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रशिया यूक्रेन युद्ध के चलते सेंट्रल यूरो प में बढ़ी आयोडीन की मांग


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नई दिल्ली – रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने बयानों में परमाणु हमले का जिक्र किया, जिसके बाद यूरोप में आयोडीन की मांग काफी ज्यादा बढ़ गई। दरअसल, लोगों का मानना है कि परमाणु विकिरण से बचाने में आयोडीन कारगर साबित हो सकता है।यूक्रेन पर रूस के हमले और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा परमाणु हथियारों को हाई अलर्ट पर रखने के आदेश के बाद यूरोप में दहशत का माहौल है। आलम यह है कि सेंट्रल यूरोप में हर कोई आयोडीन खरीदने के लिए दौड़-भाग कर रहा है। इसकी वजह से यूरोप में आयोडीन की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ चुकी है और इसकी कमी हो गई।

फार्मेसी यूनियन के प्रमुख निकोले कोस्तोव ने बताया कि पिछले छह दिन में बुल्गारिया की सभी फार्मेसी साल भर की खपत से ज्यादा आयोडीन बेच चुकी हैं। हमने नए ऑर्डर किए हैं, लेकिन डर है कि वे भी ज्यादा दिन नहीं चल पाएंगे। चेक गणराज्य में डॉ. मैक्स फार्मेसीज के प्रतिनिधि मिरोस्लावा स्तेनकोवा ने बताया कि यह पागलपन है। लोगों पागलों की तरह आयोडीन खरीद रहे हैं और उसका स्टॉक कर रहे हैं।
बता दें कि आयोडीन का सिरप और गोलियों को परमाणु विकिरण की वजह से होने वाले थायरॉयड कैंसर से बचान में सहायक माना जाता है। दरअसल, जापान में फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट के पास रहने वाले लोगों को आज भी आयोडीन के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है। गौर करने वाली बात है कि 2011 में जब सुनामी आई थी, तब फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट से परमाणु रिसाव हो गया था, जिसके चलते काफी लोग प्रभावित हुए थे।

बता दें कि बात चाहे पोलैंड की हो या बुल्गारिया की, सोवियत संघ के दौर से रूबरू हो चुके लोग लगातार पासपोर्ट ऑफिस के चक्कर काट रहे हैं। उन्होंने अपनी गाड़ियों के टैंक फुल करा लिए हैं और किसी भी पल शहर छोड़ने के लिए तैयार हैं। वहीं, काफी लोग सेना में शामिल होने के लिए पूछताछ कर रहे हैं।

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