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स्वच्छता सर्वेक्षण 2023: इंदौर और सूरत रहे देश के सबसे स्वच्छ शहर,राष्ट्रपति मुर्मू ने दिया खिताब


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नई दिल्लीः इंदौर ने लगातार सातवीं बार स्वच्छता का ताज अपने पास बरकार रखा, लेकिन साथ में सूरत को भी संयुक्त रुप से पहला पुरस्कार मिला है। सबसे ज्यादा अंकों के साथ इंदौर रैंकिंग में सबसे आगे रहा, जबकि इस बार सर्वेक्षण की टीम इंदौर बारिश के दिनों में आई थी, लेकिन तब भी उन्हें शहर साफ नजर आया। दिल्ली में आयोजित समारोह में जब देश के सबसे साफ शहर के लिए इंदौर का नाम पुकारा गया तो खुशी का आलम इंदौर में भी छाया। निगम मुख्यालय पर एलईडी स्क्रीन पर प्रसारण देख रहे जनप्रतिनिधि, अफसर, कर्मचारी खुशी से झूम उठे। इंदौरवासियों को एक बार फिर खुद पर गर्व करने का मौका मिला। स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 की थीम वेस्ट टू वेल्थ थी। 4477 शहरों में 9500 अंकों में सबसे ज्यादा अंक इंदौर और सूरत को मिले।

ऐसा पहली बार हुआ जब दो शहरों को प्रथम स्थान मिला

दिल्ली के भारत मंडपम में स्वच्छता को लेकर सम्मान समारोह चल रहा है. स्वच्छता को लेकर किए गए वार्षिक सर्वेक्षण में इंदौर और सूरत को सबसे साफ शहर घोषित किए गए हैं. ऐसा पहली बार हुआ जब दो शहरों को प्रथम स्थान में रखा गया. इंदौर ने लगातार सातवीं बार ये खिताब अपने नाम किया है. वहीं तीसरे स्थान पर नवी मुंबई रही. सम्मान समारोह में राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को पुरस्कार प्रदान किया. इस दौरान सीएम मोहन यादव के अलावा नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त हर्षिका सिंह भी मौजूद थे.

राष्ट्रपति मुर्मू ने दिया खिताब

कचरे को हर दरवाजे से छह श्रेणियों में अलग-अलग जमा किए जाने के बाद इसके प्रसंस्करण और निपटान की टिकाऊ प्रणाली के बूते केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण (Swachh Survekshan 2023 Awards) में इंदौर लगातार सातवीं बार अव्वल रहा है. मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इस शहर को इस बार नम्बर-1 का खिताब गुजरात के प्रमुख वाणिज्यिक नगर सूरत के साथ साझा करना पड़ा है.सुबह 11 बजे आयोजित समारोह में राष्ट्रपति दोपद्री मुर्मू ने इस मौके पर कहा कि वेस्ट यू वेल्थ आज की जरूरत है। स्वच्छता अभियान को जन आंदोलन बनाने में सभी का योगदान है। स्वच्छता के महत्व पर गांधी जी के विचार और कार्य हमारी विरासत है। स्वच्छत भारत मिशन के दूसरे चरण पर अधिक से अधिक वस्तुअेां को रिसायकल और रीयूज करने पर जोर दिया जा रहा है।

इस बार की थीम ‘‘वेस्ट टू वेल्थ”

‘‘वेस्ट टू वेल्थ” (“Waste to Wealth”) की थीम पर केंद्रित वर्ष 2023 के स्वच्छता सर्वेक्षण में अलग-अलग श्रेणियों में देश के 4,400 से ज्यादा शहरों के बीच कड़ी टक्कर थी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President of India Draupadi Murmu) की मौजूदगी में नई दिल्ली के भारत मंडपम (Bharat Mandapam Convention Center New Delhi) कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में इंदौर को सूरत के साथ देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया.वर्ष 2024 में भी यही थीम रहेगी। जीरो वेस्ट के प्रयासों को जी-20 के सभी देशों ने सहमति दी है। हमारे देश के एक तिहाई देशवासी शहरों में रहते है। कई शहरों में कुड़े के पहाड़ है। वे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। उन पहाड़ों को कई शहर समाप्त किया जा रहा है। हमें जीरो डंप साइट का लक्ष्य हासिल करना होगा। सफाई के लिए जनता की भागीदारी सबसे जरुरी है। हमारे युवा सबसे महत्वपूर्ण स्टेग होल्डर है। वे ठान ले तो भारत आने वाले वर्षों में विश्व के सबसे साफ देश को बनाने का लक्ष्य पूरा कर सकते है।

भोपाल सबसे स्वच्छ राजधानी और एमपी दूसरा सबसे स्वच्छ राज्य

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को भारत की सबसे स्वच्छ राजधानी का पुरस्कार प्रदान किया गया इसके साथ ही 5 वां. सबसे स्वच्छ शहर भी भोपाल रहा. मध्य प्रदेश को महाराष्ट्र के बाद दूसरा सबसे स्वच्छ राज्य का अवॉर्ड दिया गया. इस लिस्ट के तीसरे नंबर में छत्तीसगढ़ रहा है.

इंदौर को 7वीं बार पुरस्कार

खास बात है कि स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 में मध्य प्रदेश के इंदौर को लगातार सातवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर चुना गया है। ये शहर हर साल स्वच्छता के मामले में नए आयाम गढ़ रहा है। इंदौर को मिले इस अवार्ड को लेने सीएम मोबहन भागवत, महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त हर्षिका सिंह के साथ नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय भी पहुंचे थे।

सिंगल यूज प्लास्टिक बैन

अमित दुबे ने बताया कि एकल उपयोग वाले प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने वाले इंदौर में गुजरे सालों में कचरे का उत्पादन कम हुआ है. उन्होंने कहा कि शहर में कचरा घटाने में झोला बैंकों, ‘थ्री आर” (Reduce, Reuse and Recycle) केंद्रों, कबाड़ में मिली चीजों को दोबारा इस्तेमाल के लायक बनाकर विकसित किए गए उद्यानों, बर्तन बैंकों और गीले कचरे से घरों में ही खाद बनाने के संयंत्रों (Home Composting) की बड़ी भूमिका है.

सीएम ने दी बधाई

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इंदौर सहित प्रदेश भर के लोगों को बधाई दी. सीएम मे ट्वीट कर लिखा- इंदौर ने लगातार 7वीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनकर मध्‍यप्रदेश का गौरव बढ़ाया है, इसके लिए इंदौर वासियों व स्वच्छता कर्मवीरों का हार्दिक अभिनंदन करता हूं. मुझे पूर्ण विश्‍वास है कि मध्‍यप्रदेश ऐसे ही प्रधानमंत्री मोदी के “स्‍वच्‍छ भारत अभियान” को गति देकर निरंतर अपना योगदान देता रहेगा.

गोबर-धन” संयंत्र

शहर के देवगुराड़िया ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 15 एकड़ पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के आधार पर एक कम्पनी द्वारा चलाया जा रहा ‘‘गोबर-धन” संयंत्र हर दिन 550 टन गीले कचरे (फल-सब्जियों और कच्चे मांस का अपशिष्ट, बचा या बासी भोजन, पेड़-पौधों की हरी पत्तियों, ताजा फूलों का कचरा आदि) से हर दिन 17,000 से 18,000 किलोग्राम बायो-सीएनजी और 100 टन जैविक खाद बना सकता है. यहां बताया गया कि इस संयंत्र में बनी बायो-सीएनजी से 110 सिटी बसें चलाई जा रही हैं जो निजी कम्पनी द्वारा शहरी निकाय को सामान्य सीएनजी की प्रचलित बाजार दर से पांच रुपये प्रति किलोग्राम कम दाम पर बेची जाती है.

विश्व का सबसे बड़ा स्वच्छता सर्वेक्षण

भारत का स्वच्छता सर्वेक्षण विश्व का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता सर्वेक्षण है. शहरों में स्वच्छता को बनाए रखने के लिए 2016 में इसकी शुरुआत की गई थी. आपको बता दें स्वच्छता सर्वेक्षण के इस नौवें सीजन में 4500 से ज्यादा शहरों को लिस्ट में रखा गया था.

महाराष्ट्र का शानदार प्रदर्शन

केंद्र सरकार की ओर से दिए जाने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण पुरस्कार 2023 में शानदार प्रदर्शन करने वाले राज्यों की श्रेणी में महाराष्ट्र ने पहला स्थान हासिल किया है। इसके बाद मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ को शानदार प्रदर्शन करने का अवार्ड मिला है। 2023 के स्वच्छता सर्वेक्षण में अलग-अलग श्रेणियों में देश के 4,400 से ज्यादा शहरों के बीच कड़ी टक्कर थी।

अन्य राज्यों का हाल

स्वच्छता सर्वेक्षण में सबसे स्वच्छ शहरों की बात करें तो लिस्ट में चौथे नंबर पर आंध्र प्रदेश का विशाखापत्तनम, पांचवें पर एमपी की राजधानी भोपाल, छठे पर आंध्र का विजयवाड़ा, सातवें पर नई दिल्ली, आठवें पर आंध्र का तिरुपति, नवें पर तेलंगाना का हैदराबाद और दसवें पर महाराष्ट्र का पुणे शहर रहा है।

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