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कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने पकड़ा अब नया खतरनाक रूप, डेल्टा+?


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नई दिल्ली – कोरोना वायरस के डेल्टा वेरियंट (B.1.617.2) को अब तक का सबसे संक्रामक रूप बताया जा रहा था। ये वेरिएंट (Delta Covid Variant) कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बढ़ने का मुख्य कारण बना। हालांकि अब वैज्ञानिकों को इस डेल्टा वेरिएंट के ज्यादा म्यूटेंट वर्जन के फैलने की आशंका है। वैज्ञानिकों को आशंका है कि भारत में सबसे पहले मिला कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट अब और भी संक्रामक AY.1 या डेल्टा+ में म्यूटेट कर चुका है।

ये नया म्यूटेंट एंटीबॉडी कॉकटेल को भी बेअसर करने में सक्षम है। मोनोक्लोनल एंटीबॉडी कॉकटेल फिलहाल कोरोना वायरस के इलाज में सबसे कारगर बताया जा रहा है। एक अख़बार में छपी खबर के मुताबिक, ब्रिटिश सरकार के स्वास्थ्य एवं सामाजिक देखभाल विभाग की एक कार्यकारी एजेंसी पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने ग्लोबल साइंस GISAID की पहल पर अब तक नए Okay417N उत्परिवर्तन के साथ डेल्टा (B.1.617.2) के 63 जीनोम की पहचान है।

दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के डॉक्टर और कम्प्यूटेशनल बायोलॉजिस्ट विनोद स्कारिया ने कहा कि Okay417N के बारे में विचार करने के लिए महत्वपूर्ण बिंदु मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवा कैसिरिविमाब और इम्डेविमाब के प्रतिरोध को बेअसर करने के सबूत हैं। स्कारिया ने रविवार को ट्वीट किया कि उभरते हुए वेरिएंट्स में डेल्टा+ (बी.1.617.2.1) को Okay417N म्यूटेशन के अधिग्रहण की विशेषता थी, जो रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन को मैप करता है. ये इम्यून एस्केप से भी जुड़ा है।

उन्होंने कहा, ‘Okay417N के लिए वेरिएंट फ़्रीक्वेंसी भारत में बहुत अधिक नहीं है। अभी तक सिर्फ 6 मामले रिपोर्ट हुए हैं। जैसे-जैसे डेल्टा विकसित हो रहा है, ये और म्यूटेंट हो रहा है।’स्कारिया ने बताया कि दुनियाभर में अब उपलब्ध कई जीनोम AY.1 या B.1.617.2.1 वंश का हिस्सा थे।

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