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उम्र के साथ ही बूढ़ा होने लगता है दिमाग,करे ये उपाय ब्रेन हो जायेगा यंग


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नई दिल्लीः उम्र बढ़ने के बावजूद दिमाग को जवान बनाये रखा जा सकता है। मेमोरी लॉस सिर्फ उम्र बढ़ने के कारण नहीं, बल्कि ऑर्गेनिक डिसऑर्डर, मस्तिष्क की चोट, न्यूरोन संबंधी बीमारी के कारण भी हो सकती है। यदि कुछ उपायों को नियमित रूप से फ़ॉलो किया जाये, तो दिमाग बूढ़ा होने से बचा रहेगा।

उम्र के साथ ही बूढ़ा होने लगता है दिमाग

एक समय के बाद हर कोई बुढ़ापे की उम्र में प्रवेश करता है। शरीर के साथ-साथ दिमाग भी बूढ़ा होता है। इसके कारण हो सकता है कि आप कोई काम करने के लिए घर के किसी कोने में गई हों और वह काम आप भूल गयी हों। बातचीत के दौरान किसी परिचित का नाम भी भूल सकती हैं। हालांकि याददाश्त में कमी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन उम्र बढ़ने पर संज्ञानात्मक गिरावट (Cognitive Decline) आ सकती है। वृद्ध लोगों में मेमोरी लॉस सिर्फ उम्र बढ़ने के कारण नहीं, बल्कि ऑर्गेनिक डिसऑर्डर, मस्तिष्क की चोट, न्यूरोन संबंधी बीमारी भी हो सकती है। ब्रेन को उम्र बढ़ने के बावजूद युवा बनाये रखा जा (how to make old brain to young brain) सकता है।

कैसे उम्र बढ़ने के बावजूद दिमाग बना रहेगा युवा

हार्वर्ड पब्लिशिंग हेल्थ के अनुसार, शारीरिक रूप से सक्रिय रहने, पर्याप्त नींद मिलने, धूम्रपान नहीं करने, अच्छे सामाजिक संबंध होने और भूमध्यसागरीय शैली का आहार लेने (Mediterranean Diet) से ब्रेन हेल्थ को फायदा पहुंचता है। उम्र के साथ-साथ याददाश्त और अन्य संज्ञानात्मक परिवर्तन कम हो सकते हैं। कई तरीके से दिमाग को सक्रिय रखकर दिमाग को बूढ़ा होने से बचाया जा सकता है।

करे ये उपाय ब्रेन हो जायेगा यंग

सीखते रहें

हाई लेवल का एजुकेशन बेहतर मानसिक कार्यप्रणाली से जुडा है। उन्नत शिक्षा व्यक्ति को मानसिक रूप से सक्रिय रहने की आदत डालकर याददाश्त को मजबूत रखने में मदद कर सकती है। मानसिक एक्सरसाइज के साथ अपने मस्तिष्क को चुनौती देने से ऐसी प्रक्रियाएं सक्रिय हो जाती हैं, जो व्यक्तिगत मस्तिष्क कोशिकाओं को बनाए रखने और उनके बीच कम्युनिकेशन को प्रोत्साहित करने में मदद करती हैं। कोई शौक पूरा करना, कोई नया कौशल सीखना, सेल्फ केयर करना या सलाह देना भी दिमाग को तेज़ बनाये रखता है।

दिमाग को रखें एक्टिव

हावर्ड हेल्‍थ के मुताबिक, शोधों में यह पाया गया है कि अगर आप ब्रेन को एक्टिव रखने वाली गतिविधियों को अपने लाइफस्‍टाइल में शामिल करते हैं तो इससे ब्रेन न्‍यू सेल्‍स निर्माण करता जाता है और न्यूरोलॉजिकल प्‍लास्टिसिटी बनाता है. जिससे ब्रेन हमेशा यंग बना रहता है. इसके लिए आप मेंटल गेम्‍स, चेस, चाइनीज चेक, कार्ड, पजल आदि को अपने लाइफ स्‍टाइल में शामिल कर सकते हैं.

अपनी सभी इंद्रियों का प्रयोग करें

कुछ सीखने में जितनी अधिक इंद्रियों का उपयोग किया जायेगा, मस्तिष्क उतना ही अधिक स्मृति बनाए रखने में शामिल होगा। गंध को पहचानने की क्षमता नहीं खोनी चाहिए। गंध से स्मरण शक्ति जुड़ी होती है। ब्रेन इमेजिंग से पता चला कि मस्तिष्क का मुख्य गंध-प्रसंस्करण क्षेत्र (odor-processing region of the brain) पिरिफॉर्म कॉर्टेक्स तब सक्रिय हो गया जब लोगों ने वस्तुओं को मूल रूप से गंध के साथ जोड़ा हुआ देखा। भले ही गंध अब मौजूद नहीं थी और उन्हें याद रखने की कोशिश भी नहीं की गयी थी। इसलिए काम करते समय अपनी सभी इंद्रियों को चुनौती दें।

फिजिकल एक्‍सरसाइज करें

शोधों में पाया गया है कि जब आप शारीरिक मेहनत करते हैं तो इससे मसल्‍स के साथ साथ ब्रेन को भी फायदा मिलता है. व्‍यायाम करने से दिमाग में ब्‍लड फ्लो अच्‍छा रहता है और ब्रेन सेल्‍स एक्टिव रह पाते हैं. इसलिए बढ़ती उम्र के बावजूद वॉक या योगा आदि जरूर करें.

अपने मस्तिष्क के उपयोग को प्राथमिकता दें

यदि यह याद रखने में मानसिक ऊर्जा का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है कि आपने अपनी चाबियां कहां रखी थीं या किसी के जन्मदिन की पार्टी के समय जाना होगा। इससे आप नई और महत्वपूर्ण चीज़ों को सीखने और याद रखने पर बेहतर ध्यान केंद्रित कर पाती हैं। नियमित जानकारी को सुलभ बनाए रखने के लिए स्मार्ट फोन रिमाइन्डर, कैलेंडर, मानचित्र, शॉपिंग सूचियां, फ़ाइल फ़ोल्डर और एड्रेस बुक का लाभ उठाएं। अपने चश्मे, पर्स, चाबियों और आपके द्वारा अक्सर उपयोग की जाने वाली अन्य वस्तुओं के लिए घर पर एक स्थान तय करें।

खानपान रखें सही

ब्रेन को हेल्‍दी रखने के लिए हेल्‍दी डाइट भी जरूरी होता है. इसके लिए आप अपने डाइट में सब्‍जी, फल, मेवे, मछली, अंडा आदि को रेगुलर शामिल करें. अल्‍कोहल का सेवन कम से कम करें और भरपूर पानी पियें.

जो आप जानना चाहती हैं उसे दोहराएं

जब आप कोई ऐसी बात याद करना चाहती हैं, तो जो आपने अभी-अभी सुनी, पढ़ी या जिसके बारे में सोचा हो, उसे ज़ोर से दोहराएं या लिख लें। इस तरह आप मेमोरी या कनेक्शन को सुदृढ़ कर सकती (how to make old brain to young brain) हैं। उदाहरण के लिए, यदि आपको अभी-अभी किसी का नाम बताया गया है, तो उससे बात करते समय नाम का उपयोग करें।

कोलेस्ट्रॉल का रखें ध्‍यान

अगर आपके शरीर में बैड कोलेस्‍ट्रॉल बढ़ रहा है तो यह ब्रेन के लिए परेशानी बन सकता है और डिमेंशिया रोग जैसी समस्‍या हो सकती है. इसलिए खानपान, वर्कआउट का विशेष ध्‍यान रखें और बैड कोलस्‍ट्रॉल को बढ़ने ना दें.

अध्ययन करना है जरूरी

दोहराव तब सबसे अधिक प्रभावी होता है जब यह सही समय पर हो। किसी बात को कम समय में कई बार न दोहराना सबसे अच्छा है, जैसे कि आप किसी परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे हों। इसके बजाय, लंबे समय के बाद जरूरी चीजों का दोबारा अध्ययन करें – एक घंटे में एक बार, फिर हर कुछ घंटों में, फिर हर दिन।अध्ययन की अवधि में अंतर रखने से याददाश्त में सुधार करने में मदद मिलती (how to make old brain to young brain) है। यह विशेष रूप से तब मददगार होता है जब आप काम्प्लेक्स जानकारी, जैसे कि किसी नए वर्क असाइनमेंट पर महारत हासिल करने की कोशिश कर रही हों।

ब्‍लड शुगर और ब्‍लड प्रेशर से बचें

ये दोनों ही सेहत के साथ साथ ब्रेन के लिए भी काफी घातक साबित हो सकते हैं. इसलिए प्रयास करें कि आप हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल अपनाएं जिससे ऐसी परेशानियों ना हों. वजन कम रखें, अल्‍कोहल आदि से बचें. डायबिटीज और हाई बीपी दोनों ही डिमेंशिया का कारण बन सकते हैं.

बढ़ती उम्र में इन तरीकों से रखें मेमोरी को मजबूत

व्यायाम यानी एक्सरसाइज ऐसी चीज है जो केवल तन ही नहीं मन को भी जवां बनाए रखती है. ऐसे में सुबह शाम की एक्सरसाइज आपके दिमाग को तंदुरुस्त बनाए रखेगी. एक्सरसाइज का उम्र से कोई लेना देना नहीं है, आप किसी भी उम्र के हैं, आपको एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए. रही बात समय की तो आपको जब समय मिले, आप एक्सरसाइज करके अपने शरीर के साथ साथ दिमाग को एक्टिव बनाए रख सकते हैं. सुबह जल्दी उठने और रात को जल्दी सोने की आदत डालेंगे तो आपको एक्सरसाइज के लिए पर्याप्त समय और ऊर्जा मिलेगी. इससे आपका ब्रेन एक्टिव रहेगा और आपकी याद्दाश्त भी जवां बनी रहेगी.

नया सीखने और पढ़ने की आदत डालिए

सीखने की आदत डालकर आप अपने दिमाग को एक्टिव बनाए रख सकते हैं. सीखने और पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती. आप अपनी बिजी लाइफ में भी पढ़ने और कुछ नया सीखने की आदत डेवलप करके अपने दिमाग को मजबूत बनाए रख सकते हैं. कोई नया शौक, नई पसंद डेवलप कीजिए. इससे माइंड बिजी और एक्टिव रहेगा. आपका मन भी लगेगा और आपकी याद्दाश्त भी मजबूत बनी रहेगी. आप म्यूजिक, स्पोर्ट्स, विदेशी भाषा या कोई भी नई चीज सीख सकते हैं.

खेल खेल में दिमाग को कीजिए स्ट्रॉन्ग

अगर आपको खेलना बच्चों का काम लगता है तो आप गलत है. खेल कूद से दिमाग एक्टिव होता है और मेमोरी बूस्ट होती है. दरअसल किसी भी तरह के इनडोर और आउटडोर खेल की बदौलत आपका दिमाग अपने आपको एक्टिव रख सकता है. आउटडोर खेलों में आप टीम वर्क, प्लानिंग और एक्जीक्यूशन सीखकर दिमाग को तेज कर सकते हैं. वहीं इनडोर गेम्स में आप पजल गेम, क्विज गेम और क्रॉस गेम की बदौलत दिमाग को सोचने पर मजबूर कर सकते हैं.

लिखने की आदत करेगी मदद

रट्टा मारकर याद करने की आदत को आपके टीचर भी गलत कहते थे. वो सही थे, रट्टा मारकर कुछ भी याद नहीं होता, इसलिए लिखकर याद करने की आदत डालिए. कहते हैं कि लिखकर याद की गई चीज लंबे समय तक जेहन में बनी रहती है और उसकी याद्दाश्त कमजोर नहीं होती. ऐसे में अगर मेमोरी को शार्प करना है तो जरूरी चीजों को लिखने की आदत डालिए, जैसे फोन नंबर, अकाउंट नंबर, पासवर्ड आदि. इससे आपकी मेमोरी बूस्ट होगी.

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