडिड सेमीकंडक्टर में एक प्रमुख प्लेयर बनाएगी. यह नया विकास असम को ग्लोबल मानचित्र पर स्थापित करेगा. हम असम के मुख्यमंत्री श्री हिमंत बिस्वा सरमा को उनके समर्थन और दूरदर्शिता के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं जिससे यह सब संभव हो सका है.”

असम में टाटा समूह लगा रहा है सेमीकंडक्टर प्लांट

टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (TSAT) असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर यूनिट बनाएगा. इसमें 27,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा. इस यूनिट की क्षमता प्रतिदिन 4.8 करोड़ चिप निर्माण की होगी. इसके दायरे में ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक व्हीकल, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकॉम और मोबाइल फोन आएंगे. इन यूनिट्स से भारत चिप मैन्यूफैक्चरिंग या चिप फेब्रिकेशन में ऐसी क्षमता डेवलप कर लेगा, जिससे भविष्य में राज्य और देश के सेमीकंडक्टर मार्केट हब बनने में काफी मदद मिलेगी. टीएसएटी सेमीकंडक्टर फ्लिप चिप और आईएसआईपी टेक्नोलॉजी सहित स्वदेशी उन्नत सेमीकंडक्टर पैकेजिंग टेक्नोलॉजी को डेवलप करने जा रहा है.

असम में हैं टाटा के कई कैंसर अस्पताल

असम के मुख्यमंत्री हिमंत ब‍िस्‍व सरमा ने 1 मार्च, 2024 को सिलचर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (एसएमसीएच) में कैंसर देखभाल यून‍िट का शुभारंभ क‍िया था. सीएम हिमंत सरमा ने कैंसर केयर यून‍िट के उद्घाटन अवसर पर कहा कि ये यूनिट राज्य सरकार और टाटा ट्रस्ट की संयुक्त पहल के तहत प्रदेश के 17 अस्पतालों के नेटवर्क का हिस्सा बन गई है. इसके अलावा फर्स्‍ट कैटेगरी वाला एकमात्र फैसिलिटी सेंटर गुवाहाटी में खोला जा रहा है, जो शीर्ष कैंसर देखभाल अस्पताल होगा. उन्‍होंने कहा क‍ि प्रोजेक्‍ट में राज्य सरकार की हिस्सेदारी 2460 करोड़ रुपये होगी, जबकि टाटा ट्रस्ट 1180 करोड़ रुपये और केंद्र सरकार 180 करोड़ रुपये प्रदान करेगी. इसके अत‍िर‍िक्‍त इसके ल‍िए 80 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की राश‍ि को डोनेशन के जर‍िये जुटाया गया है.

टाटा के प्‍लांंट में क‍ितनी च‍िप्‍स बनेंगी?

इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आश्वासन दिया था कि दिसंबर 2024 तक हमारे पास भारत में बनी पहली चिप होगी। हमने इस पर पहला प्रयास 1962 में ही किया था। लेकिन जब तक आपके पास सही नीति और सही दृढ़ विश्वास नहीं होगा, ऐसा नहीं हो सकता। पीएम मोदी का दृढ़ विश्वास है कि इसके लिए विकसित भारत में हमें इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण की जरूरत है।टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (TSAT) असम के मोरिगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। इसकी रोजाना 4.8 करोड़ चिप्स की उत्पादन क्षमता होगी। 27,000 करोड़ रुपये की लागत वाली यह सुविधा ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार और मोबाइल फोन जैसे विभिन्न उद्योगों की जरूरतों को पूरा करेगी।

भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग अभी एक शुरुआती अवस्था में

भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग अभी एक शुरुआती अवस्था में है। विभिन्न स्थानीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियां इसकी विशाल क्षमता का दोहन करने का इरादा रखती हैं। टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट प्राइवेट लिमिटेड (“TSAT”) के नाम से असम के मोरीगांव में एक सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करेगी। प्रतिदिन 48 मिलियन चिप्स उत्पादन की क्षमता वाली इस सुविधा का निर्माण 27,000 करोड़ रुपये से की लागत से किया जा रहा है।यहां जिन सेगमेंट को कवर किया जाएगा वे ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार और मोबाइल फोन हैं। शिलान्यास समारोह के दौरान मौजूद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा था कि भारत में उद्योगों ने पिछली औद्योगिक क्रांतियों के दौरान व्यवसायों के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र को उचित स्थान नहीं दिया। अब इस दिशा में सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।

देश की पहली सेमीकंडक्टर चिप दिसंबर तक तैयार होने की उम्मीद

इससे पहले मंगलवार को, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आश्वासन दिया था कि देश की पहली सेमीकंडक्टर चिप दिसंबर 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगी और यह पहली मेड इन इंडिया चिप होगी। उन्होंने कहा था कि हमने सेमीकंडक्टर निर्माण का पहला प्रयास 1962 में ही किया था, लेकिन जब तक आपके पास सही नीति और सही दृढ़ विश्वास नहीं होगा, यह संभव नहीं हो सकता है। प्रधानमंत्री मोदी को विश्वास है कि विकासशील भारत के लिए हमें इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण की आवश्यकता है। टीवी से लेकर पावर इलेक्ट्रॉनिक्स तक, हर चीज में हमें सेमीकंडक्टर की जरूरत होती है।13 मार्च को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली तीन सेमीकंडक्टर निर्माण प्लांट्स की आधारशिला रखी थी। इनमें से दो प्लांट गुजरात में जबकि एक प्लांट असम में तैयार हो रहा है। टाटा समूह इन तीन संयंत्रों में से दो की स्थापना कर रहा। दोनों राज्यों में एक-एक संयंत्र स्थापित करने में टाटा समूह अपना योगदान देग

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