1 दिन में 100 बार बॉयफ्रेंड को करती है फोन,लड़की को है अजीब बीमारी -जानें
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नई दिल्लीः “ये इश्क़ नहीं आसां इतना ही समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है”, जिगर मोरदाबादी का ये शेर प्यार को बखूबी बयां करता है. जब दो लोग एक दूसरे से इश्क में होते हैं, तो वो चाहते हैं कि उनका पार्टनर उनके ऊपर खूब ध्यान दे, अपना पूरा वक्त उन्हें दे और उनके साथ ही घूमे-फिरे. वैसे ये मुमकिन नहीं हो पाता, इस वजह से एक वक्त के बाद पार्टनर्स भी इस बात को लेकर सहज हो जाते हैं. मगर चीन की एक लड़की बिल्कुल भी सहज नहीं हो पा रही थी. वो अपने बॉयफ्रेंड के पल-पल का हाल जानना चाहती थी. इस वजह से उसने एक दिन में उसे 100 बार फोन मिला दिया. जब उसने नहीं उठाया, तो वो जान देने चल पड़ी. पर पुलिस ने उसे बचा लिया, लेकिन जब उसे अस्पताल में भर्ती किया गया, तो डॉक्टरों को उसके बारे में चौंकाने वाली बात पता चली.
1 दिन में 100 बार बॉयफ्रेंड को करती है फोन
चीनी वेबसाइट साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार सिचुआन प्रांत में रहने वाली 18 साल की एक लड़की Xiaoyu को एक लड़के से प्यार हो गया. देखते-देखते उनका रिश्ता बेहद गहरा हो गया. मगर लड़के को इस रिश्ते में घुटन होने लगी थी. वो इसलिए क्योंकि लड़की, जरूरत से ज्यादा उस लड़के पर आश्रित हो गई थी. उसे अपने बॉयफ्रेंड की पल-पल की खबरें जाननी होती थीं. वो कहां है, क्या कर रहा है, कब आएगा, कब जाएगा. वो ये भी उम्मीद करती थी कि उसका बॉयफ्रेंड उसे दिन-रात मैसेज भेजे, कॉल करे. वो ये भी उम्मीद लगाती थी कि उसका प्रेमी उसके मैसेज का रिप्लाई चंद सेकंड में करे.
चीन में अजीब मामला आया सामने
एक कहावत है कि प्रेम और जंग में सब जायज हैं, लेकिन अगर इसकी भी हद पार हो जाए तो यह भयानक खतरनाक रूप ले लेता है। चीन में इसी तरह जुनून की हद पार करने का मामला सामने आया है। वहां के सिचुआन प्रांत में 18 साल की लड़की जियाओयू अपने बॉयफ्रेंड को रोजाना 100 कॉल करती थी। हाल ही बार बार कॉल करने पर जवाब नहीं मिलने पर उसने छत से कूदने की धमकी दी तो बॉयफ्रेंड ने पुलिस को बुला लिया। डॉक्टरों ने बताया कि वह ‘लव ब्रेन’ से पीड़ित है।यह मेंटल हेल्थ से जुड़ी दूसरी बीमारियों की तरह है। जियाओयू का इलाज कर रहे डॉक्टर डूना का कहना है कि यह दशा स्ट्रेस, डिप्रेशन, पर्सनॅलिटी डिसऑर्डर और दूसरी मेंटल हेल्थ से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक उसमें ‘लव ब्रेन’ की शुरुआत यूनिवर्सिटी में प्रेमी से मिलने के बाद हुई।
चीन में ‘लव ब्रेन’ के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं
डॉक्टर डूना के मुताबिक चीन में ‘लव ब्रेन’ के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। एक मामले में एक छात्र को भ्रम था कि कॉलेज की सभी लड़कियां उससे प्रेम करती हैं। एक दूसरे मामले में एक युवक कई किलोमीटर पैदल चलकर उस लड़की के पास पहुंच गया, जिससे वह पहले कभी नहीं मिला था और सिर्फ ऑनलाइन संपर्क में था। डॉक्टर डूना का कहना है कि ‘लव ब्रेन’ पीड़ित ज्यादातर युवा ऐसे हैं, जिन्हें बचपन में अपने माता-पिता से पर्याप्त प्रेम नहीं मिला।जल्दी प्रेम शुरू हुआ, उतनी ही जल्दी उथल-पुथल भी होने लगी। जियाओयू की जिद ने रिश्ते को टूटने के कगार पर पहुंचा दिया। जियाओयू रात-दिन बॉयफ्रेंड को फोन मिलाने लगी। इससे बॉयफ्रेंड परेशान हो गया। एक दिन बॉयफ्रेंड के कॉल रिसीव न करने पर उसने घर की कई चीजें तोड़ डाली।
लव ब्रेन’ क्या है?
‘लव ब्रेन’ डॉक्टरी भाषा में एक नया शब्द हो सकता है। लेकिन ये बीमारी कोई नई नहीं है। सरल भाषा में समझें तो किसी के प्रति ज्यादा लगाव होना और फिर उसके बिना कहीं और दिल और दिमाग ना लगना ही ‘बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर’ की शुरुआत है।
बॉर्डरलाइन पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के बारे में जानिए
यह एक मानसिक स्वास्थ्य समस्या है, जिसमें शख्स की खुद की छवि को लेकर उलझन रहती है और साथ ही उसका मूड भी बहुत तेजी से बदलता रहता है। इस बीमारी से पीड़ित शख्स कुछ ही मिनटों या घंटों में बहुत ज्यादा गुस्से वाला हो सकता है या फिर बहुत ज्यादा खुश भी हो सकता है। इसके साथ ही उसे डिप्रेशन के दौरे भी पड़ सकते हैं। प्यार के मामले में भी, यह समस्या जुनून से नफरत तक ले जा सकती है। इसका मतलब है कि व्यक्ति किसी से बहुत ज्यादा प्यार करने लगता है, और फिर अचानक से उससे बहुत नफरत करने लगता है।
ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर का पता कैसे चलता है?
इसका पता लगाने के लिए कोई स्पष्ट टेस्ट नहीं होता, बल्कि किसी मानसिक रोग विशेषज्ञ या मनोचिकित्सक के द्वारा गहराई से जांच की जाती है। सबसे पहले वो आपसे सवाल पूछेंगे, जैसे कि आपको क्या लक्षण महसूस हो रहे हैं, आपके रिश्ते कैसे हैं, आपका परिवार कैसा है, और क्या आपके परिवार में किसी को कोई मानसिक बीमारी है या नहीं। कुछ मामलों में, ये भी हो सकता है कि आपका डॉक्टर किसी और शारीरिक बीमारी की संभावना को खत्म करने के लिए कुछ टेस्ट करवाए। दरअसल, ऑब्सेसिव लव डिसऑर्डर को अभी किसी आधिकारिक मानसिक रोगों की सूची में शामिल नहीं किया गया है, क्योंकि ये दूसरी मानसिक बीमारियों से भी जुड़ा हो सकता है।
इस बीमारी से क्या नुकसान होता है?
इस बीमारी का कनेक्शन दिल और दिमाग के बीच बने इमोशन से है। इस बीमारी से पीड़ित शख्स को किसी दूसरे शख्स की जरूरत इस कदर हो जाती है कि जब तक वो उसे अपनी छोटी से छोटी से बातें भी शेयर नहीं करता, तब तक वो बेचैन रहता है। ये बैचेनी डिप्रेशन को जन्म देती है। डिप्रेशन से मानसिक रोगों की संभावना काफी बढ़ जाती है।
लव ब्रेन’ जैसी बीमारी की चपेट में नौजवान कैसे आते हैं?
बचपन से जवानी की दहलीज पर पैर रखने वाले नौजवानों को अक्सर अपने अपोजिट सेक्स के प्रति आकर्षण हो जाता है, फिर बॉयफ्रेंड और गर्लफ्रेंड जैसा रिलेशन डिवलेप होता है। ये रिलेशन प्यार तक रहे तो ठीक है अगर ये प्यार जुनून की हद तक पहुंच जाए तो बेहद खतरनाक हैं। नौजवान शख्स की सोचने और समझने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। उसका किसी चीज में मन नहीं लगता है।
इस बीमारी की असली वजह क्या है?
आपके इस प्रश्न का जवाब ही इस बीमारी का असली इलाज है। ‘लव ब्रेन’ कोई संक्रमण रोग नहीं है जो वैक्सीन के डोज से ठीक हो जाए। ये बीमारी इंसानी प्यार, लगाव और इमोशन से जुड़ी है। जिन बच्चों को बचपन में पैरंट्स का प्यार नहीं मिलता, वह बच्चे बड़े होकर इसकी चपेट में आ जाते हैं। बच्चों को जब बचपन में घर से प्यार नहीं मिलता तो वह बाहर प्यार ढूंढते हैं और कई बार ये प्यार जुनून बन जाता है।
इसका इलाज क्या है?
इस बीमारी का सरल इलाज है कि पैरंट्स को अपने बच्चों को वक्त देना होगा। बच्चों के दिल की बात जाननी चाहिए। बच्चों को पैरंट्स की अटेंशन की जरूरत होती है। अगर कोई युवक या युवती लव ब्रेन की चपेट में आ गए हों तो वह ध्यान और योग की तरफ खुद को डायवर्ट करें। बेहद आराम होगा।