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Iran Hijab Row: दशकों पुराने हिजाब विवाद में झुकी ईरान सरकार,होंगे कुछ बदलाव


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नई दिल्ली –हिजाब विवाद (Iran Hijab Row) के चलते सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। हिजाब को जबरन लागू कराए रखने के लिए इरान की सरकार ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी और हिजाब के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन को खत्म करने के लिए सुरक्षा बलों द्वारा बल प्रयोग भी किया गया। हालांकि अब इरानी सरकार झुकती नजर आ रही है। सरकार अब हिजाब कानून पर विचार करने को तैयार हो गई है।

आखिरकार लोगों के सामने सरकार झुकती नजर आ रही है। करीब दो महीने से जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच ईरान सरकार ने हिजाब की अनिवार्यता से जुड़े कानून में बदलाव के संकेत दिए हैं। इस कानून के तहत ही महिलाओं को अपना सिर ढंकना होता है। इसी कानून के तहक 22 साल की महसा अमीनी को अरेस्ट किया गया था। 16 सितंबर को पुलिस हिरासत में उसकी मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस कस्टडी में उसे काफी टॉर्चर किया गया था।

ईरान की संसद और न्यायपालिका हिजाब को जरूरी बनाने वाले कानून की समीक्षा कर रही है जिसमें महिलाओं को अपना सिर ढकने की अनिवार्यता होती है।इसी कानून के विरोध में दो महीने से अधिक समय तक घातक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अब इसी विरोध को बढ़ते देख सरकार कानून में बदलाव कर सकती है।

30 नवंबर को समीक्षा दल ने संसद के सांस्कृतिक आयोग से मुलाकात की है। राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कानून में संशोधन के संकेत दिए हैं। उन्होंने एक टीवी चैनल पर कहा कि देश की गणतंत्रात्मक और इस्लामी नींव संवैधानिक रूप से मजबूत है। बता दें 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति ने ईरान में सबकुछ बदल दिया। अप्रैल 1983 में ईरान में महिलाओं के लिए हिजाब अनिवार्य हो गया।

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