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बेशकीमती हीरा कोहिनूर भारत से ले गई थी ईस्ट इंडिया कंपनी


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नई दिल्ली – ब्रिटेन के टावर ऑफ लंदन में चल रही प्रदर्शनी में बताया गया है कि भारत से कोहिनूर हीरा ईस्ट इंडिया कंपनी ले गई थी. महाराजा दिलीप सिंह को इसे सौंपने ने के लिए मजबूर किया गया था। 1849 में अंग्रेजों ने दिलीप सिंह से लाहौर ले लिया था.ऐग्जीबिशन में कहा गया है कि लाहौर संधि के तहत दिलीप सिंह के सामने कोहिनूर सौंपने की शर्त रखी गई थी.बकिंघम पैलेस के रॉयल कलेक्शन ट्रस्ट की मंजूरी के बाद प्रदर्शनी में यह लिखा गया है.दरअसल, टावर ऑफ लंदन की प्रदर्शनी में पहली बार कोहिनूर सहित कई कीमती हीरे-जवहारात शामिल किए गए हैं। यहां कई वीडियो और प्रेजेंटेशन्स के जरिए कोहिनूर का इतिहास भी बताया जा रहा है.

टावर ऑफ लंदन स्थित क्राउन ज्वेल्स एग्जीबिशन में ‘कोहिनूर’ पर एक फिल्म भी दिखाई गई है. साथ ही यहां कई वीडियो और प्रेजेंटेशंस के जरिए कोहिनूर का इतिहास बताया जा रहा है. यह पहली बार है, जब रॉयल फैमिली की प्रदर्शनी में ब्रिटेन ने यह माना कि ‘कोहिनूर’ को भारतीय राजा दिलीप सिंह से छीना गया था. अब ‘कोहिनूर’ को वहां प्रदर्शनी में ‘विजय के प्रतीक’ के रूप में दिखाया जा रहा है.

‘कोहिनूर’ एक बेशकीमती हीरा है, इस हीरे को ब्रिटिश किंग और क्वीन के ताज में स्थापित कर उनकी शान को बढ़ाया जाता रहा है. भारत की ओर से ‘कोहिनूर’ को वापस लाने की अब तक कई दफा कोशिशें की जा चुकी हैं, लेकिन ब्रिटिश सरकार ने इसे भारत को नहीं सौंपा है. कोहिनूर समेत अंग्रेजों ने भारत से ढेरों अद्भुत कलाकृतियां कब्जाई थीं और उन्हें अपने देश ब्रिटेन ले गए थे.

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