x
भारत

लोकसभा चुनाव 2024 : कौन हैं मोहिनी गौड़ा?,जिससे मिले PM मोदी , उसके काम की खूब की तारीफ -जानें


सरकारी योजना के लिए जुड़े Join Now
खबरें Telegram पर पाने के लिए जुड़े Join Now

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कर्नाटक के सिरसी दौरे पर अंकोला की फल विक्रेता मोहिनी गौड़ा से मुलाकात की. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के सिरसी में एक सार्वजनिक रैली में हिस्सा लिया था. वहीं, हेलीपैड पर पहुंचते ही उन्होंने सबसे पहले मोहिनी गौड़ा से मुलाकात की.न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, दरअसल, मोहिनी गौड़ा अंकोला की एक फल विक्रेता हैं और वह अंकोला बस स्टैंड पर पत्तों में लपेटे हुए फल बेचती हैं. उसकी एक अनोखी विशेषता है कि यदि कुछ लोग फल खाकर पत्ते फेंक देते हैं तो वह पत्ते उठाकर कूड़ेदान में फेंक देती है.

स्वच्छ भारत अभियान में सहयोग के लिए सराहना

इस दौरान पीएम मोदी ने मोहिनी गौड़ा के अच्छे काम के लिए उनकी सराहना की. पीएम मोदी के स्वच्छ भारत के दृष्टिकोण में योगदान देने वाले लोगों के ऐसे उदाहरण दूसरों के लिए भी प्रेरक शक्ति के रूप में काम करते हैं.

बहुत खुशी है पीएम मोदी दिल्ली से अंकोला के लोगों से मिलने आए

इससे पहले कर्नाटका विधानसभा चुनाव के दौरान भी पीएम मोदी ने लोगों से मुलाकात की थी. जहां पीएम मोदी ने उत्तर कन्नड़ जिले के अंकोला में कर्नाटक की पद्म पुरस्कार से सम्मानित तुलसी गौड़ा और सुकरी बोम्मगौड़ा से मुलाकात भी की थी. उनकी मुलाकात को लेकर कुछ तस्‍वीरें समाचार एजेंसी एएनआई ने अपने ट्विटर अकाउंट पर भी शेयर की थीं. पीएम मोदी ने इन महान विभूतियों का अभिवादन क‍िया. पीएम मोदी को तुलसी गौड़ा और सुकरी बोम्मागौड़ा ने आशीर्वाद भी दिया.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद पद्म पुरस्कार व‍िजेता तुलसी गौड़ा ने कहा क‍ि मुझे बहुत खुशी है कि पीएम मोदी दिल्ली से अंकोला के लोगों से मिलने आए हैं. उन्होंने मेरा आशीर्वाद लिया. मैं उनसे पहले भी दिल्ली में मिली थी और हम सभी बहुत खुश हैं.

फल बेचने वालीं मोहिनी गौड़ा के काम की खूब की तारीफ

मोहिनी हर रोज इस बात का ध्यान रखती हैं कि कोई भी ग्राहक फल खाकर उसकी झूठी पत्तियों को खुले में नहीं फेंके लेकिन फिर भी अगर कोई यात्री पत्तियों को जमीन पर फेंक कर जाता है तो वो उसे उठा कर कूडेदान में डाल आती हैं. ये उनकी दिनचर्या का हिस्सा भी बन गया है. ये आदत ऐसी है जिसे सुनते ही पीएम मोदी भी भावुक हो गए. 2014 में सरकार बनने के बाद पीएम मोदी ने सबसे पहले स्वच्छ भारत की मुहिम शुरु की थी. ये एक ऐसा जन आंदोलन बना था कि आज भी बच्चे खुले मे न खुद कूडा फेंकते हैं और न ही बड़ों को फेंकने देते है.

पीएम मोदी ने अनजाने चेहरों को भी सम्मान का हकदार बनाया

मोहिनी गौड़ा जैसे ही अनजाने चेहरे हैं जो पीएम मोदी के इसी स्वच्छ भारत के सपने को आगे बढाने के लिए एक उदाहरण के रूप में सामने आ रहे हैं. खास बात ये भी है कि ऐसे लोगों के बारे में पता चलते ही खुद पीएम मोदी भी उनसे मिलने और उन्हें प्रोत्साहित करने से पीछे नहीं रहते. पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे पीएम मोदी ने पद्मा पुरस्कारों को भी जनता के बीच दूर दराज के क्षेत्रों में सकारात्मक और राष्ट्र निर्माण का काम करने वाले अनजाने चेहरों को भी सम्मान का हकदार बना दिया है.

सफाई अभियान के लिए हैं चर्चित

रिपोर्ट के मुताबिक मोहिनी गौड़ा अपनी मेहनत और स्वच्छता अभियान को अपने जीवन का हिस्सा बना देने के लिए चर्चित हैं. वे अंकोला के बस स्टैंड पर पत्तों में रखकर फल बेचते हैं. कूड़े को इकट्ठा करने के लिए अपनी छोटी सी दुकान के पास डस्टबिन भी रखा हुआ है. काफी लोग अपनी जिम्मेदारी समझते हुए फल खाने के बाद बचे पत्ते को डस्टबिन में डालते हैं. लेकिन कुछेक कस्टमर ऐसे भी आ जाते हैं, जो फल खाने के बाद पत्ते को इधर- उधर फेंककर चल पड़ते हैं.

पीएम मोदी ने जताई थी मुलाकात की इच्छा

ऐसे में मोहिनी गौड़ा बिना उनसे कोई बहस किए उन पत्तों को उठाकर डस्टबिन में डाल देती हैं. उनका यही सौम्य व्यवहार लोगों में चर्चा का विषय बन गया. पीएम मोदी जब अपनी जनसभा को संबोधित करने के लिए उत्तरी कन्नड़ जिले में पहुंचे तो उन्होंने मोहिनी गौड़ा से मुलाकात की इच्छा व्यक्त की. उनकी इस इच्छा को मोहिनी गौड़ा तक पहुंचाया गया, जिसके बाद वे अंकोला से सिरसी पहुंची. जहां हैलीपैड पर पीएम मोदी ने उनसे मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने उनके व्यवहार और सफाई के प्रति समर्पण की सराहना की.

पद्मश्री अवार्डियों से भी लिया आशीर्वाद

इस दौरान पीएम मोदी ने पद्म श्री से सम्मानित तुलसी गौड़ा और सुकरी बोम्मगौड़ा से भी मुलाकात की. उन्होंने दोनों विभूतियों से मिलकर उनका आशीर्वाद भी लिया. पीएम से मुलाकात के बाद तुलसी गौड़ा ने खुशी जताई. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी प्रचार करने के लिए दिल्ली से अंकोला आए थे. यहां पर उन लोगों ने हमसे मुलाकात की और आशीर्वाद मांगा. हमने उन्हें जीत का आशीर्वाद दिया. इस मुलाकात से परिवार के लोगों समेत सभी बहुत खुश हैं.

Back to top button