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प्रतिबंध के बाद भी देश में खूब बिक रही पॉलिथीन,अंजान बने जिम्मेदार


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नई दिल्लीः सहालगों का दौर चल रहा है, ऐसे में पॉलिथीन तथा सिंगल यूज प्लास्टिक का जमकर प्रयोग हो रहा है। जिसकी वजह से शहर से लेकर गांव तक हर ओर प्लास्टिक के गिलास, थर्मोकॉल की पत्तल तथा पॉलीथिन पड़े दिखाई देते हैं। इसको लेकर प्रशासन भी कुछ नहीं कर रहा है। जिसके कारण बाजारों में ये खुलेआम बिक रही हैं। कुछ हद तक नगर निगम कार्रवाई में सफल रहा, लेकिन इसके लिए डिपार्टमेंट के अफसर निष्क्रिय हैं। इससे पॉलीथिन का इस्तेमाल तो रुकने का नाम नहीं ले रहा है। यही नहीं बाहरी शहर से इसकी आवक भी बढ़ गई है। ऐसा बिना अफसरों के लिए मिलीभगत से संभव तो नहीं है। हालांकि, अफसरों का दावा है कि जहां भी जानकारी मिल रही है कार्रवाई की जा रही है।

सिटी में घरों से रोजाना कई टन निकल रही पॉलीथिन

प्रतिबंध के बावजूद सिटी के घरों से रोजाना कई टन पॉलीथिन निकल रही है। नगर निगम के अनुसार सिटी में रोजाना 379 मीट्रिक टन से ज्यादा कूड़ा निकलता है। इसमें 20 से 25 मीट्रिक टन सिंगल यूज प्लास्टिक निकल रही है। इससे भी अंदाजा लगाया जा रहा है कि बड़ी मात्रा में सिंगल यूज प्लास्टिक की खपत सिटी में हो रही है।

पर्यावरण में प्रदूषण

शासन-प्रशासन ने पर्यावरण की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक तथा पॉलिथीन की बिक्री प्रतिबंध लगाया है। मगर जिले के बाजारों में इस प्रतिबंध का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। बाजार से सामान ले जाना हो या दावत की बात हो हर ओर प्रतिबंधित प्लास्टिक का प्रयोग किया जा रहा है। इसके प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषण तो हो ही रहा है। साथ ही गांव में कचरे व कूड़े के माध्यम से ये प्लास्टिक खेतों में पहुंचकर काफी नुकसान कर रही है। अच्छी फसल देने वाले खेत ऊसर में तब्दील हो रहे हैं।

सड़कों के किनारे पॉलिथीन खाते दिख जाते हैं गोवंश

वहीं शहर में कई स्थानों पर लोग कूड़े के साथ पॉलिथीन में कुछ खाद्य पदार्थ भरकर डाल देते हैं। इस खाद्य पदार्थ को खाने के चक्कर में शहर में घूमते गोवंश पॉलीथिन को भी खा जाते हैं। जिसकी वजह से कभी-कभी उनकी मौत तक हो जाती है।

धड़ल्ले से बिक रही पॉलीथिन

बीते एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित करने के बाद भी मुख्यालय में इसका धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। बाजारों में पानी की बोतल समेत अन्य सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पाद खुले आम बेचे जा रहें हैं। पालीथिन के उपयोग पर काफी लंबे समय से रोक है। प्लास्टिक के विभिन्न सामग्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है। हर बार प्रशासन पालीथिन के विरुद्ध अभियान चलाता है। लेकिन कुछ ही दिनों के अभियान के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है। अब एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक भी बैन कर दिया गया है। पर अब भी इनका उपयोग रोका नहीं जा सका है। जिले भर में पानी की बोतल, कोल्ड्रिंक आदि सिंगल यूज प्लास्टिक में उपयोग की जा रही है। बाजारों में बेधड़क इनकी बिक्री हो रही है। लेकिन अब तक छापेमारी शुरू तक नहीं हो

ये है जुर्माना

100 ग्राम पॉलीथिन पर 1000 रुपए

101 से एक किलो तक 2000 रुपए

501 से एक किलो तक 5000 रुपए

एक किलो से 5 किलो तक 10,000 रुपए

5 किलो से अधिक 25,000 रुपए

इन पर है कार्रवाई की जिम्मेदारी

डीएम, एडीएम सिटी, सिटी मजिस्टे्रेट, नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, वैज्ञानिक अधिकारी, पर्यावरण अधिकारी, सीएमओ, प्रभागीय वन अधिकारी, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, पर्यटन अधिकारी, सहायक पर्यटन अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी आदि।

क्या होता है सिंगल यूज प्लास्टिक

सिंगल यूज प्लास्टिक से अभिप्राय एक बार इस्तेमाल किए जाने वाले प्लास्टिक प्रोडक्ट से है। सिंगल यूज प्लास्टिक को केवल एक बार प्रयोग करके फेंक दिया जाता है। इनमें प्लास्टिक की थैलियां, डिस्पोजल प्लास्टिक, स्ट्रा, सोडा व पानी की बोतलें शामिल हैं।

एक हफ्ते से रोज पकड़ी जा रही 50 किलो पॉलीथिन

नगर निगम का प्रवर्तन दल एक हफ्ते से रोजाना करीब 50 किलो पॉलीथिन पकड़ रहा है। सोमवार को असुरन चौराहे पर स्कूटी से दो बोरे में पॉलीथिन के साथ युवक पकड़ा गया। दोनों बोरों में 50 किलो पॉलीथिन था। दल ने जुर्माना करने के साथ चेतावनी दी। इसी तरह रविवार को चरगांवा ब्लॉक गेट के सामने अपर नगर आयुक्त और प्रवर्तन दल ने दुकान में छापेमारी की। टीम ने दुकान से 50 किलो से अधिक पॉलीथिन बरामद की। टीम ने जुर्माना लगाने के साथ चेतावनी दी। इसी तरह से अन्य जगह कार्रवाई की गईं।

ये सामग्री है प्रतिबंधित

इयर बड्स, गुब्बारे की प्लास्टिक डंडी, प्लास्टिक के झंडे, कैंडी की प्लास्टिक डंडी, आइसक्रीम की प्लास्टिक डंडी, थर्माकाल के सजावटी सामान, प्लास्टिक की प्लेट, कप, ग्लास, कांटे, चम्मच, स्ट्रा, ट्रे, मिठाई के डिब्बे पैक करने वाली पन्नी, इनविटेशन कार्ड पर लगाई जाने वाली पन्नी, सिगरेट पैकिंग में इस्तेमाल होने वाली पन्नी, 100 माइक्रोन से पतले पीवीसी व प्लास्टिक के बैनर आदि। सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित है। लोगों से अपील की जा रही है कि इनका प्रयोग न करें, पालिका की ओर से अभियान चलाकर छापेमारी की जाएगी।

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