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रिलायंस टाटा, लैंडमार्क ग्रुप और शॉपर्स स्टॉप को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में


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नई दिल्ली – अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) आजकल अलग-अलग सेक्टर्स की दिग्गज कंपनियों की टेंशन बढ़ाने में लगे हुए हैं. एक तरफ जहां उन्होंने कोला बाजार में श्रीलंका की एलिफेंट हाउस के साथ पार्टनरशिप का ऐलान करके Pepsi और Coca-Cola की चुनौतियों में इजाफा किया है. वहीं, रिटेल स्पेस में उन्होंने टाटा, लैंडमार्क ग्रुप और शॉपर्स स्टॉप को कड़ी टक्कर देने का मन बना लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) दिग्गज ब्रिटिश फैशन रिटेलर प्राइमार्क (Primark) को भारत लाने की तैयारी में है.

प्राइमार्क और रिलायन्स के बीच साझेदारी एक संयुक्त उद्यम या लाइसेंसिंग समझौते के माध्यम से हो सकती है. मॉल पर फोकस करने वाले दूसरे वैश्विक खुदरा विक्रेताओं के विपरीत, प्राइमार्क के स्टोर मुख्य रूप से हाई स्ट्रीट पर स्थित होंगे क्योंकि उनका प्रारूप बड़ा है.कोविड-19 महामारी के प्रभाव के बावजूद, प्राइमार्क के रेवेन्यू में हाल के वर्षों में काफी बढ़ोतरी हुई है.इसकी वजह यह है कि इसकी औसत कीमत H&M और यूनिक्लो जैसे रिटेलर्स से भी कम हैं। प्राइमार्क के लिए सबसे बड़ी सोर्स कंट्री चीन है। भारत दूसरे नंबर पर है। भारत की कई छोटी-बड़ी कंपनियां इस कंपनी के लिए सप्लाई करती हैं.

Primark सस्ते कपड़े और जूतों के लिए प्रसिद्ध है. पिछले कुछ समय से यह ब्रैंड भारत में एंट्री की कोशिशों में लगा है और मुकेश अंबानी उसकी इस कोशिश को सफल बनाने की तैयारी कर रहे हैं. Primark की पैरेंट एसोसिएट्स ब्रिटिश फूड्स (Associated British Foods) है, जो लंदन की लिस्टेड कंपनी है. इसके दुनिया भर में 400 से अधिक स्टोर हैं. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि प्राइमार्क की भारत में एंट्री का सीधा मतलब है टाटा ग्रुप के जूडियो, लैंडमार्क ग्रुप के MAX और शॉपर्स स्टॉप के इनट्यून को कड़ी टक्कर मिलने वाली है.

रिलायंस सुपरमार्केट, इलेक्ट्रॉनिक्स, जूलरी और परिधान सहित विभिन्न क्षेत्रों में 18,774 से अधिक स्टोर संचालित करता है. इस बारे में रिलायंस ने सवालों का जवाब नहीं दिया। प्राइमार्क के एक प्रवक्ता ने कंपनी दुनियाभर में अपना विस्तार कर रही है और किसी भी मौके लिए खुलकर बात करने को तैयार है.लेकिन हम बाजार की अटकलों पर टिप्पणी नहीं करते हैं.विशेषज्ञों का मानना है कि भारत का खपत बाजार पिछले कुछ वर्षों में काफी बदल गया है.ऐसे में अब वैल्यू ब्रांड्स के लिए बाजार बढ़ रहा है.

Primark ग्लोबल लेवल पर काफी मजबूत ब्रैंड है, लेकिन भारत में उसकी सफलता कई बातों पर निर्भर है. मसलन, वो भारतीय उपभोक्ताओं की जरूरतों को किस तरह पूरा करता है, उसकी प्रोडक्ट रेंज देश में मौजूद दूसरे ब्रैंड की तुलना में कितनी कम है, आदि. टाटा ग्रुप का जूडियो और लैंडमार्क ग्रुप का MAX इसलिए अपनी पकड़ बना पाए हैं, क्योंकि यहां मिलने वाले उत्पाद सस्ते और अच्छे होते हैं. किफायती फैशन सेगमेंट में इन दोनों ने ही अपनी एक अलग पहचान स्थापित कर ली हो. वैसे, इस कैटेगरी में रिलायंस के ट्रेंड्स और यूस्टा भी आते हैं. बता दें कि प्राइमार्क की मौजूदगी कई देशों में है और इसे 1969 में Arthur Ryan ने स्थापित किया था. पिछले साल तक इसमें करीब 76,000 कर्मचारी काम करते थे.

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