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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत,कोर्ट ने ज्ञानवापी तहखाने में पूजा की दी इजाजत


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नई दिल्लीः ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष को बड़ी जीत मिली है. जिला अदालत ने ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा-पाठ करने की इजाजत दे दी है. सात दिनों में जिला प्रशासन को इसके लिए व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि व्यास जी के तहखाने में इजाजत की इजाजत मिली है. व्यास परिवार अब तहखाने में पूजा पाठ करेगा. हिंदू पक्ष ने व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ की इजाजत मांगी थी. सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक तहखाने में पूजा पाठ करता था.

ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की बड़ी जीत

उत्तर प्रदेश के वाराणसी कोर्ट में व्यासजी तहखाने में पूजा का अधिकार हिंदू पक्ष को दे दिया है। हिंदू पक्ष की ओर से व्यासजी तहखाने में नियमित पूजा के अधिकार की मांग की गई थी। इस संबंध में कोर्ट ने सुनवाई पहले ही पूरी कर ली थी। बुधवार को वाराणसी जिला कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इसमें कहा गया कि हिंदू पक्ष व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा कर सकते हैं। कोर्ट का फैसला आते ही हिंदू पक्ष ने कहा कि काशी अब बम बम बोल रहा है।

तहखाने में पूजा पाठ काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा

1993 के बाद तत्कालीन राज्य सरकार के आदेश पर तहखाने में पूजा बंद हो गई थी. 17 जनवरी को व्यास जी के तहखाने को जिला प्रशासन ने कब्जे में लिया था. एएसआई सर्वे कार्रवाई के दौरान तहखाने की साफ-सफाई हुई थी. काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के अधीन तहखाने में पूजा की जाएगी. ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा पाठ कराने का कार्य काशी विश्वनाथ ट्रस्ट करेगा.

मंगलवार को पूरी हुई सुनवाई

वाराणसी परिसर स्थित व्यस्त जी तहखाने में दोबारा पूजा की अनुमति देने संबंधी अर्जी पर मंगलवार को जिला जज में सुनवाई पूरी हो गई थी। जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था। बुधवार को इस संबंध में कोर्ट ने अपना आदेश सुनाया। वादी शैलेश व्यास के अनुसार, उनके नाना सोमनाथ व्यास का परिवार 1993 तक तहखाने में नियमित पूजा- पाठ करता था। वर्ष 1993 से तहखाने में पूजा- पाठ बंद हो गई। वर्तमान में यह तहखाना अंजुमन इंतजार मसाजिद के पास है। तहखाना को डीएम की निगरानी में सौंपने के साथ वहां दोबारा पूजा शुरू करने की अनुमति मांगी गई थी। अदालत के 17 जनवरी के आदेश पर डीएम ने 24 जनवरी को तहखाना अपनी सुपुर्दगी में ले लिया था।

क्या बोले हिंदू पक्ष के वकील?

विष्णु शंकर जैन ने कहा कि वहां पर नियमित रूप से पूजा पाठ की जाएगी. उन्होंने विक्ट्री साइन दिखाया. वादी अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि आज फैसला हमारे पक्ष में रहा. जो पूजा-पाठ 1993 में बंद हो गया था उसको बहाल करने के लिए हम लोगों की जो मांग थी उसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. पूजा-पाठ अब रोज शुरू होगा. हिंदू पक्ष द्वारा एक और प्रार्थना पत्र पर आज वाराणसी जिला न्यायालय ने आदेश देते हुए ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा-पाठ की व्यवस्था तय करने का निर्देश दिया.वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि यह हमारी सबसे बड़ी जीत है। मुस्लिम पक्ष के दावे को कोर्ट ने नकार दिया है। कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को 7 दिनों के भीतर पूजा की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। वर्ष 1992 तक व्यास जी तहखाने में पूजा नियमित तौर पर होती थी। 6 दिसंबर 1992 को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा को बंद करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद यहां पर सालाना माता श्रृंगार गौरी की पूजा हो रही थी।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जारी किया नोटिस

उधर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राखी सिंह की पुनरीक्षण याचिका पर ज्ञानवापी मस्जिद की अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी को बुधवार को नोटिस जारी किया. वादी राखी सिंह ने वाराणसी की अदालत द्वारा 21 अक्टूबर 2023 को सुनाये गये उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के भीतर कथित शिवलिंग को छोड़कर वुजूखाना का भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) से सर्वेक्षण कराने का निर्देश देने से मना कर दिया था.

नंदी के सामने से जाएगा रास्ता

वाराणसी कोर्ट के फैसले के बाद नदी के सामने से व्यासजी तहखाने में जाने का रास्ता बनाया जाएगा। इस संबंध में कोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन के स्तर पर कार्रवाई की जाएगी। कोर्ट ने सात दिनों के भीतर वाराणसी डीएम को पूजा के लिए व्यवस्था का निर्देश दिया है। हिंदू पक्ष के वकील ने साफ किया कि हिंदू पक्ष को अपने भगवान की पूजा का अधिकार मिला है। वहां भगवान शिव की पूजा अब संभव होगी।

मुस्लिम पक्ष नाराज

कोर्ट का फैसला आने के बाद मुस्लिम पक्ष ने इस पर नाराजगी जताई है। मुस्लिम पक्ष ने कहा है कि फैसले के बाद हाईकोर्ट में इस आदेश के खिलाफ अपील की जाएगी। मुस्लिम पक्ष ने इस फैसले को नकार दिया है। इससे पहले मुस्लिम पक्ष ने एएसआई के सर्वे को भी नकार दिया था। ज्ञानवापी परिसर में स्थित माता श्रृंगार गौरी भी पूजा का अधिकार मांगा जा रहा है। वहीं, हिंदू पक्ष वाराणसी कोर्ट के फैसले को सबसे बड़ी जीत बता रहा है।

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