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चीन ने 19वें एशियाई गेम्स में भारतीय खिलाड़ियों को नहीं दी एंट्री,खेल मंत्री ने दौरा किया रद्द


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नई दिल्लीः चीन के झांगहू में 23 सितंबर से होने वाले 19वें एशियाई गेम्स में अरुणाचल प्रदेश के तीन खिलाड़ियों को एंट्री नहीं देने की चीन की चाल पर भारत ने सख्त रुख अख्तियार किया है. दिल्ली के चीनी दूतावास और बीजिंग में भारतीय दूतावास के जरिए इस पर कड़ा विरोध जताया गया है.अब यह मामला गरमा गया है। भारत ने चीन को मुंहतोड़ जवाब दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि एशियाई गेम्स में अतिथि के तौर पर अनुराग ठाकुर को शामिल होना था, लेकिन चीन के इस कदम के बाद उन्होंने तीखा विरोध जताने के लिए अपना दौरा रद्द किया है.

एशियाई खेलों का आधिकारिक आगाज 23 सितंबर को होगा।हांगझोऊ एशियाई खेलों से पहले भारत और चीन के बीच विवाद बढ़ गया है। दरअसल, खेलों से पहले चीन की एक नापाक हरकत सामने आई। उसने हांगझोऊ एशियाई खेलों के लिए अरुणाचल प्रदेश के तीन वूशु खिलाड़ियों को अंतिम क्षणों में वीजा नहीं दिया। ये वही तीन खिलाड़ी हैं, जिनके साथ चीन में कुछ महीने पहले हुए यूनिवर्सिटी गेम्स में भी चीन सरकार द्वारा बदसलूकी की गई थी और उन्हें नत्थी वीजा दिया गया था। अब फिर से इन तीनों को चीन ने सामान्य वीजा जारी नहीं किया। ऐसे में ये तीनों भारत की वूशु टीम के साथ हांगझोऊ रवाना नहीं हो सके।

19वें एशियाई गेम्स में कुछ भारतीय खिलाड़ियों से चीन में भेदभाव किया गया था, जिस पर आज विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन को कहा है कि भारत सरकार को पता चला है कि चीनी अधिकारियों ने लक्षित और पूर्व-निर्धारित तरीके से, अरुणाचल प्रदेश राज्य के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को चीन के हांगझू में होने वाले 19वें एशियाई खेलों में मान्यता और प्रवेश से वंचित करके उनके साथ भेदभाव किया है। सरकार इस भेदभाव को पूरी तरह से अस्वीकार करती है। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य अंग था, है और हमेशा रहेगा।

अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा

अरिंदम बागची ने आगे कहा, “हमारी लंबे समय से चली आ रही और सुसंगत स्थिति के अनुरूप, भारत अधिवास (India domicile) या जातीयता के आधार (based on ethnicity) पर भारतीय नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार को दृढ़ता से खारिज करता है। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। चीन द्वारा हमारे कुछ खिलाड़ियों को जानबूझकर और चुनिंदा तरीके से बाधित करने के खिलाफ नई दिल्ली और बीजिंग में कड़ा विरोध दर्ज कराया गया है। चीन की कार्रवाई एशियाई खेलों की भावना और उनके आचरण को नियंत्रित करने वाले नियमों दोनों का साफ तौर पर उल्लंघन करती है, जो स्पष्ट रूप से सदस्य देशों के प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ भेदभाव को प्रतिबंधित करती है।

खेल मंत्रालय और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) बुधवार को इन खिलाड़ियों के वीजा के प्रयास में लगे रहे, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। एक खिलाड़ी को एयरपोर्ट से ही वापस लौटना पड़ा। सूत्र बताते हैं कि खेल मंत्रालय, आईओए ने इन तीनों खिलाड़ियों को वीजा जारी करने के लिए आयोजन समिति से बात की तो उनसे कहा गया कि इन खिलाड़ियों को नत्थी वीजा जारी होगी। इसके लिए खेल मंत्रालय तैयार नहीं था। ऐसे में तीनों अरुणाचल प्रदेश के खिलाड़ी तेगा ओनिलु, लामगु मेपुंग और वांगसू न्येमान टीम के साथ नहीं जा पाए। बाकी टीम, जिसमें 10 खिलाड़ी और थे, हांगझोऊ के लिए रवाना हो गई। इससे पहले भी 26 जुलाई को विश्व यूनिवर्सिटी खेलों के लिए इन्हीं तीनों खिलाड़ियों को चीन ने नत्थी वीजा जारी कर दिया था। इसके विरोध में भारत सरकार ने पूरी वूशु टीम को एयरपोर्ट से वापस बुला लिया था।

बागची ने कहा कि अरुणाचल के भारतीय खिलाड़ियों को एशियन गेम्स में एंट्री नहीं देने की चीन की कार्रवाई एशियाई खेलों की भावना और उसमें शामिल होने के नियमों का घोर उल्लंघन है. इसमें शामिल सदस्य देशों को बिना भेदभाव खिलाड़ियों की प्रतिद्वंद्विता सुनिश्चित करनी होती है. बागची ने आगे कहा, इसके अलावा, चीनी कार्रवाई के खिलाफ हमारे विरोध के निशान के रूप में, भारत के सूचना और प्रसारण और युवा मामले के खेल मंत्री ने खेलों के लिए चीन की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है। भारत सरकार हमारे हितों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाने का अधिकार सुरक्षित रखती है।

वांग्सू न्येमान को तो इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से वापस लौटना पड़ा। उनके पास एशियाई खेलों की आयोजन समिति से जारी एक्रिडिटेशन (मान्यता कार्ड) भी था। खिलाड़ियों को एक्रिडिटेशन पर ही वीजा जारी किया गया है। वांगसू को एयरपोर्ट पर एयरलाइंस ने बताया कि वह केवल हांगकांग तक जा सकती हैं। उससे आगे का उनका वीजा नहीं है। तेगा और मेपुंग के अलावा सूरज को एशियाई खेलों की आयोजन समिति ने ई एक्रिडिटेशन जारी किया था। जब इन खिलाड़ियों ने अपना एक्रिडिटेशन कंप्यूटर से निकालना चाहा तो वांगसू, तेगा और मेपुंग के कार्ड नहीं आए, जबकि सूरज को वीजा जारी कर दिया गया। सूत्र बताते हैं कि इनको कार्ड दिलाने के लिए भरसक प्रयास किए गए। एक बार जब एथलीटों को आयोजन समिति से एक्रिडिटेशन कार्ड (मान्यता कार्ड) प्राप्त हो गए, तो इसका मतलब था कि उन्हें एशियाई खेलों के लिए यात्रा करने की मंजूरी मिल गई। आश्चर्य की बात यह है कि केवल ये तीन खिलाड़ी ही अपना दस्तावेज डाउनलोड नहीं कर सके और वे फ्लाइट में नहीं चढ़ सके।

दरअसल, अरुणाचल के तीन वूसू खिलाड़ियों को चीन ने एशियन गेम्स में शामिल होने के लिए एंट्री देने से इनकार कर दिया है. चीन अरुणाचल को अपना हिस्सा बताता रहा है और वहां के नागरिकों को भारतीय कहने पर आपत्ती जताता है. इसके पहले जुलाई में भी इसी तरह से अरुणाचल के खिलाड़ियों को एंट्री देने से चीन ने मना कर दिया था, जिस पर भारत ने तीखा विरोध जताया था. यह दूसरी बार है जब चीन ने लगातार ऐसा किया है.

अरुणाचल प्रदेश के तीन भारतीय वूशु खिलाड़ियों को एशियाई खेलों के लिए चीन में प्रवेश से वंचित किए जाने पर ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया के कार्यवाहक अध्यक्ष रणधीर सिंह ने कहा- हमने कल वर्किंग ग्रुप के साथ भी बैठक की थी और इस मुद्दे को वर्किंग ग्रुप की बैठक में उठाया गया है। वे इसे सरकार के साथ सुलझा रहे हैं और हम भी इसे सरकार के साथ उठा रहे हैं। इस पर हमारे साथ भी चर्चा चल रही है। यह सरकार से सरकार के बीच जो हो रहा है उससे बाहर है। हम इसमें ओसीए की ओर से हैं। हम उस तरह से डील कर रहे हैं।


विवाद के बीच ओलंपिक काउंसिल ऑफ एशिया (ओसीए) की एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष वेई जिझोंग ने इस बात से इनकार किया कि चीन ने खिलाड़ियों को वीजा नहीं दिया। उन्होंने कहा कि वूशु एथलीटों ने इस वीजा को स्वीकार नहीं किया है। वेई जिझोंग ने कहा- मुझे नहीं लगता कि यह ओसीए की समस्या है क्योंकि चीन ने प्रमाणित योग्यता रखने वाले सभी एथलीटों को चीन में प्रतिस्पर्धा करने के लिए आने देने का समझौता किया है। यह स्पष्ट है। वीजा पहले ही दिया जा चुका है।

पूर्व खेल मंत्री किरेन रिजीजू ने भी इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा- मैं चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के हमारे वूशु एथलीटों को वीजा देने से इनकार करने के इस कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं, जिन्हें हांगझोऊ में 19वें एशियाई खेलों में भाग लेना था। यह खेल की भावना और एशियाई खेलों के संचालन को नियंत्रित करने वाले नियमों दोनों का उल्लंघन करता है। अरुणाचल प्रदेश कोई विवादित क्षेत्र नहीं बल्कि भारत का अभिन्न अंग है। अरुणाचल प्रदेश के संपूर्ण लोग अपनी भूमि और लोगों पर चीन के किसी भी अवैध दावे का दृढ़ता से विरोध करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति को चीन की नाजायज कार्रवाई पर लगाम लगानी चाहिए।

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