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ताइवान को धमकाने पर नाटो सेक्रेटरी की निंदा


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नई दिल्ली – ताइवान को धमकाने के लिए चीन की तीखी आलोचना की और इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा के लिए जापान और अन्य लोकतांत्रिक देशों को गठबंधन के साथ मिलकर काम करने की जरूरत है। टोक्यो की यात्रा पर पहुंचे स्टोल्टेनबर्ग ने इसे नाटो और जापान के लिए अहम क्षण करार देते हुए कहा कि चीन और रूस अंतरराष्ट्रीय नियम-आधारित व्यवस्था के खिलाफ अधिनायकवादी रुझान का नेतृत्व कर रहे हैं।

स्टोलटेनबर्ग ने ये भी कहा कि उनकी ये यात्रा नाटो और जापान के बीच साझेदारी को और मजबूत करेगी। नाटो प्रमुख इस दौरान जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मिलेंगे। इसके बाद एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करेंगे। बता दें कि जापान भी यूक्रेन पर रूस के हमले के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व वाले आर्थिक प्रतिबंधों में शामिल होने के लिए तत्पर रहा है। इसने कीव के लिए मानवीय सहायता और खास रक्षा उपकरण भी प्रदान किए हैं। जापान ने नाटो के साथ संबंधों को किया है विस्तार

इस बीच, किशिदा ने चेतावनी दी है कि यूरोप में रूस की आक्रामकता एशिया तक पहुंच सकती है। जहां पहले से ही चीन और ताइवान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। जापान देश के कमजोर रक्षा उद्योग को मजबूत करने के लिए हथियारों के निर्यात पर प्रतिबंधों को और कम करने के बारे में सोच रहा है। सोमवार को दक्षिण कोरिया में स्टोलटेनबर्ग ने दक्षिण कोरिया से यूक्रेन को सीधे सैन्य सहायता प्रदान करने का आह्वान किया था ताकि कीव को लंबे समय तक रूसी आक्रमण से लड़ने में मदद मिल सके।

जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने चिंता जतायी कि यूरोप में रूस की आक्रामकता एशिया में भी हो सकती है, जहां चीन की आक्रामकता तथा ताइवान के समीप उसके बढ़ते तनाव को लेकर पहले ही चिंता व्याप्त है। जापान ने हाल में नाटो से अपने संबंध मजबूत किए हैं। स्टोल्टेनबर्ग ने उत्तरी तोक्यो में इरुमा सैन्य अड्डे की यात्रा के दौरान कहा, यूक्रेन में युद्ध दिखाता है कि हमारी सुरक्षा निकटता से आपस में जुड़ी हुई हैं।

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