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विश्व

मालदीव vs भारत विवाद के बीच राष्ट्रपति मोइज्जू ने चीन से लगाई मदद की गुहार

नई दिल्लीः मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू का चीन का दौरा इस समय चर्चा में हैं। पांच दिन बींजिग में रहे मोइज्जू ने चीनी नेताओं और उनकी मेहमाननवाजी की जमकर तारीफ की है। मोइज्जू ने इस दौरान चीन के साथ कई अहम समझौते भी किए हैं। मोइज्जू ने समझौतों के साथ-साथ चीन से मालदीव में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मदद भी मांग ली है। चीन से मोइज्जू का पर्यटन में मदद मांगने इसलिए चर्चा में है क्योंकि भारत से फिलहाल उनके संबंध अच्छे नहीं हैं। भारत में सोशल मीडिया पर मालदीव के बायकॉट की बातें कही जा रही हैं।

चीन से मदद की गुहार लगा रहा मालदीव

बता दें कि मालदीव के उप मंत्रियों द्वारा भारत को लेकर अपमानजनक टिप्पणियों के बाद भारतीय पर्यटकों द्वारा मालदीव की यात्रा बहिष्कार किया जा रहा है। मोइज्जू ने कहा कि चीन हमारे सबसे करीबी सहयोगियों और विकास साझेदारों में से एक है।

मालदीव के राष्ट्रपति के बयान की हो रही चारो तरफ चर्चा

चीन में दिया गया मालदीव के राष्ट्रपति का ये बयान चर्चा में है, जिसमें उन्होंने कहा, चीन और मालदीव के रिश्ते बहुत पुराने और प्रगाढ़ हैं। दोनों देशों के लोगों के बीच भी कितनी करीबी है, ये इससे पता चलता है कि कोविड महामारी से पहले पर्यटन के लिहाज से चीनहमारा नंबर एक बाजार था यानी मालदीव में सबसे ज्यादा चीनी पर्यटक आते थे। मेरा अनुरोध है कि चीन और मालदीव इस शानदार रिश्ते की ओर फिर से लौटें और एक बार फिर उसी तरह सबसे ज्यादा चीनी हमारे यहां आएं।

मोइज्जू चीनियों से करेंगे भारतीय नुकसान की भरपाई!

मोहम्मद मोइज्जू के बयान को कई जानकार इस तरह से देख रहे हैं कि चीन उस नुकसान की भरपाई करने में मदद करें जो भारतीयों के मालदीव की बजाय लक्षद्वीप की यात्रा करने से हुआ है। दरअसल मालदीव की अर्थव्यवस्था में एक बड़ा हिस्सा पर्यटकों से आता है। भारतीय भी बड़ी संख्या में मालदीव जाते हैं लेकिन हाल में नरेंद्र मोदी की लक्षद्वीप यात्रा के बाद दोनों देशों के रिश्तो में तनाव आया है। ऐसी कई रिपोर्ट सामने आई हैं, जो बताती हैं काफी बड़ी संख्या में भारतीयों ने मालदीव की अपनी प्रस्तावित यात्रा को रद्द कर दिया है। जिसका असर मालदीव के पर्यटन उद्योग पर पड़ा है।

मालदीव पर्यटन विभाग ने दी सफाई

हालांकि, भारतीय रुख को लेकर मालदीव अब सफाई दे रहा है। मालदीव पर्यटन विभाग ने भारत को अपना निकटतम पड़ोसी बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ तीन उप मंत्रियों द्वारा की गई अपमानजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा की है।वहीं, एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्रीज (मैटी) ने भारत को मालदीव के सबसे करीबी पड़ोसियों और सहयोगियों में से एक बताया। मैटी ने कहा कि भारत हमेशा मालदीव के इतिहास में विभिन्न संकटों में सबसे पहले साथ देने वाला देश रहा है। मैटी ने कहा कि भारत सरकार और वहां के लोगों ने हमारे साथ जो घनिष्ठ संबंध बनाए रखा है, उसके लिए हम बेहद आभारी हैं।इसके अलावा मैटी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का मालदीव के पर्यटन उद्योग में लगातार और महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उसकी ओर से कहा गया कि भारत ने कोविड काल और उसके बाद मालदीव के पर्यटन उद्योग को फिर से स्थापित करने में बहुत सहायता की है। मालदीव एसोसिएशन आफ टूरिज्म इंडस्ट्रीज ने कहा कि दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध आने वाली पीढि़यों तक बने रहें, यह जरूरी है। हमे ऐसी किसी भी कार्य या बयानबाजी से बचना चाहिए जोकि हमारे अच्छे संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।

मालदीव के राष्ट्रपति का भारत की बजाय चीन की ओर झुकाव

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू बीते साल चुनाव जीतने के बाद से ही भारत की बजाय चीन की ओर झुकाव रख रहे हैं। मोइज्जू के कई बयानों की वजह से दोनों देशों के रिश्तों में तनाव बना था। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप दौरे पर मालदीव के कुछ नेताओं और मंत्रियों की टिप्पणियों के बाद ये तनाव काफी बढ़ गया है। इसका असर ये हुआ है कि भारत में एक वर्ग मालदीव के बायकॉट की बात कह रहा है और काफी लोगों ने अपनी मालदीव यात्रा कैंसिल कर दी है।

चीन की तारीफ में क्या कुछ बोले मोहम्मद मुइज्जू?

अपने दौरे के दूसरे दिन मुइज्जू ने फुजियान प्रांत में मालदीव बिजनेस फोरम को संबोधित करते कहा कि चीन हमारे सबसे करीबी सहयोगियों और विकास साझेदारों में से एक बना हुआ है. मुइज्जू ने 2014 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ओर से शुरू की गई बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) परियोजनाओं की तारीफ की.उन्होंने कहा कि चीन ने मालदीव के इतिहास में देखी गई सबसे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाएं प्रदान कीं. इसी के साथ उन्होंने चीन से मालदीव में अपने पर्यटकों का प्रवाह बढ़ाने का आग्रह किया.उनकी आधिकारिक वेबसाइट पर पोस्ट किए गए एक रीडआउट में कहा गया है, ”कोविड से पहले चीन हमारा (मालदीव का) नंबर एक बाजार था और मेरा अनुरोध है कि हम चीन को यह स्थान फिर से प्राप्त करने के लिए प्रयास तेज करें.”इसके अलावा मालदीव की मीडिया में ऐसी खबर है कि मालदीव और चीन ने हिंद महासागर द्वीप में एक एकीकृत पर्यटन क्षेत्र विकसित करने के लिए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर की परियोजना पर हस्ताक्षर किए हैं.

इन मंत्रियों ने की थी पीएम मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी

मुइज्जू की सरकार ने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी को लेकर अपमानजनक पोस्ट करने पर अपने तीन उप मंत्रियों को निलंबित कर दिया है, साथ ही मालदीव एसोसिएशन ऑफ टूरिज्म इंडस्ट्री (MATI) ने अपमानजनक टिप्पणियों की कड़ी निंदा की है.रविवार (7 जनवरी) को निलंबित किए गए तीन मंत्रियों के नाम मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महजूम माजिद हैं. इन मंत्रियों ने पीएम मोदी को लेकर अपमानजनक टिप्पणियां करते हुए आरोप लगाया कि भारत सरकार मालदीव के वैकल्पिक पर्यटन स्थल के तौर पर लक्षद्वीप को पेश करने का प्रयास कर रही है.

2022 और 23 में भारत था मालदीव का सबसे बड़ा पर्यटक बाजार

मालदीव पर्यटन मंत्रालय की ओर से पहले जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत 2023 में देश के लिए सबसे बड़ा पर्यटक बाजार बना हुआ था. मालदीव में 2023 में भारत से सबसे ज्यादा 209,198 पर्यटक पहुंचे थे, दूसरे नंबर पर रूस से 209,146 पर्यटक और तीसरे स्थान पर चीन से 187,118 पर्यटकों ने मालदीव की यात्रा की थी. इससे पहले 2022 में भी भारत से सबसे ज्यादा 240,000 पर्यटक मालदीव पहुंचे थे.कोविड से पहले चीन 2.80 लाख से ज्यादा पर्यटकों के साथ टॉप पर था लेकिन वर्तमान में लगभग चार साल की लॉकडाउन नीति और अपनी अर्थव्यवस्था की निरंतर मंदी के कारण अपने घरेलू और विदेशी पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए संघर्ष कर रहा है.

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