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World Aids Day 2023 : झारखंड में इस साल AIDS संक्रमित के डरावने आंकड़े आये सामने


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नई दिल्लीः एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है. एचआईवी संक्रमित लोगों के लिए सपोर्ट दिखाने और एड्स रोगियों को साहस देने के लिए हर साल इसे एक विशेष थीम भी दिया जाता है. वर्ष 2023 का थीम ”लेट कम्युनिटी लीड” है. बता दें कि झारखंड में एड्स के ज्यादा मामले वैसे जिलों में हैं, जहां पर प्रवासी मजदूर हैं और उन जिलों से राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरते हैं. इसे ध्यान में रखते हुए उन जगहों पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वहीं एलिमिनेशन ऑफ पैरेंट टू चाइल्ड ट्रांसमिशन ऑफ एचआईवी कार्यक्रम के तहत एचआईवी संक्रमित माता-पिता से 83 बच्चों को एड्स संक्रमित होने से बचाया गया है.एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) एक गंभीर बीमारी है। ह्यूमन इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस के कारण होने वाली ये बीमारी जानलेवा हो सकती है। जागरुकता बढ़ाने और बचाव के लिए एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।

क्या है एड्स?

एड्स का पूरा नाम एकवायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम है। यह एचआईवी इन्फेक्शन का आखिरी चरण होता है। यह वायरस, शारीरिक संबंध बनाने के दौरान एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है, लेकिन इसके संक्रमण के और भी दूसरे कारण हो सकते हैं, जैसे- संक्रमित ब्लड ट्रांस्फयूजन, किसी और पर इस्तेमाल किए हुए इन्जेक्शन का प्रयोग, मां से बच्चे को जन्म के समय, ब्रेस्टफीड करना। समय पर एचआईवी संक्रमण का पता न लगने की वजह से एड्स हो सकता है। हालांकि, इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है, लेकिन दवाइयों की मदद से इसके इन्फेक्शन को कंट्रोल किया जा सकता है। यह वायरस इम्यून सिस्टम के टी-सेल्स पर हमला करता है, जिस वजह से इम्युनिटी कमजोर होने लगती है और अन्य दूसरी बीमारियों से बचाव करना मुश्किल हो जाता है।

झारखंड में डरावने आंकड़े आये सामने

दरअसल हम बात कर रहे हैं झारखंड की जहां वर्तमान में 15326 लोग प्रभावित हैं। एड्स कंट्रोल संगठन के आंकड़ों की मानें तो पिछले साल 6,22,140 लोगों की जांच की गई, जिसमें से 975 लोग एचआईवी संक्रमित पाए गए हैं। ये आंकड़े डराने वाले हैं। बताया जा रहा है कि पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा संक्रमितों की संख्या हजारीबाग जिले में हैं। यहां 3000 से अधिक लोग एचआईवी संक्रमण से जूझ रहे हैं।राज्य में वर्तमान में 15326 लोग प्रभावित हैं। एड्स कंट्रोल संगठन के आंकड़ों के अनुसार इस साल 6,22,140 लोगों की जांच की गई, जिसमें 975 लोग संक्रमित पाए गए। झारखंड में संक्रमितों में 9612 को राशन कार्ड, 7215 को आयुष्मान कार्ड और 7660 को पेंशन का लाभ मिल रहा है। 175 संक्रमित एवं प्रभावित बच्चों को समाज कल्याण विभाग की ओर से चार हजार मासिक अनुदान दिया जा रहा है।

इसके लक्षण कुछ ऐसे हो सकते हैं-

कमजोरी
बुखार
अधिक पसीना आना
ठंड लगना
रैशेज
लिंफ नॉड में सूजन
शरीर में दर्द
थकावट
डायरिया
मुंह में छाले
उल्टी
वजन कम होना

जेलों में की गयी एचआईवी जांच, 15 संक्रमित

राज्य के विभिन्न जेलों में बंद 18,540 कैदियों की भी एचआईवी जांच की गयी. जिनमें से 15 कैदी एचआईवी पॉजिटिव पाए गए हैं. वहीं 25, 433 उच्च जोखिम वाले लोगों की एचआईवी जांच की गई, जिनमें से 10 लोग एचआईवी पॉजिटिव पाए गए.

हजारीबाग में सबसे अधिक 3465 संक्रमित

राज्य में सबसे अधिक पीड़ित हजारीबाग जिले के हैं। यहां कुल एड्स संक्रमितों की संख्या 3465 है। विशेषज्ञों के अनुसार प्रवासी मजदूर या लंबी दूरी तय करने वाले ड्राइवरों में एचआईवी की पुष्टि अधिक हो रही है। आकड़ों के अनुसार वर्तमान में पूरे राज्य में 6804 महिला, 7358 पुरुष, 61 ट्रांसजेंडर, 652 युवक और 451 युवतियां संक्रमित हैं। इसवर्ष जेल में बंद 18540 कैदियों की भी जांच की गई, जिसमें 15 एचआईवी पॉजिटिव पाए गए।

इसवर्ष लेट कम्युनिटी लीड थीम पर विभिन्न जिलों में 30 स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। वहीं, एलिमिनेशन ऑफ पैरेंट टू चाइल्ड ट्रांसमिशन ऑफ एचआईवी कार्यक्रम के तहत एचआईवी संक्रमित माता-पिता से होने वाले कुल 83 बच्चों को एड्स संक्रमित होने से बचाया गया है।

कैसे कर सकते हैं बचाव?

एड्स से बचाव के उपाय-एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिए कोई टीका नहीं है और एचआईवी/एड्स का कोई इलाज नहीं है. लेकिन आप कुछ उपाय अपनाकर खुद को और दूसरों को संक्रमण से बचा सकते हैं जैसे

सुरक्षित यौन संबंध बनाएं.
संक्रमित व्यक्ति के खून या अन्य शरीर के तरल पदार्थों के संपर्क में आने से बचें.
एचआईवी वैक्सीन का टीका लगवाएं.

एड्स का खतरा कैसे

असुरक्षित यौन संबंध बनाने, जाने और अनजाने उन लोगों के साथ जिनको पहले से संक्रमण है तो आप भी एचआईवी के संपर्क में आ सकते हैं। संक्रमित इंजेक्शन को साझा करने, संक्रमित व्यक्ति का रक्त लेने से भी संक्रमित होने का खतरा है।

इनसे नहीं फैलता संक्रमण

हाथ मिलाने, संक्रमित व्यक्ति के छींकने-खांसने से निकलने वाली ड्रॉपलेट, संक्रमित व्यक्ति के साथ भोजन करने से यह संक्रमण नहीं फैलता है। एचआईवी संक्रमण या एड्स की पुष्टि के लिए खून की जांच जरूरी है।

मल्टीपल पार्टनर से बचें

एड्स का सबसे आम कारण मल्टीपल पार्टनर है. जब कोई व्यक्ति एक से अधिक लोगों के साथ यौन संबंध बनाता है, तो वह एचआईवी से संक्रमित होने का अधिक खतरा होता है. इसलिए, अगर आप एड्स से बचना चाहते हैं, तो मल्टीपल पार्टनर से बचें. अगर आप यौन संबंध बनाते हैं, तो सुरक्षित यौन संबंध बनाएं.

कंडोम का इस्तेमाल

शारीरिक संंबंध बनाते समय प्रोटेक्शन का इस्तेमाल करें। किसी भी प्रकार के शारीरिक संबंध बनाते समय, कंडोम का इस्तेमाल करें। शारीरिक संबंध बनाने से, एचआईवी वायरस का संक्रमण होने की संभावना काफी अधिक होती है। इसलिए हमेशा सुरक्षित तरीके से शारीरिक संबंध बनाएं और हर बार नए कंडोम का इस्तेमाल करें।

इंजेक्शन शेयर न करें

कई लोगों के एक ही इंजेक्शन के इस्तेमाल करने से एचआईवी वायरस फैल सकता है। इसलिए हमेशा इंजेक्शन लेते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह पहले नया हो और पहले किसी ने उसका इस्तेमाल न किया हो। सिर्फ दवाइयों के ही नहीं, बल्कि टैटू बनाने के लिए इस्तेमाल की गए सुई से भी एचआईवी का संक्रमण हो सकता है। इसलिए टैटू बनवाते समय खास सावधानी बरतें।

टेस्ट करवाएं

अगर आप शारीरिक संबंध बना रहे हैं, तो नियमित तौर से एसटीआई (STI) की जांच कराएं। इससे समय रहते इसका पता चल जाता है और इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा, अपने पार्टनर का भी नियमित रूप से टेस्ट करवाएं।

जिलावार एचआईवी संक्रमितों की संख्या

● बोकारो 622

● देवघर 802

● धनबाद 1345

● डाल्टनगंज 1376

● दुमका 374

● गिरिडीह 1357

● गुमला 163

● हजारीबाग 3465

● जमशेदपुर 2409

● कोडरमा 1060

● रांची 1476

● साहिबगंज 563

● चाईबासा 314

● कुल 15326

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