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भारत पहलीबार करेगा यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति के सत्र की अध्यक्षता

नई दिल्ली – भारत इस साल जुलाई में इतिहास में पहली बार यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की अध्यक्षता और मेजबानी करेगा. यह जानकारी यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी शर्मा ने मंगलवार (9 जनवरी) को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक पोस्ट के माध्यम से दी. यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन) संयुक्त राष्ट्र के भीतर एक विशेष एजेंसी है जो वैश्विक शांति को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है.

यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की अध्यक्षता

भारत पहली बार 21 से 31 जुलाई 2024 तक नई दिल्ली में यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति की अध्यक्षता और मेजबानी करने जा रहा है. यूनेस्को में भारत के स्थायी प्रतिनिधि विशाल वी वर्मा ने इसकी जानकारी दी.यहां गौर करने वाली बात है कि यह पहली बार होगा जब देश UNESCO की वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी का नेतृत्व और मेजबानी करेगा. यह भारत को वैश्विक स्तर पर सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत स्थलों के संरक्षण और मान्यता में सक्रिय रूप से योगदान करने का अवसर प्रदान करेगा.

कब हुआ पहला सम्मेलन?

यूनेस्को का पहला सम्मेलन 10 नवंबर से 10 दिसंबर 1946 को पेरिस में आयोजित किया गया था. इसमें 30 देशों ने भाग लिया था. भारत इसका शुरू से सदस्य रहा है, जो आजादी के बाद एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में इसका सदस्य बना. धीरे-धीरे इसमें और सदस्य देश जुड़ते चले गए. 1951 में जापान और 1953 में पश्चिम जर्मनी और स्पेन, 1954 में सोवियत संध भी इसके सदस्य बने. वहीं 1960 में अफ्रीका 19 देशों ने इसकी सदस्यता हासिल की.

कब और क्यों होता है यह आयोजन?

यूनेस्को की विश्व धरोहर समिति का महत्वपूर्ण सत्र हर साल आयोजित होता है, जिसमें 21 सदस्य देशों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं. इसका प्राथमिक कार्य सांस्कृतिक और प्राकृतिक खजाने के संरक्षण में अंतरराष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए यूनेस्को विश्व धरोहर स्थलों की प्रतिष्ठित सूची के विस्तार में महत्वपूर्ण योगदान देना है.

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