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भारत

गर्भनिरोधक गोली सहेली बनाने वाले डॉ. नित्या आनंद का 99 वर्ष की आयु में निधन

नई दिल्ली – भारतीय औषधि अनुसंधान के क्षेत्र के पुरोधा और देश के जाने-माने वैज्ञानिक पद्मश्री डॉ नित्यानंद का शनिवार को सुबह हृदय गति रुकने में से निधन हो गया। उनके निधन की खबर सुनकर देश का विज्ञान जगत शोक में डूब गया है। यह निश्चित ही वैज्ञानिक जगत के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।उनकी शख्सियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भारत में ‘हम दो हमारे दो’ की अवधारणा उन्हीं की देन थी। स्त्रियों के लिए हानि रहित बेहद मामूली कीमत वाली सुलभ गैर-स्टेरायडल गर्भनिरोधक ‘छाया’ उन्हीं की देन है। जिसे पहले सहेली के नाम से जाना जाता था।

प्रो. सोनिया नित्यानंद के पिता हैं

प्रो. नित्यानंद केजीएमयू वीसी प्रो. सोनिया नित्यानंद के पिता हैं। उनके निधन पर केजीएमयू व लोहिया संस्थान के कई डॉक्टरों ने शोक व्यक्त किया है। सोमवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके निधन पर सीडीआरआई की निदेशक डॉ. राधारंगराजन ने भी शोक व्यक्त कर श्रद्धांजलि दी।उन्होंने कहा कि डॉ. नित्यानंद असाधारण वैज्ञानिक, अद्भुत इंसान और सीडीआरआई के महान निदेशक थे। उन्होंने भारतीय फार्माकोपिया आयोग की स्थापना समेत संस्थान और देश के लिए कई योगदान दिए। संस्थान से सेवानिवृत्ति के बाद भी वह वैज्ञानिक के रूप में सक्रिय रहे।

राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम में शामिल किया

डॉ. सोनिया नित्यानंद ने कहा, “ दुनिया की पहली और एकमात्र गैर-स्टेरायडल, गैर-हार्मोनल मौखिक, सप्ताह में एक बार मौखिक गर्भनिरोधक ‘सेंटक्रोमैन’ उर्फ ​​’सहेली’ के पीछे मेरे पिता का दिमाग था। इसे 2016 से भारत के राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम में शामिल किया गया है। यह सुरक्षित होने के साथ गर्भनिरोधक के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी दवा थी। अब भी यह दुनिया का एकमात्र गैर-स्टेरायडल गैर-हार्मोनल गर्भनिरोधक है, जो बहुत गर्व की बात है कि इसे भारत में और लखनऊ में भी विकसित किया गया है।

‘हम दो-हमारे दो’ की अवधारणा नित्यानंद की

भारत में जनसंख्या नियंत्रण के लिए ‘हम दो-हमारे दो’ की अवधारणा नित्यानंद की ही देन थी। महिलाओं के लिए हानिरहित और बहुत ही मामूली कीमत वाली सुलभ गैर-स्टेरायडल गर्भनिरोधक ‘छाया’ उन्हीं की देन है। इसे ही पहले सहेली के नाम से जाना जाता था। भारत सरकार ने सन 2012 में उन्हें पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया था।महिलाओं की स्वास्थ्य देखभाल यह गर्भनिरोधक विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त और स्थापित एक महान योगदान माना जाता है। यही नहीं भारत में उन्हें सस्ती और सुलभ दवाइयों के साथ ही जेनेरिक फार्मा का जनक माना जाता है।

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