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कोविड-19 से भी ज्यादा खतरनाक साबित होगी Disease X, एक नए महामारी का जोखिम


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नई दिल्लीः Disease X ,ठीक ऐसे समय में जब लाखों लोगों की जान लेने वाली घातक कोविड-19 महामारी का अंत दिखने लगा है, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इससे भी घातक वायरस ‘डिजीज एक्स’ की चेतावनी दे दी है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के प्रमुख डॉ. टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने हाल ही में जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य सभा की बैठक में इस महामारी को लेकर चेतावनी दी है. इस बैठक में टेड्रोस ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘एक और महामारी कभी भी आ सकती है, जो भयानक बीमारी फैला सकती है और बड़ी संख्या में लोगों की जान भी ले सकती है.

Disease X का जोखिम

Disease X वायरस पर लिखी नई किताब के अनुसार आने वाले कुछ सालों में एक नई महामारी हम सभी को अपनी चपेट में ले लेगी जो कोविड-19 से भी ज्यादा खतरनाक साबित होगी। इस बीमारी के बारे में अपनी कोई जानकारी नहीं है इसलिए इसे डिज़ीज़-एक्स का नाम दिया गया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि पृथ्वी पर मौजूद लाखों-करोड़ों वायरस इसका कारण बन सकते हैं।वैक्सीन एक्सपर्ट्स द्वारा लिखी गई एक नई किताब में चेतावनी देते हुए बताया है कि दुनिया इस वक्त अगली महामारी के लिए तैयार नहीं है। किताब के अनुसार, धरती पर करोड़ों वायरस घूम रहे हैं, जिनके बारे में अभी कुछ पता नहीं है। किताब के लेखकों ने दावा करते हुए कहा है कि जैसे एक दशक पहले स्पैनिश फ्लू ने कई लोगों की जान ली थी, उसी तरह अगली महामारी 5 करोड़ लोगों की मौत का कारण बन सकती है।उन्होंने कहा कि हमें सामूहिक रूप से इसका सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. WHO ने कुछ संक्रामक रोगों की पहचान की है जो अगली महामारी का कारण बन सकते हैं. इन बीमारियों में इबोला वायरस, मारबर्ग, मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम, कोविड-19, जीका और शायद सबसे खतरनाक डिजीज-एक्स शामिल हैं.

एक रोग या सिर्फ एक शब्द?

यह कोई बीमारी नहीं बल्कि एक शब्द है. यह सबसे बुरी बीमारी हो सकती है. इस शब्द का प्रयोग डब्ल्यूएचओ द्वारा प्लेसहोल्डर के रूप में मानव संक्रमण से होने वाली बीमारी का वर्णन करने के लिए किया जाता है, और वर्तमान में चिकित्सा विज्ञान के लिए अज्ञात है. ‘डिजीज एक्स’ एक ऐसी बीमारी हो सकती है जो भविष्य में भयानक महामारी में तब्दील हो सकती है और वैज्ञानिकों को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है.यूके वैक्सीन टास्क फोर्स की पूर्व चेयरमेन, केट बिंघम और पूर्व पत्रकार व राजनीतिक सलाहकार टिम हेम्स ने मिलकर “दी नेक्स्ट किलर: हाऊ टू स्टॉप दी नेक्स्ट पैंडेमिक बिफोर इट स्टार्ट्स” नाम की एक किताब लिखी है। इसी किताब में डिज़ीज़-एक्स का जिक्र है। किताब का एक हिस्सा डेली मेल में छापा गया, जिसमें बताया गया है कि कैसे वायरस पृथ्वी पर सबसे प्रचुर और विविध जीवन रूप हैं, और उनमें से कितने मनुष्यों के लिए खतरा पैदा करते हैं।उन्होंने बताया कि वैज्ञानिकों ने वायरस के 25 परिवारों की पहचान की है, जिनमें से प्रत्येक में सैकड़ों या हजारों अलग-अलग वायरस हैं, जिनमें से कोई भी महामारी पैदा करने के लिए जिम्मेदार हो सकता है.

‘डिजीज एक्स’ ही क्यों रखा गया नाम?

कोरोना वायरस भी पहले ‘डिजीज एक्स’ था. डब्ल्यूएचओ ने 2018 में पहली बार ‘डिजीज एक्स’ शब्द का इस्तेमाल किया था. बाद में ‘डिजीज एक्स’ की जगह कोविड-19 ने ले ली. ऐसा ही अगली बार होगा जब किसी महामारी का पता चलेगा तो मौजूदा ‘डिजीज एक्स’ को उस बीमारी के नए नाम से बदल दिया जाएगा.

कितनी खतरनाक है डिज़ीज़-एक्स?

कुछ समय पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी अगली महामारी की संभावना के बारे में सचेत किया था, जिसे डिज़ीज़-ऐक्स का नाम दिया गया था। WHO ने साल 2018 में डज़ीज़-एक्स के बारे में बताया था यानी कोविड-19 महामारी के दुनियाभर में फैलने से एक साल पहले। यानी ईबोला, SARS और ज़िका के साथ WHO की खतरनाक बीमारियों की लिस्ट में डिज़ीज़-एक्स भी शामिल है।

डिजीज एक्स जंगली या पालतू जानवरों से निकलेगा

WHO के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि डिज़ीज़-एक्स अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खतरनाक महामारी का कारण बन सकता है, जो ऐसे रोगज़नक़ के कारण हो सकता है, जिनके बारे में मौजूदा समय में कोई जानकारी नहीं है। उनकी लिस्ट में शामिल बीमारियां ऐसी हैं, जिनका इलाज इस वक्त हमारे पास नहीं है। कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स का मानना है कि डिज़ीज़ एक्स ज़ूनॉटिक होगी, यानी यह जंगली या पालतू जानवरों से शुरू होगी और फिर मनुष्यों को भी संक्रमित करना शुरू कर देगी, और तेजी से म्यूटेट हो सकते हैं,जैसा कि ईबोला एचआईवी/एड्स और कोविड-19 के साथ हुआ।

अगली महामारी के लिए क्या तैयारियां करनी होंगी?

आपको बता दें कि कोविड-19 महामारी की वजह से दुनियाभर में करीब दो करोड़ लोगों मे अपनी जान गंवाई थी, लेकिन किताब के लेखकों का कहना है कि इससे खतरनाक महामारी आ सकती है। उन्होंने बताया कि इबोला, बर्ड फ्लू और MERS जैसे अन्य वायरस की तुलना में कोविड-19 की मृत्यु दर काफी कम थी। अगली महामारी के लिए हम अपने भाग्य पर निर्भर नहीं रह सकते, क्योंकि अगली महामारी और ज्यादा खतरनाक होगी.

डिजीज एक्स के बारे में क्या किया जा सकता है?

डिजीज एक्स से लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है. इसके प्रकोप को रोकने और मुकाबला करने के लिए दुनिया भर के चिकित्सा विशेषज्ञ हर संभव उपाय, अनुसंधान और निगरानी कर रहे हैं. कुल मिलाकर विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड-19 महामारी दुनिया पर कहर बरपाने वाली पहली या आखिरी बीमारी नहीं है. दुनिया को अगले प्रकोप के लिए तैयार रहने की जरूरत है. वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और नीति निर्माताओं के लिए यह आवश्यक है कि वे सतर्क रहें और भविष्य के संभावित खतरों की निगरानी और अध्ययन करते रहेंकोविड-19 से ज्यादातर लोग रिकवर हो गए थे। हालांकी, ईबोला की मृत्यु दर 67% है, वहीं बर्ड फ्लू की 60 और MERS की 34 प्रतिशत है। भविष्य में आने वाली महामारियों से बचने के लिए वैक्सीन और इलाज पर रिसर्च होना जरूरी है। साथ ही हेल्थ सिस्टम और निगरानी को मजबूत करना होगा। अगली महामारी कब आएगी इसकी तारीख आज तय नहीं की जा सकती, लेकिन इसका सामना करने के लिए हम पहले से तैयारी शुरू जरूर कर सकते हैं।

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