मुफ्त में मिलेगा LPG रसोई गैस कनेक्शन! जानिए कैसे
नई दिल्ली – देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 10 अगस्त, 2021 को दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उत्तर प्रदेश के महोबा में एलपीजी कनेक्शन सौंपकर उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण (प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना – पीएमयूवाई) का शुभारंभ करेंगे। उज्ज्वला 2.0 के तहत लाभार्थियों को पहला रिफिल और हॉटप्लेट मुफ्त में मिलेगी। साथ ही, इसमें नामांकन की प्रक्रिया के लिए न्यूनतम कागजी कार्रवाई की जरूरत होगी।
उज्ज्वला 2.0 में प्रवासियों को राशन कार्ड या निवास प्रमाण – पत्र जमा करने की जरूरत नहीं होगी। ‘पारिवारिक घोषणा’ और ‘निवास प्रमाण’, दोनों, के लिए स्वयं द्वारा एक घोषणा पर्याप्त है। उज्ज्वला 2.0 एलपीजी तक सभी की पहुंच के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के लिए घरेलू रसोई गेस यानी एलपीजी कनेक्शन मुहैया करती है। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के सहयोग से यह योजना चलाई जा रही है।
वित्तीय बोझ कम करने के लिए सरकार चूल्हे और पहले भरे हुए सिलेंडर की कीमत मासिक किस्तों में भरने की छूट देती है। कनेक्शन को परिवार की महिलाओं के नाम पर जारी किया जाता है। इससे खासकर ग्रामीण भारत में महिलाओं के सशक्तिकरण में मदद मिलती है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना को पीएम नरेंद्र मोदी ने 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में लॉन्च किया था। इस स्कीम के तहत, 5 करोड़ से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन बीपीएल परिवारों को उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
स्कीम के तहत, बीपीएल परिवारों को एक एलपीजी कनेक्शन के लिए 1600 रुपये की वित्तीय सहायता मिलती है। 1600 रुपये प्रति कनेक्शन की कीमत में सिलेंडर, प्रेशर रेगुलेटर, बुकलेट, सेफ्टी हाउस आदि शामिल हैं और इसे सरकार उठाती है. ग्राहकों को चूल्हा खुद खरीदना होता है।
ऐसे ले मुफ्त में मिलेगा LPG रसोई गैस कनेक्शन –
इसके लिए जन धन बैंक अकाउंट नंबर, घर के सभी सदस्यों का अकाउंट नंबर, आधार नंबर और डिटेल में घर के पते की जरूरत पड़ती है। स्कीम के तहत आवेदन करते समय यह भी जानकारी देनी पड़ती है कि लाभार्थी को 14.2 किलोग्राम का सिलेंडर लेना है या उसे 5 किलो वाले छोटे गैस सिलिंडर की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की वेबसाइट से फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। कनेक्शन को ऐप्लीकेशन की प्रोसेसिंग के बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) द्वारा जारी किया जाता है।