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हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट के बिच क्या है अंतर, कौन है ज्यादा खतरनाक?-जानें


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नई दिल्लीः आजकल हम आए दिन हार्ट अटैक से मरने वालों की न्यूज सुनते और पढ़ते हैं. इसके पीछे का कारण बिगड़ती लाइफस्टाइल और बिजी शेड्यूल के बीच इन दिनों कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ये दोनों कहीं भी, कभी भी और किसी को भी अपना शिकार बना ले रहे हैं. दरअसल, जिसे लोग हार्टअटैक समझ रहे हैं, वह कार्डिएक अरेस्ट है. यह बिना लक्षण के ही आता है. दोनों के बीच काफी अंतर भी होता है. आइए जानते हैं दोनों में कौन ज्यादा खतरनाक है..

हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट में अंतर

  1. कार्डिए अरेस्ट और हार्ट अटैक में काफी अंतर होता है. जब हार्ट में खून नहीं पहुंचता तब हार्ट अटैक आता है लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में हार्ट अचानक से ही काम करना बंद कर देता है.
  2. जब आर्टिरीज में ब्लड फ्लो रुक जाता है या खत्म हो जाता है, तब ऑक्सीजन की कमी से हार्ट का वह भाग डेड होने लगता है. वहीं, दूसरी तरफ कार्डिएक अरेस्ट में दिल अचानक से धड़कना बंद कर देता है. ऐसा होने पर कुछ भी हो सकता है.

क्या होता है कार्डिएक अरेस्ट ?

कार्डिएक अरेस्ट हमेशा अचानक होता है, जिससे पहले कोई खास संकेत नहीं मिलते हैं. इसमें हार्ट शरीर में ब्लड पंप करना बंद कर देता है और व्यक्ति बेहोश हो जाता है. इस स्थिति में तुरंत ट्रीटमेंट ना मिलने पर व्यक्ति कुछ ही मिनटों में मर सकता है. कार्डिएक अरेस्ट अधिकतर हार्ट अटैक और असामान्य हार्ट बीट के कारण होता है.

कार्डिएक अरेस्ट के बाद

-व्यक्ति की सांसें या तो बंद हो जाती हैं या वह सामान्य तरीके से सांस लेता है
-लंबी-लंबी सांसे लेना और हांफना
-पूरी तरह बेहोश हो जाना

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण

1.कार्डिएक अरेस्ट में बिल्कुल भी लक्षण नहीं दिखाई देता है, ये हमेशा अचानक से ही आता है.

  1. मरीज जब भी गिरता है तो कार्डिएक अरेस्ट की वजह से ही गिरता है, इसे पहचानने के कई तरीके हैं.
  2. जब भी मरीज गिरता है, तब उसकी पीठ और कंधों को थपथपाने के बाद कोई रिएक्शन नहीं मिलता है.
  3. मरीज की दिल की धड़कन अचानक से काफी तेज हो जाता है और वह नॉर्मल सांस नहीं ले पाता है.
  4. पल्स और ब्लड प्रेशर रूक जाता है.
  5. ऐसी स्थिति में दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों में खून नहीं पहुंच पाता है.
    कार्डिएक अरेस्ट या हार्ट अटैक कौन ज्यादा खतरनाक
    अगर दोनों में से ज्यादा खतरनाक की बात की जाए तो वह कार्डिएक अरेस्ट है. क्योंकि इसमें किसी तरह का लक्षण दिखाई नहीं देता है. जबकि हार्ट अटैक का संकेत 48 से लेकर 24 घंटे पहले ही मिलने लगता है. हार्ट अटैक में मरीज को संभलने और जान बचाने का मौका मिलता है. जबकि कार्डिएक अरेस्ट में कोई मौका नहीं मिलता है.

कार्डिएक अरेस्ट से बचने इन बातों का रखें ख्याल

  1. रोजाना एक घंटे फिजिकल एक्टिविटीज करें और वजन न बढ़ने दें.
  2. कार्डियो एक्सरसाज करें, जैसे- साइकिलिंग, जॉगिंग या क्रिकेट, बैडमिंटन और फुटबालॅ खेलें.
  3. जितना हो सके जंक फूड से दूर रहें और फ्रूट्स और अंकुरित अनाज लें.
  4. खाने में सलाद जरूर रखें. हाई फाइबर सब्जियां, प्रोटीन और दालों को भी शामिल करें.
  5. भरपेट खाना खाने से बचें और ज्यााद देर तक भूखें भी न रहें.
  6. रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठें.
  7. मोबाइल और टीवी से जितना हो सके परहेज करें.
  8. स्ट्रेस लेने और अकेलेपन से बचने की कोशिश करें.
  9. 30 साल के बाद कोलेस्ट्रॉल, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की जांच शुरू करें.

क्या होता है हार्ट अटैक ?

आजकल हर दिन हजारों लोगों को हार्ट अटैक का सामना करना पड़ रहा है. ब्लड क्लॉटिंग होने या हार्ट में ब्लड सप्लाई की कमी से हार्ट अटैक की स्थिति बनती है. हार्ट अटैक अधिकतर कोरोनरी आर्टरीज में ब्लॉकेज के कारण होता है, जो हार्ट को गंभीर नुकसान पहुंचाकर व्यक्ति के लिए खतरनाक साबित हो सकता है और व्यक्ति की जान भी जा सकती है.

हार्ट अटैक के लक्षण

वैसे तो हार्ट अटैक के लक्षण अचानक सामने आते हैं, लेकिन कई स्थितियों में कुछ हल्के-फुल्के लक्षण कई दिनों या हफ्ते पहले महसूस हो सकते हैं. हार्ट अटैक के लक्षण हर व्यक्ति और महिलाओं या पुरुषों में एक दूसरे से अलग देखने को मिल सकते हैं, जैसे-
-बेचैनी और चेस्ट पेन
-सांस लेने में परेशानी
-टूटकर पसीना आना
-हार्ट बीट तेज होना
-हाथों, पीठ, गर्दन, जबड़े और पेट में दर्द होना और तेज जलन महसूस होना
-चक्कर आना

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