बंगाल उपचुनाव में हार से भाजपा में कोहराम, अमिताभ चक्रवर्ती दिल्ली तलब
पश्चिम बंगाल : पश्चिम बंगाल की बालीगंज विधानसभा सीट और पश्चिम बर्दवान जिले के आसनसोल लोकसभा क्षेत्र में शनिवार को हुए उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद भाजपा के बंगाल नेतृत्व के खिलाफ सवाल उठने फिर से शुरू हो गए है। राज्य महासचिव अमिताभ चक्रवर्ती को दिल्ली तलब किया गया है। दोनों सीटें पूर्व भाजपा नेताओं ने जीती हैं जो अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के साथ हैं। बालीगंज जहां टीएमसी का जाना माना गढ़ है। जबकि आसनसोल लोकसभा सीट आजादी के बाद पहली बार सत्ताधारी पार्टी ने जीती है। पहले यह वामपंथियों के नियंत्रण में हुआ करता था।
पश्चिम बंगाल उपचुनाव में मिली करारी हार भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के गले नहीं उतर पा रहा है। वरिष्ठ नेताओं ने कहा है कि राज्य महासचिव (संगठन) अमिताभ चक्रवर्ती को केंद्रीय नेताओं ने अगले सप्ताह दिल्ली बुलाया है। खासकर आसनसोल सीट के नुकसान को ज्यादा गंभीरता से लिया गया है। इस सीट ने बंगाल में पार्टी की लोकसभा की संख्या को 18 से 17 कर दिया है।
भाजपा नेतृत्व के लिए शर्मिंदगी पैदा करते हुए राज्य के उपाध्यक्ष और लोकसभा सदस्य सौमित्र खान, जो पहले टीएमसी के साथ थे, ने कहा, “वर्तमान में हमारे पास बंगाल में अनुभवहीन नेता खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार हैं। हमारे लिए टीएमसी से सीखने के लिए बहुत कुछ है।”
मुर्शिदाबाद जिले के विधायक गौरी शंकर घोष ने पार्टी पर अकुशल लोगों को नेतृत्व की भूमिका में रखने का आरोप लगाते हुए शनिवार को राज्य महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी नहीं छोड़ रहा हूं। मैं महासचिव का पद छोड़ रहा हूं क्योंकि मेरे फैसलों का कोई मतलब नहीं है। वहीं, नदिया जिले में भी 10 नेताओं ने भी इसी तरह के कारणों का हवाला देते हुए शनिवार को इस्तीफा दे दिया।
उधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “हम उन लोगों से बात करेंगे जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है और उनकी शिकायतों पर चर्चा करेंगे।” सौमित्र खान की आलोचना को अपनी निजी राय बताते हुए मजूमदार ने कहा: “उन्हें (खान को) याद रखना चाहिए कि इन उपचुनावों के पर्यवेक्षक सुवेंदु अधिकारी थे और सह-पर्यवेक्षक अर्जुन सिंह थे।” अधिकारी और सिंह दोनों खान की तरह पक्ष बदलने से पहले टीएमसी के वरिष्ठ नेता थे।
गौरतलब है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो, जो पिछले साल नरेंद्र मोदी सरकार से हटाए जाने के बाद टीएमसी में शामिल हुए ने बालीगंज से जीत हासिल की है। जबकि इस सीट पर भाजपा के कीया घोष की जमानत तक जब्त हो गई। यह सीट मंत्री सुब्रत मुखर्जी की सीट थी लेकिन उनके निधन के बाद यह सीट पिछले वर्ष नवंबर माह में खाली हो गई थी। वहीं, आसनसोल लोकसभा सीट जो बाबुल सुप्रियो ने खाली की थी, उस पर अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने चुनाव जीता। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी स्थानीय भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल को तीन लाख से अधिक मतों के अंतर से हराया।