नई दिल्ली – दिवाली से पहले, सरकार ने किसानों के खातों में पीएम किसान निधि की 12वीं किस्त जारी की। उसके एक दिन बाद फिर एक खुशखबरी दी गई है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने रबी फसल के एमएसपी में वृद्धि की है। कैबिनेट ने सरसों के एमएसपी में 400 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की है। इसके अलावा मसूर के एमएसपी में 500 रुपये प्रति क्विंटल और जूट के एमएसपी में 110 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।
एमएसपी वह मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है। यानी सरकार द्वारा किसानों से खरीदी जाने वाली फसलों के लिए जो कीमत चुकाई जाती है उसे एमएसपी कहा जाता है। सरकार किसानों को एमएसपी से कम का भुगतान नहीं करती है। इससे पहले सीएसीपी ने गेहूं समेत सभी रबी फसलों के एमएसपी में 3 से 9 फीसदी की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। उम्मीद के मुताबिक दालों के एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।
इससे पहले जून में केंद्र सरकार ने खरीफ फसलों का एमएसपी बढ़ाने की अनुमति दी थी। उस समय केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वर्ष 2022-23 के लिए धान के एमएसपी को 100 रुपये बढ़ाकर 2040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया था। सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
एमएसपी वह मूल्य है जिस पर सरकार किसानों से फसल खरीदती है। यानी सरकार द्वारा किसानों से खरीदी जाने वाली फसलों के लिए जो कीमत चुकाई जाती है उसे एमएसपी कहा जाता है। सरकार किसानों को एमएसपी से कम का भुगतान नहीं करती है। इससे पहले सीएसीपी ने गेहूं समेत सभी रबी फसलों के एमएसपी में 3 से 9 फीसदी की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। उम्मीद के मुताबिक दालों के एमएसपी में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है।
किसी भी फसल का एमएसपी तय करना जरूरी है ताकि किसानों को किसी भी कीमत पर उस फसल का उचित न्यूनतम मूल्य मिल सके। सरकार द्वारा सीएसीपी की सिफारिश के आधार पर एमएसपी की घोषणा साल में दो बार (रवि और खरीफ) की जाती है। जबकि गन्ने का एमएसपी गन्ना आयोग तय करता है।