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एल्विश यादव रेव पार्टी मामला : कैसे होता है सांप के जहर से नशा,बढ़ गई है रेव पार्टियों में इसकी डिमांड


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मुंबई – बिग बॉस ओटीटी-2 के विजेता और फेमस यूट्यूबर एल्विश यादव अब मुसीबत में फंसते नजर आ रहे हैं। दरअसल, नोएडा की रेव पार्टियों में नशे के लिए कोबरा करैत प्रजाति के सांप (Krait Snake) का जहर इस्तेमाल किया जा रहा था, इस बात की पुष्टि जयपुर स्थित फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (FSL) ने की है।

मेनका गांधी के एनजीओ ने एल्विश यादव समेत कुछ लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था

बता दें, इस मामले में बीजेपी सांसद मेनका गांधी के एनजीओ ने एल्विश यादव समेत कुछ लोगों के खिलाफ नोएडा सेक्टर-49 थाने में केस दर्ज करवाया था, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पकड़े गए सांपों के जहर को टेस्ट के लिए एफएसएल के लैब में भेज दिया था। इसके नतीजे भी सामने आ चुके हैं, जो अब एल्विश यादव की गिरफ्तारी को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। ऐसे में आइए जानते हैं, कि कैसे होता है सांपों के जहर से नशा और क्यों बढ़ गई है रेव पार्टियों में इसकी डिमांड।

क्या सचमुच होता है सांप के जहर से नशा?

रेव पार्टियों में नशे के लिए कोकीन, हेरोइन और मॉर्फिन ही नहीं, आजकल सांपों के जहर का इस्तेमाल भी बढ़ गया है। एंटी वेनम के तौर पर तो सांप के जहर का यूज आपने सुना होगा, लेकिन क्या आपने इससे होने वाले नशे के बारे में कभी सुना है? जी हां, इसके लिए उस सांप के जहर की हल्की डोज ली जाती है, जो दिमाग को सुन्न करने का काम करती है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो सांप के जहर से बना नशा बाकी नशे से अलग होता है। इसे बनाते वक्त बेहद सावधानी बरती जाती है, और ये नशा शराब या ड्रग्स की तुलना में लंबे समय तक रहता है।

सांप के जहर से होने वाले नशे में कितना जोखिम?

आमतौर पर सांप का जहर बॉडी को या तो पैरालाइज कर देता है या मौत की वजह बनता है, लेकिन नशे के लिए इसका इस्तेमाल करते समय अगर इसकी डोज में हल्की सी भी चूक होती है, तो सीधा मौत का जोखिम रहता है। इसे लेने के दो तरीके होते हैं, पहला सीधा सांप से कटवाकर और दूसरा इंजेक्शन के द्वारा। अगर कोई शख्स सीधा सांप से डसवाकर इस जहर को नशे के लिए ले रहा है, तो जहर की मात्रा का अनुमान लगाना मुस्किल होता है। इसमें पाई जाने वाली न्यूरोटॉक्सिसिटी, दिमाग को सुन्न करके इंसान को लंबे वक्त के लिए नशे की हालत में ले जाती है, लेकिन साथ ही इससे पैरालिसिस (Paralysis) या मौत होने का जोखिम भी रहता है।

कैसे होता है नशे के लिए सांप के जहर का यूज?

देश में पिछले कुछ दिनों में सांप के जहर से होने वाले नशे के मामले सामने आए हैं। इस जहर में न्यूरोटॉक्सिन्स होते हैं जो कुछ रिसेप्टर्स से जुड़कर नर्वस सिस्‍टम को प्रभावित करते हैं। चूंकि इनमें एनाल्जेसिक प्रभाव पाया जाता है, ऐसे में यह नशा करने वाले शख्स को खुशी महसूस करवाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस नशे को लेने के लिए हाथ की उंगलियां, पंजे और तलवे ही नहीं, बल्कि सीधा जीभ पर भी सांप से कटवाया जाता है। स्टडीज की मानें, तो इस नशे का बॉडी पर असर 3-4 हफ्तों तक रह सकता है।

सांप से कटवाने के बाद क्या दिखते हैं लक्षण?

सांप से काटवाने पर आमतौर पर शरीर में इसके लक्षण 3-4 हफ्तों तक बने रहते हैं। आंखों से धुंधला नजर आने लगता है और दिमाग एकदम सुन्न पड़ जाता है। इसी नशे के अहसास में धीरे-धीरे शरीर को इसकी आदत लग जाती है और नशे का असर खत्म होने पर शरीर इस ड्रग्स की दोबारा मांग करने लगता है। यही नहीं, इसे लेने पर लंबे समय के लिए इंसान अपना होश भी खो सकता है, सांस लेने में मुश्किल हो सकती है और हृदय गति भी रुक सकती है।

आरोपियों ने पुलिस के सामने कुबूल की थी कई बातें

सांपों की तस्करी और रेव पार्टी को लेकर चल जांच जारी है और पिछले साल नवंबर में आरोपियों को रिमांड पर भी लिया गया था। इसके बाद नोएडा पुलिस ने उनसे कई घंटे की पूछताछ की थी, जिसमें आरोपियों की तरफ से कई खुलासे भी किए गए थे। आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस के सामने कुबूल किया था कि इन रेव पार्टियों में बीन प्रोग्राम और सांपों का खेल भी करवाया जाजा है और इनका कनेक्शन एल्विश और फाजिलपुरिया से भी बताया गया। इसके बाद पुलिस पता लगाने में जुट गई थी।

रेस्क्यू किए गए सांपों की विषग्रिथियां गायब थीं


इस केस में नोएडा पुलिस भी एल्विश से पूछताछ कर चुकी है। दरअसल पशु चिकित्सा विभाग की ओर से जांच में पता लगा था कि रेस्क्यू किए गए 9 सांपों की विष ग्रंथियां गायब थीं। इस मामले में एल्विश के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-B के तहत आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है, जिसमें एल्विश का भी नाम है। पीआई की रिपोर्ट में बताया गया था पिछले साल 3 नवंबर को आरोपियों से रेस्क्यू किए गए सभी नौ सांपों की जहर वाली ग्रंथियां गायब थीं और इनमें 5 कोबरा सांप थे। बताया गया था कि इनमें से 8 सांपों के दांत भी गायब थे। जांच कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर निखिल वार्सने ने पीटीआई को बताया था कि सभी नौं सांप उनकी कस्टडी में थे और फिर कोर्ट से ऑर्डर लेने के बाद उन्हें सूरजपुर वेटलैंड्स में छोड़ दिया गया।

पिछले साल 3 नवंबर की है ये घटना

यहां आपको ये भी याद दिलाना चाहेंगे कि ये घटना पिछले साल 3 नवंबर की है। नोएडा सेक्टर 51 में मौजूद एक बैंकेट हॉल से पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार था। इनके पास 9 सांप मिले थे जिनमें से 5 कोबरा सांप थे। इन लोगों के पास से पुलिस को 20 ml संदिग्ध जहर भी मिले थे। हालांकि, पुलिस की तरफ बताया गया था कि उस हॉल से जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया था उनमें एल्विश यादव शामिल नहीं थे, लेकिन उनकी संलिप्ता को लेकर जांच जारी है।

कहा- एल्विश यादव की पार्टी के लिए बदरपुर से सांप लाए जाते थे


हालांकि, जिन्हें पकड़ा गया था उनसे मिली जानकारी में बताया गया था कि इसका कनेक्शन एल्विश और फाजिलपुरिया से था। उन्होंने जानकारी दी थी कि एल्विश यादव की पार्टी के लिए बदरपुर से सांप लाए

का इंतजाम करता था। उसने बताया था कि डिमांड के हिसाब से सपेरे से लेकर ट्रेनर और बाकी चीजें उपलब्ध कराया जाता था।

एल्विश समेंत 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज


नवंबर में इस मामले में पुलिस समेत 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज है, जिसमें बताया जा चुका है कि एल्विश जिंदा सांपों के साथ नोएडा के फार्म हाउस पर वीडियो बनाया करते हैं और रेव पार्टी के दौरान उनका इस्तेमाल करते हैं। इस एफआईआर में कहा गया था कि इस पार्टी में विदेश लड़कियां भी होती हैं और सांप के जहर का इस्तेमाल ड्रग्स की तरह होता है। इसमें सांप के जहर को किसी केमिकल के साथ मिलाने की भी खबर थी।

एल्विश ने मेनका गांधी को दिया था जवाब- मैं उन्हें नहीं छोड़ूंगा


वहीं एल्विश ने भी बदले में सांसद मेनका गांधी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करने की धमकी दी थी। एक व्लॉग में एल्विश ने मेनका पर अपनी छवि खराब करने का आरोप लगाया था और कहा था कि सच्चाई खुद सामने आ जाएगी। एल्विश ने अपने वीडियो में कहा था, ‘मेनका गांधी ने मुझे सांप सप्लायरों का मुखिया कहा, मैं उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा करूंगा। मैं उन्हें नहीं छोड़ूंगा। अब मैं इन सभी चीजों को लेकर मैं एक्टिव हो गया हूं। पहले मैं सोचता था कि मैं अपना समय बर्बाद न करूं, लेकिन अब मेरी इमेज खराब हो रही है।’

‘अपना और अपने परिवार का नाम खराब नहीं करूंगा’

उन्होंने आगे ये भी कहा था, ‘मैं इस तरह की गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होकर अपना और अपने परिवार का नाम खराब नहीं करूंगा। अगर इस मामले में मेरी एक पर्सेंट भी संलिप्तता साबित होती है तो मैं खुद ही सरेंडर कर दूंगा, फिर चाहे इसकी सजा 10 साल हो या 100 साल। हर किसी को पता है कि मेरा स्तर इतना नीचे नहीं गिरा है कि मैं इस तरह का काम करूं।’

क्या होते हैं सायकोएक्टिव ड्रग?

सांप के जहर को सायकोएक्टिव ड्रग की कैटेगरी में रखा गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, सायकोएक्टिव ड्रग सीधे पर दिमाग पर असर छोड़ते हैं. अल्कोहल और निकोटिन भी इसी कैटेगरी में आते हैं. कानूनी तौर पर इनका इस्तेमाल दवा निर्माण और रिसर्च के क्षेत्र में किया जाता है. बिना डॉक्टरी सलाह या प्रिस्क्रिप्शन के इसे खरीदना या किसी को देना कई देशों में अपराध के दायरे में आता है.

इस तरह के ड्रग का इस्तेमाल सीधेतौर पर मौत का खतरा बढ़ाता है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तरह के ड्रग का इस्तेमाल मौत की वजह बनता है. 15 से 64 की दुनिया की 5.5 फीसदी (27 करोड़) आबादी ने पिछले साल ऐसे सायकोएक्टिव ड्रग का इस्तेमाल किया. इसमें सालाना 5 लाख लोगों की मौत हो गई. जिसमें 3,50,000 पुरुष और 1,50,000 महिलाएं थीं.

सांप के जहर का क्या करते हैं?

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में ऐसे कई ड्रग का चलन बढ़ रहा है जो अल्कोहल एडिक्शन को बढ़ाते हैं. सांप का जहर भी इसी कैटेगरी में आता है. इन्हें सायकोएक्टिव पदार्थ कहते हैं. गांवों से लेकर शहरों तक, इनका इस्तेमाल किया जा रहा है. कुछ साल पहले भारत में एक ऐसा भी मामला सामने आया था जिसमें 28 साल के एक युवा ने सांप का जहर पी लिया था. इसकी शुरुआत अल्कोहल में सांप का जहर मिलाने से हुई थी. पहले उसने शराब और जहर को मिलाकर पीना शुरू किया, फिर एडिक्शन इतना बढ़ा कि उसने जहर पी लिया.

किस प्रजाति के सांप के जहर से किया जाता था नशा?

आपको बता दें कि FSL रिपोर्ट में कोबरा करैत प्रजाति के सांपों का जहर होना पाया गया है. नोएडा की रेव पार्टियों और क्लबों में ये जहर सप्लाई होता था. शिकायत मिलने के बाद नोएडा पुलिस ने जयपुर FSL को जांच के लिए सांपों के जहर के सैंपल भेजे थे. अब नोएडा पुलिस ने जयपुर एफएसएल से कार्रवाई के लिए ये जांच रिपोर्ट ली है.

इस तरीके से हुआ था मामले का खुलासा

बताया जा रहा है की संस्था से जुड़े लोगों ने पहले ग्राहक बनकर एल्विश यादव से संपर्क किया. उसके बाद एल्विश यादव ने अपने दूसरे साथी का नंबर दिया, जिसके बाद संस्था से जुड़े लोगों ने थाना सेक्टर 49 पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने इस गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफ्तार किया था. मालूम हो कि इन 5 गिरफ्तार लोगों के कब्जे से पुलिस को 9 सांप भी बरामद किए थे, जिनको वन विभाग को सौंप दिया गया था.

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