x
भारत

कोयले की कमी से बंद हुए 20 थर्मल पावर स्टेशन


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्ली – भारत एक बार फिर बिजली संकट के मुहाने पर आकर खड़ा हो गया है। देश में कोयले से चलने वाले 135 पावर प्लांट में से आधे से ज्यादा ऐसे है, जहां कोयले का स्टॉक खत्म होने वाला है या तो हो चुके है। पंजाब में तीन, केरल में चार और महाराष्ट्र में 13 थर्मल पावर स्टेशन बंद हो चुके है। सभी कोयले की कमी के कारण बंद हुए है।

बिजली संकट के डर से, कर्नाटक और पंजाब के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से अपने राज्यों में कोयले की आपूर्ति बढ़ाने का अनुरोध किया है। महाराष्ट्र के ऊर्जा विभाग ने नागरिकों से बिजली बचाने का आग्रह किया है। केरल सरकार ने भी चेतावनी दी है कि उन्हें लोड-शेडिंग का सहारा लेना पड़ सकता है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया ताकि कोयले और गैस को बिजली की आपूर्ति करने वाले संयंत्रों की तरफ मोड़ा जा सके।

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, देश थर्मल प्लांटों में कोयले के भंडार की अभूतपूर्व कमी का सामना कर रहा है, जिससे बिजली संकट पैदा हो सकता है। 5 अक्टूबर को बिजली उत्पादन के लिए कोयले का उपयोग करने वाले 135 ताप संयंत्रों में से 106 क्रिटिकल या सुपरक्रिटिकल चरण में थे। यानी उनके पास अगले 6-7 दिनों के लिए ही स्टॉक था।

भारत में इस्तेमाल होने वाली बिजली का 71 फीसदी थर्मल पावर प्लांट्स के जरिए पूरा होता है। थर्मल पावर प्लांट्स में कोयला संयंत्रों के अलावा गैस, डीजल और नेचुरल गैस बेस्ड प्लांट शामिल है। इसके अलावा देश की बिजली डिमांड का 62 फीसदी भारत के विशाल कोयला रिजर्व के जरिए पूरा होता है। बाकी डिमांड आयातित कोयले से पूरी होती है। केंद्रीय बिजली मंत्री आर के सिंह ने आश्वासन देते हुए कहा था की मैंने भारतीय गैस प्राधिकरण लिमिटेड से देश भर के बिजली स्टेशनों को आवश्यक मात्रा में गैस की आपूर्ति जारी रखने के लिए कहा है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि आपूर्ति जारी रहेगी। न तो पहले गैस की कमी थी और न ही भविष्य में होगी।

कोयले की कमी के कुछ संभावित कारण भारत में कोयले की आवाजाही को प्रभावित करने वाली अधिक वर्षा और रिकॉर्ड उच्च कीमतों के कारण अपनी क्षमता के आधे से भी कम उत्पादन करने वाले आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्र है। कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कमजोर होने के साथ ही भारत समेत पूरी दुनिया में बिजली की मांग तेजी से बढ़ी। औद्योगिक गतिविधियों में तेजी आना भी मांग बढ़ने की एक वजह रहा। 2019 के मुकाबले इस वर्ष के अगस्‍त-सितंबर माह में कोयले की खपत भी करीब 18 फीसदी तक बढ़ गई है।

आपको बता दे की महाराष्ट्र में कोयले की कमी के कारण महाराष्ट्र में 13 थर्मल पावर प्लांट बंद होने के साथ, महाराष्ट्र राज्य विद्युत नियामक आयोग (MSEDCL) ने नागरिकों से पीक आवर्स के दौरान बिजली का कम से कम उपयोग करने की अपील की। केरल में भी कोयले की कमी के कारण चार थर्मल स्टेशन बंद होने से राज्य पिछले कुछ दिनों से सेंट्रल पूल से 15 प्रतिशत बिजली की कमी का सामना कर रहा है। लेकिन अभी तक लोड शेडिंग नहीं हुई है। कोयले की कमी के कारण पंजाब में लहर मोहब्बत, रोपड़ (रूपनगर), राजपुरा, तलवंडी साबो और गोइंदवाल साहिब सहित ताप विद्युत संयंत्र – केवल एक से चार दिनों के लिए बिजली पैदा कर सकते है। पंजाब स्टेट पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (PSPCL) को निजी फर्मों और पड़ोसी राज्यों से विनिमय के आधार पर बिजली खरीदने के लिए मजबूर किया गया है।

Back to top button