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महापरिनिर्वाण दिन: बीआर आंबेडकर की पुण्यतिथि पर PM मोदी ने दी श्रद्धांजलि


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नई दिल्लीः आज भारत के संविधान लिखने वाले डॉ भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि पूज्य बाबासाहेब ने अपना जीवन शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।

पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

आज 6 दिसंबर को पूरा देश डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की याद में महापरिनिर्वाण दिवस मना रहा है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबासाहेब को याद किया और उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट पर लिखा, ‘पूज्य बाबा साहेब भारतीय संविधान के निर्माता होने के साथ-साथ सामाजिक समरसता के अमर सेनानी थे, जिन्होंने अपना जीवन शोषितों और वंचितों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया. आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें मेरा सादर नमन.’संविधान के निर्माता होने के अलावा, वह सामाजिक सद्भाव के एक अमर चैंपियन थे। मोदी ने अंबेडकर के बारे में आगे कहा, ‘जो एक दलित परिवार से थे और वंचितों के हितों के लिए अपने समर्थन के साथ भारतीय राजनीति में सबसे महत्वपूर्ण शख्सियतों में से एक बन गए।’

महापरिनिर्वाण दिवस

बता दें कि, भारत 6 दिसंबर को डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की याद में महापरिनिर्वाण दिवस मनाता है. 14 अप्रैल 1891 को भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाले बीआर अंबेडकर, जिन्हें संविधान के जनक के रूप में भी जाना जाता है, का जन्म हुआ था. बाबासाहेब के नाम से मशहूर, उन्होंने छुआछूत की सामाजिक बुराई को खत्म करने, लैंगिक समानता को बढ़ावा देने और देश भर में दलितों के आर्थिक और सामाजिक उत्थान के लिए काम करने के लिए लड़ाई लड़ी. वह आज़ादी के बाद भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने वाली समिति के सात सदस्यों में से एक थे.

परिनिर्वाण का क्या अर्थ है?

परिनिर्वाण बौद्ध धर्म में एक मौलिक अवधारणा का प्रतिनिधित्व करता है, जो किसी के जीवनकाल के दौरान और मृत्यु के बाद भी निर्वाण या मुक्ति की प्राप्ति को दर्शाता है. संस्कृत में, मरणोपरांत निर्वाण प्राप्त करना या मृत्यु के बाद शरीर से आत्मा की रिहाई को परिनिर्वाण कहा जाता है. पाली में “परिनिब्बाना” शब्द का इस्तेमाल निर्वाण की पूर्ति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है.

समाज में हो रहे भेदभाव के विरुद्ध चलाया अभियान

बता दें कि बाबासाहेब का निधन 06 दिसबंर 1956 में हुआ था। उनके निधन के बाद से नेताओं ने, विशेष रूप से दलित पृष्ठभूमि वाले लोगों ने, अनुसूचित जातियों, एक प्रभावशाली मतदान समूह और अन्य कमजोर वर्गों को शिक्षा, संवैधानिक आंदोलन और उनके लिए एकीकरण के लिए आंबेडकर के प्रयासों के इर्द-गिर्द एकजुट किया है।

बाबासाहेब एक बहुत बड़े अर्थशास्त्री, न्यायविद, राजनीतिज्ञ के साथ-साथ समाज सुधारक

बाबासाहेब एक बहुत बड़े अर्थशास्त्री, न्यायविद, राजनीतिज्ञ के साथ-साथ समाज सुधारक भी थे। उन्होंने जीवन भर दलित जाति के हित और आजादी के लिए काम किया। उन्होंने समाज में हो रहे भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया। दलित पृष्ठभूमि से आने वाले अंबेडकर, वंचितों के अधिकारों की वकालत करते हुए भारतीय राजनीति में एक प्रमुख स्थान पर पहुंचे। 1956 में उनके निधन के बाद से, उनके विचारों की सराहना का विस्तार हुआ है।

अंबेडकर ने कानून और न्याय मंत्री के रूप में भी काम किए

दलित पृष्ठभूमि से आने वाले अंबेडकर, वंचितों के अधिकारों की वकालत करते हुए भारतीय राजनीति में एक प्रमुख स्थान पर पहुंचे। 1956 में उनके निधन के बाद से, उनके विचारों की सराहना का विस्तार हुआ है. मसौदा समिति के अध्यक्ष के रूप में संविधान का मसौदा तैयार करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका के अलावा, डॉ. अंबेडकर ने जवाहरलाल नेहरू की प्रारंभिक कैबिनेट में कानून और न्याय मंत्री के रूप में भी कार्य किया.

बाबा साहेब के संघर्षों ने लाखों लोगों के भीतर उम्मीद जगाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार सुबह भारत के संविधान के निर्माता डॉ. बीआर अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर कहा कि उनके संघर्षों ने लाखों लोगों के भीतर उम्मीद जगाई है।

इन लोगों ने भी दी श्रद्धांजलि

वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और अन्य नेताओं ने भी बाबा साहेब को पुष्पांजलि अर्पित की।वहीं दूसरी ओर, महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने मुंबई में संविधान निर्माता अंबेडकर को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी।बता दें, डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म मध्यप्रदेश के महू में 14 अप्रैल 1891 हुआ था। वे अछूत माने जाने वाली महार जाति से थे। यही कारण था कि उन्हें बचपन से ही भेदभाव और सामाजिक तिरस्कार का सामना करना पड़ा था।

गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भीमराव आंबेडकर के पुण्यतिथि पर ट्वीट कर कहा, ‘भारत रत्न बाबसाहेब अम्बेडकर जी ने समरसता और राष्ट्रीय एकता की भावना को एक सूत्र में पिरोकर संविधान का सृजन किया. उन्होंने देश को एक ऐसा प्रगतिशील और न्याय-केंद्रित संविधान दिया, जिससे गरीब से गरीब व्यक्ति के लिए न्याय व अधिकार सुनिश्चित हुए. गरीब और वंचित वर्ग के लिए समर्पित बाबासाहेब का जीवन हम सभी के लिए प्रेरणीय है. बाबासाहेब को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर नमन करता हूं.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘आधुनिक भारत के निर्माण में अविस्मरणीय योगदान देने वाले बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर का पूरा जीवन लोकतंत्र की जीवंत पाठशाला है. संविधान शिल्पी, ‘भारत रत्न’ बाबा साहब का हर कार्य, हर निर्णय ‘अंत्योदय’ को समर्पित था. ऐसे हुतात्मा को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर विनम्र श्रद्धांजलि!

राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर दी श्रद्धांजलि

वहीं राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी.उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘बाबासाहेब अम्बेडकर का जीवन और उनका संदेश मुझे हर दिन सभी नागरिकों के लिए न्याय के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है. उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि.

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