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Harda Blast Case : तलघर में था बारूद का गोदाम,CM मोहन यादव की सख्त चेतावनी


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नई दिल्ली – हरदा की फैक्टरी में हुए विस्फोट से जमीन भी थर्रा गई थी और पत्थरों की बारिश भी हुई। इसकी सबसे बड़ी वजह थी फैक्टरी के तलघर का उपयोग गोडाउन की तरह करना। गोडाउन में एक हजार किलो से ज्यादा बारूद का स्टाॅक बड़े बम की तरह फटा। उससे बिल्डिंग की नींव टूट गई। दीवार और छत का मलबा 400 मीटर तक तेजी से बरसा, जो लोगों की मौत की वजह बना।

हरदा विस्फोट पर क्या बोले सीएम मोहन यादव

घटना पर जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले दो दिनों में गंभीर कदम उठाए है। इसकी सूचना मिलते ही एक मंत्री और दो अधिकारियों की कैबिनेट टीम भेजी गई और आनन-फानन में घायलों को इंदौर, नर्मदापुरम, भोपाल में शिफ्ट किया गया। इसके अलावा भी कई अन्य अस्पतालों में घायलों को भर्ती कराया गया।

विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस ने हरदा पटाखा विस्फोट मामले

विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस ने हरदा पटाखा विस्फोट मामले पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव लाया।इस प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वीकार करते हुए चर्चा कराने का फैसला किया।चर्चा की शुरुआत कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने की. रावत ने कहा, “हरदा का विस्फोट इतना भयावह था कि 12 लोगों की मृत्यु हो गई, 60 घर तबाह हो गए, सड़कों पर लाश बिछी हुई थी, सड़कों पर मानव अंग पड़े थे।यह विस्फोट बताता है कि वहां सिर्फ सुतली बम नहीं हो सकते क्योंकि सुतली बम से इतना बड़ा विस्फोट नहीं हो सकता, वहां सुतली बम से हटकर जिलेटिन बनाने का काम भी किया जा रहा होगा।

बिल्डिंग में नहीं चल सकती फैक्टरी, फिर भी मिलता रहा लाइसेंस

जिस फैक्टरी में हादसा हुआ। वहां चार लाइसेंस थे। विस्फोटक नियम 2008 के नियम 126 के अनुसार विस्फोटक सामग्री का गोडाउन सिर्फ भूस्थल पर ही बन सकता है। उसे तल मंजिल या ऊपरी मंजिल पर नहीं रखा जा सकता है, लेकिन हरदा की फैक्टरी में बारूद तलघर में रखा जा रहा था।नियमानुसार गोडाउन खुले हिस्से में तय दूरी के हिसाब से बनाए जाना चाहिए। चारों तरफ रिक्त स्थान होना चाहिए, ताकि आग लगने की स्थिति में दमकलें चारों तरफ से जा सकें। लेकिन, हरदा की फैक्टरी में नियमों का पालन नहीं किया गया। इसके बावजूद हर साल राजेश अग्रवाल के लाइसेंस का नवीनीकरण हो जाता है। गृह विभाग हर साल जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को पटाखा फैक्टरी, गोडाउनों को जांच के लिए पत्र जारी करता है, लेकिन फिर भी अग्रवाल की फैक्टरी को लेकर अफसरों का रवैया नर्म रहता था।

घटना में शामिल दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा: सीएम

मुख्यमंत्री ने बताया कि डॉक्टर, विशेषज्ञ, पैरामेडिकल स्टाफ और 400 जवान तुरंत हरदा भेजा गया। उन्होंने कहा, मैंने उस दिन एक आपातकालीन बैठक भी बुलाई थी, जिसमें प्रदेश भर में ऐसी फैक्ट्रियों का पता लगाने और नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दिए गए थे। इसलिए, ऐसी सभी फैक्ट्रियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है।सीएम मोहन यादव ने कहा कि घटना के बाद हमने वहां के एसपी और कलेक्टर को हटा दिया है और एक जांच समिति गठित की गई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटना में शामिल दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और घटना की निष्पक्ष जांच होगी।

सील की गई 12 फैट्रियां

इस हादसे के बाद प्रदेश में अवैध पटाखा फैक्ट्रियों के संचालन पर विपक्ष के निशाने पर आने के बाद प्रदेश की मोहन सरकार ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।इस के बाद हरकत में आए प्रशासन ने पूरे जिले में नियम विरुद्ध चल रही पटाखा फैक्ट्रियों के खिलाफ अभियान छेड़ते हुए हरदा जिले में संचालित सभी 12 पटाखा फ़ैक्टरियों को दिशा-निर्देशों और मापदंडों के अनुरूप न होने पर तत्काल प्रभाव से सील कर दिया है।इनमें ग्राम पीपलपानी, तहसील सिराली की 2, ग्राम कुंजरगावं, तहसील हंडिया की 3, ग्राम हंडिया की 1, ग्राम बैरागढ़, तहसील हरदा की 4, ग्राम रहटाखुर्द, तहसील हरदा की 3 एवं ग्राम दूधकच्छ, तहसील हरदा की पटाखा फैक्ट्रियां शामिल हैं।

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