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Devshayani Ekadashi 2023: देवशयनी एकादशी में करे भगवान विष्णु की पूजा


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नई दिल्ली – जब यह आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष में पड़ती है और देवशयनी एकादशी या हरिशयनी एकादशी कहलाती है. इसी पावन तिथि से सनातन परंपरा में जप, तप और संयम से जुड़ा चातुर्मास प्रारंभ होता है. हिंदू मान्यता के अनुसार देवशयनी एकादशी के दिन से ही भगवान श्री विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं और उसके चार महीने बाद देवोत्थान एकादशी के दिन उठते हैं. ऐसे में आज के दिन भगवान श्री विष्णु की पूजा और कथा को कह करके कैसे उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।

हिंदू मान्यता के अनुसार किसी भी एकादशी व्रत का पुण्य फल तब तक नहीं प्राप्त होता है, जब तक कि इसका अगले दिन पारण न किया जाए. पंचांग के अनुसार देवशयनी एकादशी व्रत का पारण 30 जून 2023 को दोपहर 01:48 से लेकर शाम को 04:36 के बीच किया जा सकेगा. एकादशी व्रत का पारण करते समय चावल का सेवन जरूर करें.

सतयुग में एक मांधाता नाम के राज्य में बहुत बड़ा अकाल पड़ा, जिसे कारण प्रजा परेशान होकर उनके पास मदद मांगने गई. इसके बाद वे इस संकट से उबरने का उपाय खोजने जंगल की ओर चल दिए और चलते-चलते ब्रह्माजी के पुत्र अंगिरा ऋषि के आश्रम पहुँचे. जब ऋषि अंगिरा ने आने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि धर्म के पथ पर चलते रहने के बाद भी आखिर उनकी प्रजा को को अकाल क्यों झेलना पड़ा. तब महर्षि ने कहा कि सतयुग में जाने-अनजाने किए गये एक छोटे से पाप का बड़ा दंड झेलना पड़ता है. इस पर जब राजा ने महर्षि से पाप से मुक्ति का उपाय पूछा तो उन्होंने उसे आषाढ़ माह के शुक्लपक्ष की एकादशी का व्रत करने उपाय बताया.

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