नई दिल्ली – पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत ने अपनी G-20 अध्यक्षता शुरू की है। G-20अध्यक्षता ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ की थीम से प्रेरित होकर एकता को और बढ़ावा देने के लिए काम करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि हम जलवायु परिवर्तन, आतंकवाद और महामारी जैसी जिन सबसे बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, उनका समाधान आपस में लड़कर नहीं, बल्कि मिलकर निकाला जा सकता है। बता दें कि भारत ने आज G-20 की अध्यक्षता संभाल ली है।
Today, as India begins its G-20 Presidency, penned a few thoughts on how we want to work in the coming year based on an inclusive, ambitious, action-oriented, and decisive agenda to further global good. #G20India @JoeBiden @planalto https://t.co/cB8bBRD80D
— Narendra Modi (@narendramodi) December 1, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने “इंसानियत की संपूर्ण भलाई के लिए मूलभूत सोच बदलने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “भारत की एक साल की G20 अध्यक्षता समग्र, महत्वकांक्षी, निर्णायक और कार्योन्मुख होगी” भारत की G20 की अध्यक्षता आज से शुरू हो रही है. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, आज जी20 की अध्यक्षता की शुरुआत करते हुए कुछ विचार लिखे हैं कि आने वाले साल में हम कैसे वैश्विक कल्याण के लिए समग्र, महत्वकांक्षी, कार्योन्मुख और निर्णायक एजेंडे के आधार पर काम करेगा. भारत का ध्यान आतंकवाद से लड़ने और आर्थिक मंदी और पर्यावरण बदलाव जैसी वैश्विक चुनौतियों से लड़ने में “एकजुटता” लाने पर रहेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 की अध्यक्षता के अवसर अपने विचार साझा करते हुए लिखा, “हमारी परिस्थितियां ही हमारी मानसिकता को आकार देती हैं. पूरे इतिहास के दौरान मानवता का जो स्वरूप होना चाहिए था, उसमें एक प्रकार की कमी दिखी. हम सीमित संसाधनों के लिए लड़े, क्योंकि हमारा अस्तित्व दूसरों को उन संसाधनों से वंचित कर देने पर निर्भर था. विभिन्न विचारों, विचारधाराओं और पहचानों के बीच, टकराव और प्रतिस्पर्धा को ही जैसे आदर्श मान बैठे.”
डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि G20 की अध्यक्षता दूसरों के साथ हमारी कहानी साझा करने का अवसर प्रदान करती है, विशेष रूप से उनके साथ जो हमारे कुछ अनुभवों को अपने प्रदर्शन या चुनौतियों पर स्थानांतरित कर सकते हैं।
भारत जी-20 में संस्कृति, सांस्कृतिक विरासत, विविधता और 75 वर्षों की अपनी उपलब्धियों और प्रगति को भी पेश करेगा। विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के अनुसार भारत अपनी अध्यक्षता में अगले साल 9 और 10 सितंबर को जी-20 के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा। पहली तैयारी बैठक 4-7 दिसंबर को उदयपुर में होगी।