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राम मंदिर का कोरिया कनेक्शन,कैसे अयोध्या की राजकुमारी पहुंची कोरिया!


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नई दिल्लीःप्रभु श्री राम की नगरी अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह की पूरी तैयारियां हो चुकी है. अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला के विराजमान होने में अब कुछ ही समय बचा है. सोमवार (22 जनवरी) को रामलला के विराजमान होते ही देशवासियों का सदियों का इंतजार पूरा हो जाएगा. मंदिर के साथ-साथ अयोध्या भी सज-धज कर तरह तैयार हो चुका है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने के लिए मंदिर ट्रस्ट ने 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों को निमंत्रण भेजा है.अनेक देश भारत को शुभकामनाएं भेज रहे हैं और कार्यक्रम में सम्मिलित होने आ रहे हैं. उनमें से एक हैं दक्षिण कोरिया की किम चिल-सु. वह रानी हू के राजवंश से हैं. रानी हू को सुरीरत्ना के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि सुरीरत्ना अयोध्या की राजकुमारी थीं. ऐसा कहा जाता है राजकुमारी सुरीरत्ना ने 2000 साल पहले कोरिया के राजकुमार से विवाह किया था और वहां कि क्वीन और कोरिया की बहू बन गयी थी, अब उन्ही कि वंशज किम चिल-सु को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के कार्यक्रम में आमंत्रित किया गया है.

कैसे हुई कारक राजवंश की शुरुआत

किंवदंती के अनुसार, सुरीरत्ना अयोध्या की राजकुमारी थी, जिन्होंने कोरिया की यात्रा की और ग्योंगसांग प्रांत के किमहये शहर गई थीं और वहीं की होकर रह गईं और कारक राजवंश की शुरुआत की. पिछले कई सालों से अयोध्या का भारत-कोरिया कनेक्शन चर्चा में रहा है. साल 2018 में दक्षिण कोरिया की प्रथम महिला किम जुंग सूक अयोध्या में भव्य दिवाली उत्सव में भी शामिल हुई थीं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अयोध्या और कोरिया के बीच ऐतिहासिक संबंध पर जोर दिया था. इसके बाद ही कोरिया की प्रथम महिला को अयोध्या में आमंत्रित किया गया था.

अयोध्या की राजकुमारी की क्या है कहानी?

प्रिंसेस हियो ह्वांग-ओके, या रानी हू को सुरीरत्ना के नाम से भी जाना जाता है. दक्षिण कोरिया में और पिछले कुछ दशकों से भारत में भी यह व्यापक मान्यता है कि 48 ईस्वी में अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना ने राजा सुरो से शादी करने के लिए तीन महीने की यात्रा की थी और फिर कारक वंश की स्थापना की. उनके राज्य की राजधानी गिम्हे शहर थी. आज, दक्षिण कोरिया में लाखों लोग अपनी उत्पत्ति कारक कबीले से मानते हैं.

अयोध्या की राजकुमारी कैसी पहुंची कोरिया?

किंवदंती कहती है कि राजकुमारी सुरीरत्ना के माता-पिता को एक बार एक सपना आया था, जिसमें एक दिव्य आवाज ने उन्हें अपनी बेटी को ग्यूमगवान गया भेजने का निर्देश दिया था क्योंकि वहां के राजा सुरो को कोई उपयुक्त रानी नहीं मिली थी. शाही जोड़े ने अपनी बेटी को राजकुमार से मिलवाने के लिए कई उपहारों के साथ एक नाव पर बिठाया. इसके बाद आखिरकार राजकुमारी की मुलाकात राजा से हुई और दोनों ने शादी कर ली.

ये है मान्यता

कहा जाता है कि सुरीरत्ना या राजकुमारी हियो ह्वांग-ओक ने एक पत्थर लेकर समुद्र के रास्ते भगवान राम के जन्मस्थान से कोरिया तक की यात्रा की थी. उनकी यात्रा के वक्त समुद्र एकदम शांत हो गया था। ये पत्थर आज भी कोरिया में मौजूद है।

अयोध्या में आया था कोरिया से प्रतिनिधिमंडल

अयोध्या के राजवंश के सदस्य बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा ने 2018 में टीओआई से बात करते हुए बताया था कि 1996 में इंजे विश्वविद्यालय का एक प्रतिनिधिमंडल रानी हू की वंशावली का पता लगाने के लिए अयोध्या पहुंचा और हमारे शाही परिवार से मिलने आया। इसके बाद 1999 में उन्होंने हमें दक्षिण कोरिया की राजधानी में आमंत्रित किया और हमें सर्वोच्च सम्मान दिया। उन्हें भारत और दक्षिण कोरिया को करीब लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर गर्व महसूस हुआ। उन्होंने मुझ पर भरोसा किया और मेरे नाम पर रानी के स्मारक के लिए पट्टिका भेजी।

दक्षिण कोरिया का राजदूत ने भी दोहराई थी यही बात

पिछले साल, भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक ने कहा था कि अयोध्या भारत और दक्षिण कोरिया के लिए महत्वपूर्ण है। 2,000 साल पहले एक भारतीय राजकुमारी की कोरियाई राजा से शादी की किंवदंती का अयोध्या से संबंध है, क्योंकि हमारी इतिहास की किताबों में अयुता की एक राजकुमारी का उल्लेख है। मुझे नहीं पता कि अयुता अयोध्या है या नहीं लेकिन कोरियाई भाषा में यह अयुता है। यह माना जाता है कि अयुता अयोध्या थी या अयोध्या अयुता थी। अयोध्या में रानी हू का स्मारक भी बनाया गया था।

महानुभावों के लिए खास व्यवस्था

सूत्रों के मुताबिक इनमें बड़ी संख्या में उद्योगपतियों, फिल्म स्टारों, क्रिकेटरों राजनेताओं ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह में आने की सहमति दे दी है। कुछ के सहमति आने का इंतजार किया जा रहा है। राज्य अतिथि बनाए गए महानुभावों के आने जाने, रहने सहित अन्य की व्यवस्था प्रशासन को करनी है। इसलिए प्रशासन ने इसको लेकर पहल तेज कर दी है। राज्य अतिथियों के आने-जाने के समय की सूचना, भोजन-नाश्ते के साथ दूसरी व्यवस्था का खाका खींचा जा रहा है। वीवीआईपी से जानकारी लेने के भी प्रयास किए जा रहे हैंं।

करीब 7,000 लोग समारोह में होंगे शामिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस दिन मंदिर में रामलला की मूर्ति की स्थापना में शामिल होंगे। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने 10 जनवरी को अपने झारखंड दौरे के दौरान कहा था कि विदेश से लगभग 100 प्रतिनिधियों सहित लगभग 7,000 लोग समारोह में शामिल होंगे।

वैदिक अनुष्ठान एक सप्ताह पहले 16 जनवरी से शुरू हुए

उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं, जिसमें गणमान्य व्यक्ति और सभी क्षेत्रों के लोग शामिल होंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 22 जनवरी को दोपहर में राम मंदिर के गर्भगृह में राम लला को विराजमान करने का निर्णय लिया है। अयोध्या में राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान एक सप्ताह पहले 16 जनवरी से शुरू होंगे।

पीएम मोदी ने रखा व्रत

मुख्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर के गर्भगृह के अंदर श्री राम लला की औपचारिक स्थापना की अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले शुक्रवार को पीएम मोदी ने अयोध्या के राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 11 दिवसीय विशेष अनुष्ठान की घोषणा की थी। वाराणसी के एक पुजारी लक्ष्मी कांत दीक्षित 22 जनवरी को राम लला के अभिषेक समारोह का मुख्य अनुष्ठान करेंगे। 14 जनवरी से 22 जनवरी तक अयोध्या में ‘अमृत महोत्सव’ मनाया जाएगा

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां

बता दें कि 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में 8 हजार से अधिक लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। इस समारोह की तैयारियां पटना के महावीर मंदिर में तैयारी चल रही हैं। फिलहाल श्रीराम की चरण पादुकाएं देशभर में घुमाई जा रही हैं। उन्हें भी राम मंदिर में स्थापित किया जाएगा।

कुछ ऐसा होगा राम मंदिर

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 22 जनवरी को अयोध्या में एक लाख से ज्यादा भक्त आने की उम्मीद है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे.पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक कि निर्मित राम मंदिर परिसर की लंबाई 380 फीट(पूर्व-पश्चिम दिशा)250 फीट चौड़ाई और 161 फीट ऊंचाई है. मंदिर में कुल 44 दरवाजे, 392 पिलर, और 20 फीट ऊंची मंजिल है.

भक्तों मिलेगा ये खास तोहफा

बता दें कि नींव की खुदाई के दौरान निकाली गई राम जन्मभूमि की मिट्टी को डिब्बों में पैककर 22 जनवरी को अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले मेहमानों को भेंट किया जाएगा। मंदिर ट्रस्ट ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के एक सदस्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जूट के थैले में पैक की गई राम मंदिर की 15 मीटर की तस्वीर भेंट की जाएगी।

ये सितारे होंगे शामिल

फिल्मी जगत से कंगना रणौत के अलावा अमिताभ बच्चन, रजनीकांत, हेमा मालिनी, माधुरी दीक्षित, आशा भोसले, अरुण गोविल, दीपिका चिखालिया, नितीश भारद्वाज, मधुर भंडारकर व प्रसून जोशी, अक्षय कुमार, रणबीर कपूर, आलिया भट्ट, अजय देवगन, सनी देओल, चिरंजीवी और राम चरण सहित कई अन्य हस्तियों को भी आमंत्रित किया गया है।बता दें कि एक्ट्रेस कंगना को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए इनवाइट किया गया है. बॉलीवुड के कई और एक्टर्स को भी इस समारोह के लिए आमंत्रण मिला है. इनमें रजनीकांत, अक्षय कुमार, राम चरण, रणबीर कपूर-आलिया भट्ट, रणवीर सिंह-दीपिका पादुकोण, समेत कई सितारों के नाम शामिल हैं. 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा समारोह है, जिसके बाद 23 जनवरी से सभी लोग राम लला के दर्शन कर पाएंगे.

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