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रूसी राष्ट्रपति पुतिन भारत की बात मानकर वार्तालाप करने को तैयार


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नई दिल्ली – रूस को यूक्रेन युद्ध का कोई पछतावा नहीं है क्योंकि उनका देश जो कर रहा है वो “सही” है। इस दौरान उन्होंने भारत का भी जिक्र किया है। गौरतलब है कि यूक्रेन युद्ध के शुरू होने से पहले ही भारत कहता आ रहा है कि इस मसले का हल शांतिपूर्ण बातचीत से होना चाहिए। हालांकि भारत के प्रस्ताव पर रूस टालमटोल करता रहा लेकिन शुक्रवार को पहली बार रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कबूल किया कि भारत शुरुआत से ही शांतिपूर्ण बातचीत के पक्ष में है। पुतिन ने भारत के साथ चीन का भी नाम लिया। उन्होंने कहा कि दोनों देश शांतिपूर्ण बातचीत के पक्ष में हैं। पुतिन की ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब करीब एक महीने पहले पीएम मोदी ने उज्बेकिस्तान में एक शिखर सम्मेलन में स्पष्ट शब्दों में कहा था कि ‘यह युग युद्ध का नहीं है।’

सितंबर में उज्बेकिस्तान में हुए शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की पुतिन से मुलाकात हुई थी। उस मुलाकात में पुतिन से मोदी की कही बात- यह युद्ध का समय नहीं है, दुनिया भर में चर्चा में रही थी। इसी मुलाकात में मोदी ने बातचीत के जरिये यूक्रेन समस्या के समाधान की सलाह दी थी। बाद में मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को भी फोन पर यही सलाह दी थी। सोमवार को कजाखस्तान में मीडिया से वार्ता में पुतिन ने उसी का उल्लेख किया।

पुतिन ने यह भी कहा कि नाटो सैनिकों के साथ सीधा संघर्ष विनाशकारी होगा। पुतिन ने कहा, “अभी के लिए, यूक्रेन पर किसी और बड़े हमले की योजना नहीं है।” पुतिन से जब पूछा गया कि क्या उन्हें यूक्रेन में संघर्ष को लेकर खेद है या रूस जो कर रहा है वो सही ? इस पर उन्होंने कहा, “नहीं।” उन्होंने कहा कि उन्हें यूक्रेन में संघर्ष के बारे में कोई पछतावा नहीं है जिसमें हजारों लोग मारे गए, कई शहर नष्ट हुए और लाखों लोग विस्थापित हुए हैं।

भविष्य में यूक्रेन ने आतंक पैदा करने वाला अन्य कोई कृत्य किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के साथ ही खाद्यान्न आपूर्ति के लिए काला सागर से उसे दिया रास्ता भी रोक दिया जाएगा। महीनों तक यूक्रेन के आवागमन का समुद्री मार्ग बंद रखने के बाद संयुक्त राष्ट्र और तुर्किये के हस्तक्षेप से रूस जुलाई में काला सागर का मार्ग खोलने के लिए तैयार हुआ था। एक प्रश्न के उत्तर में पुतिन ने यूक्रेन में जल्द कोई बड़ी कार्रवाई से इन्कार किया। कहा कि वह यूक्रेन की हरकत देखकर कदम उठाएंगे। मुझे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बातचीत की ‘कोई जरूरत नहीं’ देखी है। उन्होंने अब तक इंडोनेशिया के बाली में अगले महीने 20 शिखर सम्मेलन के समूह में भाग लेने का फैसला नहीं लिया है।

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