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Gyanvapi Case : क्यों है कार्बन डेटिंग के खिलाफ मुस्लिम पक्ष,आज चलेगा पता


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नई दिल्ली – वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मामले को लेकर अब कार्बन डेटिंग चर्चा में है. दरअसल, इस केस में हिन्दू पक्ष की ओर से ज्ञानवापी परिसर में मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण कराने के मांग पर मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति दर्ज कराई है. यानी मुस्लिम पक्ष कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग नहीं करवाना चाहता है. अब कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए 7 अक्टूबर तक अपना फैसला सुरक्षित कर दिया है.

वाराणसी की जिला अदालत आज अपना अहम फैसला सुनाएगी। सभी की नजरें कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं. कोर्ट का आज का फैसला ज्ञानवापी विवाद केस का अगला रुख तय करेगा। हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में मिली आकृति ‘शिवलिंग’ है जबकि मुस्लिम पक्ष का कहना है कि यह फव्वारा है। हिंदू पक्ष चाहता है कि आकृति पर फैले भ्रम को दूर करने के लिए इसकी कार्बन डेटिंग की जाए जबकि मुस्लिम पक्ष कार्बन डेटिंग का यह कहते हुए विरोध कर रहा है कि पत्थर, लकड़ी की कार्बन डेटिंग संभव नहीं है. जानकारों का कहना है कि कार्बन डेटिंग केवल उन्हीं चीजों की हो सकती है जिसमें कभी कार्बन रहा हो.

हिंदू पक्ष की एक वादी राखी सिंह ने भी कार्बन डेटिंह कराने की मांग को गलत बताया है. उनका कहना है, ‘ज्ञानवापी परिसर में मिले ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण से उसे नुकसान पहुंच सकता है. इसलिए शिवलिंग की कार्बन डेटिंग और वैज्ञानिक परीक्षण कराया जाना उचित नहीं है.’

कार्बन डेटिंग है क्या?
कार्बन के तीन रूप होते हैं-कार्बन 12, 13 और 14
कार्बन 12 और 14 के बीच अनुपात निकाला जाता है
किसी वस्तु की प्राचीनता एवं उम्र का पता लगाया जाता है
खासकर खुदाई में मिली वस्तुओं की कार्बन डेटिंग की जाती है
कार्बन के रेडियोएक्टिव आइसोटोप सी-14 के जरिए वस्तुओं कीउम्र का आकलन किया जाता है.

यदि कार्बन डेटिंग का आदेश दे देता है तो इस विधि के जरिए ‘शिवलिंग’ के आसपास के कार्बनिक पदार्थों की उम्र का पता लगाया जाएगा। परिसर की खुदाई कर कार्बनिक पदार्थों की खोज की जाएगी, वैज्ञानिकों का कहना है कि मिट्टी के बर्तनों, शिव पूजा में उपयोग होने वाले सामान में कार्बन होता है। यही नहीं इससे परिसर में मिले मिट्टी के बर्तन और अन्य वस्तुओं की उम्र पता चलेगी।उम्र का पता चलने के बाद ज्ञानवापी में अदालत किसी नतीजे पर पहुंच सकती है.

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